"चतुर्थ पंचवर्षीय योजना" के अवतरणों में अंतर

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*इसके बाद चतुर्थ पंचवर्षीय योजना बनी।
 
 
;चतुर्थ योजना के मूल उद्देश्य
 
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#स्थिरता के साथ आर्थिक विकास तथा  
 
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*स्थिरता के साथ विकास लक्ष्य, कृषि विकास के लिए गहन कृषि विकास कार्यक्रम अपनाया गया, पीडीएस को संगठित किया गया। आत्मनिर्भरता के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आयात प्रतिस्थापक को अधिक महत्त्व दिया गया। आर्थिक शक्ति के केंद्रीकरण को रोकने के लिए एमआरटीपी एक्ट व पिछड़े क्षेत्रों  में उद्योग स्थापित हुआ।
 
*चतुर्थ योजना में राष्ट्रीय आय की 5.7% वार्षिक औसत वृद्धि दर प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया, बाद में इसमें 'सामाजिक न्याय के साथ विकास' और 'ग़रीबी हटाओ' जोड़ा गया।
 
*चतुर्थ योजना में राष्ट्रीय आय की 5.7% वार्षिक औसत वृद्धि दर प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया, बाद में इसमें 'सामाजिक न्याय के साथ विकास' और 'ग़रीबी हटाओ' जोड़ा गया।
  

09:44, 19 अगस्त 2014 का अवतरण

चतुर्थ पंचवर्षीय योजना
चतुर्थ पंचवर्षीय योजना
विवरण यह भारत की राष्ट्रीय योजना है जो प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में योजना आयोग द्वारा विकसित और कार्यान्वित होती है।
कार्यकाल वर्ष 1969 से 1974 तक
अध्यक्ष इंदिरा गाँधी
उपाध्यक्ष डीआर गॉडगिल
योजना आकार 15,902 करोड़
विकास लक्ष्य 5.7 फ़ीसदी
वास्तविक 3.3 फ़ीसदी
अन्य जानकारी स्थिरता के साथ विकास लक्ष्य, कृषि विकास के लिए गहन कृषि विकास कार्यक्रम अपनाया गया, पीडीएस को संगठित किया गया। आत्मनिर्भरता के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आयात प्रतिस्थापक को अधिक महत्त्व दिया गया। आर्थिक शक्ति के केंद्रीकरण को रोकने के लिए एमआरटीपी एक्ट व पिछड़े क्षेत्रों में उद्योग स्थापित हुआ।

चतुर्थ पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल 1969 से 1974 तक रहा। भारत में प्रथम पंचवर्षीय योजना (1951-56), द्वितीय पंचवर्षीय योजना, जिसका लक्ष्य 'तीव्र औद्योगिकीकरण' था, तृतीय पंचवर्षीय योजना, जिसका कार्यकाल 1961 से 1966 तक रहा। इन योजनाओं के बाद योजना अवकाश रहा, जिसमें तीन वार्षिक योजना चलाई गयीं। इसके बाद चतुर्थ पंचवर्षीय योजना बनी।

चतुर्थ योजना के मूल उद्देश्य
  1. स्थिरता के साथ आर्थिक विकास तथा
  2. आत्मनिर्भरता की अधिकाधिक प्राप्ति।
  • स्थिरता के साथ विकास लक्ष्य, कृषि विकास के लिए गहन कृषि विकास कार्यक्रम अपनाया गया, पीडीएस को संगठित किया गया। आत्मनिर्भरता के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आयात प्रतिस्थापक को अधिक महत्त्व दिया गया। आर्थिक शक्ति के केंद्रीकरण को रोकने के लिए एमआरटीपी एक्ट व पिछड़े क्षेत्रों में उद्योग स्थापित हुआ।
  • चतुर्थ योजना में राष्ट्रीय आय की 5.7% वार्षिक औसत वृद्धि दर प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया, बाद में इसमें 'सामाजिक न्याय के साथ विकास' और 'ग़रीबी हटाओ' जोड़ा गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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