कटक

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:44, 10 जनवरी 2011 का अवतरण (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति")
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

कटक वर्तमान उड़ीसा की मध्ययुगीन राजधानी था, जिसे पद्मावती भी कहते थे। यह नगर महानदी व उसकी सहायक नदी काठजूड़ी के मिलन स्थल पर बना है।

इतिहास

यह केशरी वंशीय राजा नृपति केशरी द्वारा 941 ई. में बसाया गया था। कटक के पास ही विरुपा नदी बहती है, जो अपने प्राचीन बाँध के कारण जानी जाती है। यहाँ दुर्ग प्राचीन है, लेकिन अब इसके ध्वंसावशेष ही बाकी हैं। गंग वंशीय शासक अनंग भीमदेव द्धारा निर्मित बारह-बाटी नामक क़िले के खण्डहर यहाँ से एक मील दूर काठजूड़ी के तट पर हैं। भीमदेव ने 1180 ई. में यह क़िला बनवाया था। कहा जाता है, कि वर्तमान जगन्नाथपुरी के विख्यात मन्दिर का निर्माण भी उसी ने करवाया था। कटक मुग़लों के पतन के बाद मराठों के अधिकार में आ गया। यहाँ पर जुआंग जनजाति के लोग रहा करते थे।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ