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अजीर्णिः (स्त्रीलिंग) [नञ्+जृ+क्तिन्]

1. अपच, बदहजमी मन्दाग्नि-कैर-जीर्णभयाद् भ्रातर्भोजनं परिहीयत'-हि. 2/57
2. वीर्य, बल, शक्ति, क्षय का अभाव।[1]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 16 |

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