"अर्ज़ियाँ -कुलदीप शर्मा" के अवतरणों में अंतर
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वह एक बड़ा अफसर है | वह एक बड़ा अफसर है | ||
− | इस बड़े से | + | इस बड़े से दफ़्तर में |
जहाँ बहुत सारे लोग | जहाँ बहुत सारे लोग | ||
ताँता लगा देते हैं हर रोज़ | ताँता लगा देते हैं हर रोज़ | ||
पंक्ति 48: | पंक्ति 48: | ||
तो यकीनन निजात पाएँगे | तो यकीनन निजात पाएँगे | ||
वे अपने दु:ख स़े | वे अपने दु:ख स़े | ||
− | रूठी हुई | + | रूठी हुई खुशियों को पतियाकर |
लौटा ही लाएंगे किसी तरह | लौटा ही लाएंगे किसी तरह | ||
वे समझते हैं | वे समझते हैं | ||
− | भाग्य बदलने के लिए | + | भाग्य बदलने के लिए ज़रूरी है |
लिखी जाएं अर्जियां | लिखी जाएं अर्जियां | ||
अर्जियों से या | अर्जियों से या | ||
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बड़ा अफसर | बड़ा अफसर | ||
डसी बड़े मेज़ पर से | डसी बड़े मेज़ पर से | ||
− | जारी करता है | + | जारी करता है आदेश |
कि दूर किये जाएँ सारे दु:ख़ | कि दूर किये जाएँ सारे दु:ख़ | ||
मुश्किल यह है | मुश्किल यह है | ||
पंक्ति 110: | पंक्ति 110: | ||
मिल गया हो सुराग़ | मिल गया हो सुराग़ | ||
उन लोगों की जेब में हैं | उन लोगों की जेब में हैं | ||
− | कुछ गिने चुने | + | कुछ गिने चुने शब्द |
एक निश्छल दिल | एक निश्छल दिल | ||
थोड़े से पैसे | थोड़े से पैसे |
10:45, 2 जनवरी 2018 के समय का अवतरण
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