"अशाँत कस्बा -अनूप सेठी" के अवतरणों में अंतर
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पहाड़ी कस्बा सोएगा रोज रात | पहाड़ी कस्बा सोएगा रोज रात | ||
सैलानी दो चार दिन रुकेंगे | सैलानी दो चार दिन रुकेंगे | ||
− | अलसाए | + | अलसाए बाज़ार में टहलती रहेगी ज़िंदगी |
सफेद फाहों में चाहे धसक जाए चाँद | सफेद फाहों में चाहे धसक जाए चाँद | ||
पंक्ति 73: | पंक्ति 73: | ||
आस-पास के गाँवों से आकर | आस-पास के गाँवों से आकर | ||
कुछ लोग कचहरियों में बैठे रहेंगे दिनों दिन | कुछ लोग कचहरियों में बैठे रहेंगे दिनों दिन | ||
− | कुछ बजाजों से कपड़ा | + | कुछ बजाजों से कपड़ा ख़रीदेंगे |
लौटते हुए गोभी का फूल ले जाएँगे | लौटते हुए गोभी का फूल ले जाएँगे | ||
17:09, 30 दिसम्बर 2013 के समय का अवतरण
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