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#2001-जहरीला[[चित्र:Om-Puri-and-Rashmi-Ghosh.jpg|thumb|300px|फ़िल्म 'बनारस 1918' में ओम पुरी और रश्मि घोष]]
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06:22, 19 नवम्बर 2012 का अवतरण

ओम पुरी
ओम पुरी
पूरा नाम ओम राजेश पुरी
प्रसिद्ध नाम ओम पुरी
जन्म 18 अक्टूबर, 1950 (74 वर्ष)
जन्म भूमि अम्बाला, पंजाब
पति/पत्नी सीमा (तलाकशुदा), नंदिता पुरी
संतान ईशान
कर्म भूमि मुम्बई
कर्म-क्षेत्र अभिनय
मुख्य फ़िल्में 'घासीराम कोतवाल', 'आक्रोश', 'सद्गति', 'पिता', 'भवनी भवाई', 'स्पर्श', 'आस्था', 'अर्द्धसत्य', 'मिर्च मसाला', 'प्रेमग्रंथ', 'मृत्युदण्ड', 'नरसिम्हा', 'घातक', 'मालामाल वीकली' आदि।
शिक्षा स्नातक
विद्यालय 'फ़िल्म एंड टेलिविजन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया', 'नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा', दिल्ली
पुरस्कार-उपाधि 'फ़िल्म फ़ेयर पुरस्कार' (1981); 'राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार' (1982), (1984); 'पद्मश्री' (1990)
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी ओम पुरी वर्ष 1976 की फ़िल्म 'घासीराम कोतवाल' से पहली बार हिन्दी दर्शकों से रू-ब-रू हुए।
अद्यतन‎ 6:36, 17 नवम्बर-2012 (IST)

ओम राजेश पुरी (अंग्रेज़ी: Om Puri; जन्म- 18 अक्टूबर, 1950, अम्बाला, पंजाब) हिन्दी फ़िल्मों के उन प्रसिद्ध अभिनेताओं में से एक है, जो अपनी अभिनय क्षमता से किसी भी किरदार को पर्दे पर जीवंत करने में सक्षम हैं। वे भारतीय सिनेमा के एक कालजयी अभिनेता हैं। उनके अभिनय का हर अन्दाज दर्शकों को प्रभावित करता है। रूपहले पर्दे पर जब ओम पुरी का हँसता-मुस्कुराता चेहरा दिखता है तो दर्शकों को भी अपनी खुशियों का अहसास होता है और उनके दर्द में दर्शक भी दु:खी होते हैं। हिन्दी फ़िल्मों में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए उन्हें 'राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार', 'फ़िल्म फ़ेयर पुरस्कार' और 'पद्मश्री' आदि से भी सम्मानित किया जा चुका है। ओम पुरी हिन्दी सिनेमा के वह सितारे हैं, जिन्हें लोग हर भूमिका में देखना पसंद करते हैं। कलात्मक सिनेमा हो या कमर्शियल सिनेमा, वह सभी जगह अपना प्रभाव छोड़ते हैं।

जन्म तथा शिक्षा

ओम पुरी का जन्म 18 अक्टूबर, 1950 को पंजाब के अम्बाला शहर में हुआ था। उनके बचपन का अधिकांश समय अम्बाला में ही व्यतीत हुआ। 'फ़िल्म एंड टेलिविजन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया' से स्नातक के बाद ओम पुरी ने देश की राजधानी दिल्ली स्थित 'नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा' (एनएसडी) से अभिनय का कोर्स किया। यहीं पर उनकी मुलाकात नसीरुद्दीन शाह जैसे कलाकार से भी हुई।

विवाह

ओम पुरी का निजी जीवन कई बार विवादों के घेरे में आया। उन्होंने दो विवाह किये हैं। उनकी पहली पत्नी का नाम 'सीमा' है। किंतु यह दाम्पत्य जीवन अधिक लम्बा नहीं चला और उनका तलाक हो गया। इसके बाद ओम पुरी ने नंदिता पुरी से विवाह किया। नंदिता और ओम पुरी एक पुत्र के माता-पिता भी बने। उनके पुत्र का नाम ईशान है।

फ़िल्मी शुरुआत

'नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा' से अभिनय का औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ओम पुरी ने हिन्दी फ़िल्मों की ओर रूख किया। वर्ष 1976 की फ़िल्म 'घासीराम कोतवाल' में वे पहली बार हिन्दी दर्शकों से रू-ब-रू हुए। 'घासीराम कोतवाल' की संवेदनशील भूमिका में अपनी अभिनय क्षमता का प्रभावी परिचय ओम पुरी ने दिया और धीरे-धीरे वे मुख्य धारा की फ़िल्मों से अलग समानांतर फ़िल्मों के सर्वाधिक लोकप्रिय अभिनेता के रूप में उभरने लगे।

सफलता

वर्ष 1981 में ओम पुरी को फ़िल्म 'आक्रोश' मिली। 'आक्रोश' में उनके अभिनय की जमकर तारीफ़ हुई। इसके बाद फ़िल्मी दुनिया में उनकी गाड़ी चल निकली। 'भवनी भवई', 'स्पर्श', 'मंडी', 'आक्रोश' और 'शोध' जैसी फ़िल्मों में ओम पुरी के सधे हुए अभिनय का जादू दर्शकों के सिर चढ़कर बोला। किंतु उनके फ़िल्मी सफर में मील का पत्थर साबित हुई- 'अर्धसत्य'। 'अर्धसत्य' में युवा, जुझारू और आंदोलनकारी पुलिस ऑफिसर की भूमिका में वे बेहद जँचे।

धीरे-धीरे ओम पुरी समानांतर सिनेमा की एक बड़ी जरूरत बन गए। समानांतर सिनेमा जगत में अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराने के साथ-साथ ओम पुरी ने मुख्य धारा की फ़िल्मों का भी रूख किया। कभी नायक, कभी खलनायक तो कभी चरित्र अभिनेता और हास्य अभिनेता के रूप में वे हर दर्शक वर्ग से रू-ब-रू हुए और उनकी प्रशंसा के पात्र बने।

प्रसिद्ध कलाकारों के साथ कार्य

नसीरुद्दीन शाह और स्मिता पाटिल के साथ ओम पुरी ने 'भवनी भवई', 'अर्धसत्य', 'मिर्च मसाला' और 'धारावी' जैसी फ़िल्मों में काम किया।

अंतरराष्ट्रीय पहचान

ओम पुरी हिन्दी फ़िल्मों के उन गिने-चुने अभिनेताओं की सूची में शामिल हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनायी है। 'ईस्ट इज ईस्ट', 'सिटी ऑफ़ ज्वॉय', 'वुल्फ़', 'द घोस्ट एंड डार्कनेस' जैसी हॉलीवुड फ़िल्मों में भी उन्होंने अपने उम्दा अभिनय की छाप छोड़ी है। 'सैम एंड मी', 'सिटी ऑफ़ ज्वॉय' और 'चार्ली विल्सन वार' जैसी अंग्रेज़ी फ़िल्मों समेत उन्होंने लगभग 200 फ़िल्मों में काम किया। 'चार्ली विल्सन' में उन्होंने पाकिस्तान के राष्ट्रपति जिया उल हक की भूमिका निभाई थी। हाल के वर्षों में मकबूल और देव जैसी गंभीर फ़िल्मों में अभिनय करने वाले ओम पुरी अपने सशक्त अभिनय के साथ ही अपनी सशक्त आवाज़ के लिए भी जाने जाते हैं।

हास्य भूमिकाएँ

जीवन के कई वसंत देख चुके ओम पुरी आज भी हिन्दी फ़िल्मों में अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। अंतर बस इतना है कि इन दिनों वे नायक या खलनायक नहीं, बल्कि चरित्र या हास्य अभिनेता के रूप में हिन्दी फ़िल्मों के दर्शकों को लुभा रहे हैं। 'चाची 420', 'हेरा फेरी', 'मेरे बाप पहले आप', 'चुपके-चुपके' और 'मालामाल वीकली' में ओम पुरी हँसती-गुदगुदाती भूमिकाओं में दिखे तो 'शूट ऑन साइट', 'महारथी', 'देव' और 'दबंग' में चरित्र अभिनेता के रूप में वे दर्शकों के सामने आये।

मुख्य फ़िल्में

फ़िल्म 'चक्रव्यूह' में ओम पुरी
  1. 1976-घासीराम कोतवाल
  2. 1980-आक्रोश
  3. 1980-भवनी भवाई
  4. 1980-स्पर्श
  5. 1981-सद्गति
  6. 1982-गांधी
  7. 1983-मंडी
  8. 1983-अ‌र्द्धसत्य
  9. 1983-डिस्को डांसर
  10. 1985-मिर्च मसाला
  11. 1990-घायल
  12. 1991-नरसिम्हा
    फ़िल्म 'सद्गति' के एक दृश्य में ओम पुरी और स्मिता पाटिल
  13. 1992-धारावी
  14. 1996-प्रेम ग्रंथ
  15. 1996-घातक
  16. 1997-आस्था
  17. 1997-मृत्युदंड
  18. 1998-चाची चार सौ बीस
  19. 1998-चाइना गेट
  20. 2000-पुकार
  21. 2000-हेरा फेरी
  22. 2001-जहरीला
    फ़िल्म 'बनारस' (1918) में ओम पुरी और रश्मि घोष
  23. 2002-पिता
  24. 2002-चोर मचाए शोर
  25. 2003-आपको पहले भी कहीं देखा है
  26. 2004-लक्ष्य
  27. 2006-मालामाल विकली
  28. 2008-मुखबिर
  29. 2009-बिल्लू

पुरस्कार व सम्मान

अपने लम्बे फ़िल्मी सफर में ओम पुरी ने सशक्त अभिनय से कई उपलब्धियाँ और पुरस्कार आदि प्राप्त किये हैं-

  1. 'फ़िल्म फ़ेयर पुरस्कार' - 1981 - सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेता (फ़िल्म 'आक्रोश')
  2. 'राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार' - 1982 - सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (फ़िल्म 'आरोहण')
  3. 'राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार' - 1984 - सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (फ़िल्म 'अर्धसत्य')
  4. 'पद्मश्री' - 1990
  5. 'फ़िल्म फ़ेयर लाइफ़टाइम अचीवमेंट अवार्ड' - 2009


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