चंद्रकीर्ति

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:26, 27 जुलाई 2012 का अवतरण (Text replace - "{{लेख प्रगति |आधार=आधार1 |प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}" to "{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भि�)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

उत्कर्ष- 600 से 650 ई.

  • बौद्ध तर्कशास्त्र के प्रासंगिक मत के मुख्य प्रतिनिधि थे।
  • चंद्रकीर्ति ने बौद्ध साधु नागार्जुन के विचारों पर प्रसन्नपद नामक प्रसिद्ध टीका लिखी।
  • हालांकि नागार्जुन की व्याख्या में पहले से कई टीकाएं थीं, लेकिन चंद्रकीर्ति की टीका इनमें सबसे प्रामाणिक बन गई।
  • मूल रूप से संस्कृत में संरक्षित यह एकमात्र टीका है(अन्य टीकाएं सिर्फ़ तिब्बती अनुवादों में उपलब्ध हैं)।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध