एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

"ज़बान रोकना" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 6: पंक्ति 6:
  
  
'''प्रयोग'' -
+
'''प्रयोग''' -
 
#दीपक बहुत कुछ बोले जा रहा था, पर न जाने क्यों अचानक से उसने अपनी 'ज़बान रोक' ली।
 
#दीपक बहुत कुछ बोले जा रहा था, पर न जाने क्यों अचानक से उसने अपनी 'ज़बान रोक' ली।
 
#राकेश ने सबके रहस्य खोलने शुरू किये ही थे कि अमर ने उसकी 'ज़बान रोक' दी।
 
#राकेश ने सबके रहस्य खोलने शुरू किये ही थे कि अमर ने उसकी 'ज़बान रोक' दी।

13:31, 16 नवम्बर 2015 का अवतरण

ज़बान रोकना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ-

  1. कुछ कहते-कहते रुक जाना।
  2. किसी को कुछ कहने से रोकना।


प्रयोग -

  1. दीपक बहुत कुछ बोले जा रहा था, पर न जाने क्यों अचानक से उसने अपनी 'ज़बान रोक' ली।
  2. राकेश ने सबके रहस्य खोलने शुरू किये ही थे कि अमर ने उसकी 'ज़बान रोक' दी।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें

                              अं                                                                                              क्ष    त्र    श्र