ज़बान हारना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- वचन दिए होना, कुछ करने या न करने के लिए विवश होना।
प्रयोग- अभिषेक राहुल कि मदद कर के भी नहीं कर पाया क्योंकि वो किसी के वचन में बंधा हुआ था।