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*मूल रूप से इसे परिधान कहते हैं।  
 
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*ई.पू. दूसरी शताब्दी की मूर्तियों से पता चलता है कि प्राचीन काल में एक परिधान के रुप में धोती पुरुषों तथा स्त्रियों, दोनों द्वारा पहनी जाती थी।  
 
*ई.पू. दूसरी शताब्दी की मूर्तियों से पता चलता है कि प्राचीन काल में एक परिधान के रुप में धोती पुरुषों तथा स्त्रियों, दोनों द्वारा पहनी जाती थी।  
*आज भी भारत के कुछ भागों में, विशेषकर [[केरल]] और उत्तर भारत में महिलाएं धोती पहनती हैं।  
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*आज भी [[भारत]] के कुछ भागों में, विशेषकर [[केरल]] और उत्तर [[भारत]] में महिलाएं धोती पहनती हैं।  
 
*धोती का एक रूप थाईलैंड में पानुंग, श्रीलंका में कॉम्बॉय और इंडोनेशिया व मलेशिया में सारोंग है।
 
*धोती का एक रूप थाईलैंड में पानुंग, श्रीलंका में कॉम्बॉय और इंडोनेशिया व मलेशिया में सारोंग है।
  

09:37, 20 सितम्बर 2010 का अवतरण

  • दक्षिण एशिया में पुरुषों द्वारा पहना जाने वाला एक वस्त्र, जो काफ़ी लंबा और बगैर सिलाई का होता है।
  • इसे शरीर के निचले भाग पर दो तरीक़ों से पहना जाता है, कमर के आसपास लपेटकर या दोनों पैरो के बीच से एक छोर निकालकार कमर में कसकर अटकाया जाता है।
  • आमतौर पर धोतियां हल्के सूती धागे से बुनी जाती हैं जो चमकीले रंगीन पट्टेदार किनारे के साथ सफ़ेद रंग की होती है।
  • रेशम की धोतियां त्योहार और उत्सवों पर पहनी जाती हैं।
  • मूल रूप से इसे परिधान कहते हैं।
  • ई.पू. दूसरी शताब्दी की मूर्तियों से पता चलता है कि प्राचीन काल में एक परिधान के रुप में धोती पुरुषों तथा स्त्रियों, दोनों द्वारा पहनी जाती थी।
  • आज भी भारत के कुछ भागों में, विशेषकर केरल और उत्तर भारत में महिलाएं धोती पहनती हैं।
  • धोती का एक रूप थाईलैंड में पानुंग, श्रीलंका में कॉम्बॉय और इंडोनेशिया व मलेशिया में सारोंग है।