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जन्म: 1933, अरागोंदा, मद्रास प्रेसीडेंसी
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'''कुमारन आशान''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Keshavrav Karotkar'', जन्म: [[12 अप्रॅल]] [[1873]], मृत्यु: [[1924]]) केरल के प्रसिद्ध समाज सुधारक और मलयालम के ख्याति-प्राप्त महाकवि थे। इनका जन्म [[तिरुवनंतपुरम]] जिले में एक अंत्यज परिवार में हुआ था।
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कैरियर/व्यवसाय/पद: अपोलो अस्पताल समूह के संस्थापक
  
====संक्षिप्त परिचय====
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डॉ प्रताप रेड्डी भारत के पहले कॉर्पोरेट अस्पताल समूह अपोलो अस्पताल के संस्थापक हैं। वे पेशे से एक हृदय रोग विशेषज्ञ हैं। उन्हें भारत में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने इस कदम से कई और लोगों को प्रेरित किया जिसके परिणामस्वरूप आज भारत में 750 से भी ज्यादा कॉर्पोरेट अस्पताल हैं।
*केरल में प्राथमिक शिक्षा देने वालों को 'आशान' कहते थे। इसलिए जब कुमारन ने शिक्षा का काम शुरु किया तो उनका नाम 'कुमार आशान' हो गया।
 
*उन्होंने [[बंगलौर]] और [[कोलकाता]] जाकर [[संस्कृत]] की शिक्षा ली। यहाँ उन पर रविन्द्रनाथ ठाकुर के [[काव्य]] का प्रभाव पड़ा। साथ ही [[रामकृष्ण परमहंस]] और [[स्वामी विवेकानंद]] के [[साहित्य]] से भी वे प्रभावित हुए।
 
*शिक्षा पूरी करने के बाद कुमारन आशान ने श्रीनारायण गुरु के पास उनके गुरुकुल में रहकर अपनी जाति की अस्पृश्यता समाप्त करने के लिए काम करना आरंभ किया।
 
*उनके प्रयत्न से दावनकोर की [[विधानसभा]] में उनकी जाति को प्रतिनिधित्व प्राप्त हो सका था।
 
*अस्पृश्यता के कारण उन्हें बचपन से ही अनेक यंत्रणाएं झेलनी पड़ी थीं। उनका निश्चित मत था कि इस कलंक के मिटने पर ही भारतीय समाज में शांति स्थापित हो सकती है।
 
*महाकवि कुमारन आशान की सबसे बड़ी देन मलयालम साहित्य को उनके काव्य ग्रंथ हैं यद्यपि उन्होंने कुछ नाटक और गद्य ग्रंथ भी लिखे पर सर्वाधिक ख्याति उनके काव्य की है।<br />
 
  
'''कुमारन आशान की प्रौढ़ काव्यकृतियों में प्रमुख हैं -'''
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डॉ प्रताप सी रेड्डी ने चेन्नई में स्टैनले मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की डिग्री प्राप्त की और बाद में ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका में एक हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्होंने मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल, बोस्टन, से अपना फैलोशिप किया और 1978 में भारत लौटने से पहले कई वर्षों तक मिसौरी राज्य चेस्ट हॉस्पिटल, संयुक्त राज्य अमरीका, में कई शोध कार्यक्रमों के प्रमुख के तौर पर कार्य किया।
#विणपूव (गिराफूल),
 
#नलिनी
 
#लीला 
 
#श्री बुद्ध चरित्रम
 
#बाल रामायण
 
#प्ररोदनम
 
#चिन्ता किष्टयाय सीता
 
#पुष्पवारी
 
#दुरावस्था
 
#करुणा आदि
 
*भावगीत लिखकर महाकवि कुमारन आशान ने मलयालम में एक नई धारा को जन्म दिया। तथाकथित कुलीनों द्वारा अंत्यजों पर होने वाले अत्याचारों को भी उन्होंने अपनी रचनाओं का विषय बनाया। महाकवि कुमारन आशान का [[1924]] में देहांत हो गया।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय चरित कोश|लेखक=लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय'|अनुवादक=|आलोचक=|प्रकाशक=शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली|संकलन= |संपादन=|पृष्ठ संख्या=167|url=}}</ref>
 
  
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
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अमेरिका के वोरसेंटर सिटी हॉस्पिटल में चीफ रेजिडेंट के तौर पर कार्य करने के बाद डॉ रेड्डी भारत वापस लौट आये। वापस आने के बाद उन्होंने मद्रास शहर में छोटे स्तर से अपनी प्रैक्टिस शुरू की। डॉ रेड्डी को अपोलो अस्पताल समूह स्थापित करने का विचार तब आया जब एक मरीज अपने ओपन हार्ट सर्जरी के लिए टेक्सास नहीं पहुँच पाया और उसकी मौत हो गयी। इस घटना ने डॉ रेड्डी को भारत में ही विश्व स्तरीय अस्पताल खोलने के लिए प्रेरित किया। डॉ रेड्डी एक ऐसा अस्पताल बनाना चाहते थे जो आम लोगों के लिए और अधिक सुलभ और किफायती हो।
{{संदर्भ ग्रंथ}}
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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डॉ प्रताप रेड्डी का सपना 1983 में साकार हुआ जब अपोलो अस्पताल समूह का पहला केंद्र चेन्नई में स्थापित हुआ। 150 बिस्तरों वाले अस्पताल से शुरूआत करने के बाद अपोलो अस्पताल समूह ने लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए चिकित्सा नवाचार, नैदानिक सेवाओं और अत्याधुनिक अनुसंधान के क्षेत्र में नेतृत्व को बनाए रखा है। भारत के विभिन्न स्थानों पर लगभग 50 अस्पतालों 8500 बेड्स, उच्च श्रेणी के 4000 चिकित्सकों और 65,000 से अधिक पेशेवर कर्मचारियों के साथ अपोलो अस्पताल समूह दुनिया में सबसे बड़ा अस्पताल समूहों में से एक है। लगातार उन्नत चिकित्सा सेवाओं के लिए इन अस्पतालों को दुनिया के सबसे अच्छे अस्पतालों में गिना जाता है। इन अस्पतालों ने 120 देशों के लगभग 26 लाख लोगों की सेवा की है। उनमें से सात अस्पतालों को प्रतिष्ठित जेसीआई मान्यता (अक्क्रेडिटेशन) प्राप्त है।
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==बाहरी कड़ियाँ==
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डॉ प्रताप सी रेड्डी ने निजी स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में संस्थागत परिवर्तन लाने के दिशा में अग्रणी काम शुरू किया है। इसके तहत उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल और नर्सिंग शिक्षा, अस्पताल प्रशासन, फिजियोथेरेपी, क्लीनिकल रिसर्च और पैरामेडिकल कार्यक्रमों के लिए अपोलो संस्थानों की स्थापना की है। अपोलो टेलीमेडिसिन नेटवर्किंग फाउंडेशन, स्वास्थ्य सुपर हाईवे, अपोलो DKV इंश्योरेंस कंपनी और अपोलो रीच अस्पताल की स्थापना के साथ अपोलो समूह आज अगली पीढ़ी के समावेशी स्वास्थ्य समाधान का एक अग्रणी प्रदाता है।
==संबंधित लेख==
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{{स्वतन्त्रता सेनानी}}
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सम्मान और पुरस्कार
[[Category:स्वतन्त्रता_सेनानी]]
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[[Category:चरित कोश]]
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    डॉ प्रताप सी रेड्डी को निजी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के विकास में उनके योगदान और स्वास्थय सेवा क्षेत्र में लाइसेंस, आयात प्रतिबंध, अंग प्रत्यारोपण से संबंधित कई विनियामक परिवर्तन में उनकी भूमिका के लिए 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया
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    उन्हें मदर टेरेसा “सिटीजन ऑफ़ द ईयर” पुरस्कार से भी सम्मानित किया
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    उन्हें हार्वर्ड स्कूल प्रकाशन द्वारा स्वास्थ्य उद्योग में अग्रणी प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया
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    होस्पिमेडिका इंटरनेशनल द्वारा ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड’ प्रदान किया गया
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    दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय द्वारा ‘एशिया प्रशांत बायो बिजनेस लीडरशिप अवार्ड’ प्राप्त हुआ
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    आईसीआईसीआई समूह द्वारा ‘मॉडर्न मेडिकेयर एक्सीलेंस अवार्ड’ दिया गया
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    नवम्बर 2009 में भारत सरकार ने एक डाक टिकट के रिलीज करके अपोलो अस्पताल समूह के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में योगदान को सम्मानित किया
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    मार्च 2010 में भारत सरकार ने डॉ प्रताप सी रेड्डी को देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म विभूषण’ प्रदान कर सम्मानित किया
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डॉ प्रताप सी रेड्डी के नेतृत्व में, अपोलो समूह ने लोक सेवा के कई कार्य जैसे “सेव अ चाइल्ड्स हार्ट फाउंडेशन” (सच), कैंसर के इलाज के लिए “क्योर फाउंडेशन”, “इंडियन हेड इंजरी फाउंडेशन” (IHIF), ‘डिस्टेंस हेल्थकेयर एडवांसमेंट’ (DISHA) और ऐसे कई कार्य किये हैं जिससे गंभीर बिमारियों से जूझते लोगों के जीवन में परिवर्तन आया है।
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राष्ट्रीय स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष के रूप में डॉ प्रताप सी रेड्डी ने उप समितियों का गठन किया जिन्हे भारतीय अस्पतालों की मान्यता (अक्क्रेडिटेशन) के लिए मानकों को तय करने का काम सौंपा गया।
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टाइमलाइन (जीवन घटनाक्रम)
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1933: मद्रास प्रेसीडेंसी के अरागोंदा में जन्म हुआ
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1978: अमेरिका से भारत वापस लौटे
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1983: अपोलो अस्पताल समूह का पहला केंद्र चेन्नई में स्थापित हुआ
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1991: पद्म भूषण से सम्मानित किया गया
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2009: भारत सरकार ने एक डाक टिकट जारी करके अपोलो अस्पताल को सम्मानित किया
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2010: मार्च 2010 में भारत सरकार ने डॉ प्रताप सी रेड्डी को ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया

11:43, 13 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण

जन्म: 1933, अरागोंदा, मद्रास प्रेसीडेंसी

कैरियर/व्यवसाय/पद: अपोलो अस्पताल समूह के संस्थापक

डॉ प्रताप रेड्डी भारत के पहले कॉर्पोरेट अस्पताल समूह अपोलो अस्पताल के संस्थापक हैं। वे पेशे से एक हृदय रोग विशेषज्ञ हैं। उन्हें भारत में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने इस कदम से कई और लोगों को प्रेरित किया जिसके परिणामस्वरूप आज भारत में 750 से भी ज्यादा कॉर्पोरेट अस्पताल हैं।

डॉ प्रताप सी रेड्डी ने चेन्नई में स्टैनले मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की डिग्री प्राप्त की और बाद में ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका में एक हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्होंने मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल, बोस्टन, से अपना फैलोशिप किया और 1978 में भारत लौटने से पहले कई वर्षों तक मिसौरी राज्य चेस्ट हॉस्पिटल, संयुक्त राज्य अमरीका, में कई शोध कार्यक्रमों के प्रमुख के तौर पर कार्य किया।

अमेरिका के वोरसेंटर सिटी हॉस्पिटल में चीफ रेजिडेंट के तौर पर कार्य करने के बाद डॉ रेड्डी भारत वापस लौट आये। वापस आने के बाद उन्होंने मद्रास शहर में छोटे स्तर से अपनी प्रैक्टिस शुरू की। डॉ रेड्डी को अपोलो अस्पताल समूह स्थापित करने का विचार तब आया जब एक मरीज अपने ओपन हार्ट सर्जरी के लिए टेक्सास नहीं पहुँच पाया और उसकी मौत हो गयी। इस घटना ने डॉ रेड्डी को भारत में ही विश्व स्तरीय अस्पताल खोलने के लिए प्रेरित किया। डॉ रेड्डी एक ऐसा अस्पताल बनाना चाहते थे जो आम लोगों के लिए और अधिक सुलभ और किफायती हो।

डॉ प्रताप रेड्डी का सपना 1983 में साकार हुआ जब अपोलो अस्पताल समूह का पहला केंद्र चेन्नई में स्थापित हुआ। 150 बिस्तरों वाले अस्पताल से शुरूआत करने के बाद अपोलो अस्पताल समूह ने लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए चिकित्सा नवाचार, नैदानिक सेवाओं और अत्याधुनिक अनुसंधान के क्षेत्र में नेतृत्व को बनाए रखा है। भारत के विभिन्न स्थानों पर लगभग 50 अस्पतालों 8500 बेड्स, उच्च श्रेणी के 4000 चिकित्सकों और 65,000 से अधिक पेशेवर कर्मचारियों के साथ अपोलो अस्पताल समूह दुनिया में सबसे बड़ा अस्पताल समूहों में से एक है। लगातार उन्नत चिकित्सा सेवाओं के लिए इन अस्पतालों को दुनिया के सबसे अच्छे अस्पतालों में गिना जाता है। इन अस्पतालों ने 120 देशों के लगभग 26 लाख लोगों की सेवा की है। उनमें से सात अस्पतालों को प्रतिष्ठित जेसीआई मान्यता (अक्क्रेडिटेशन) प्राप्त है।

डॉ प्रताप सी रेड्डी ने निजी स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में संस्थागत परिवर्तन लाने के दिशा में अग्रणी काम शुरू किया है। इसके तहत उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल और नर्सिंग शिक्षा, अस्पताल प्रशासन, फिजियोथेरेपी, क्लीनिकल रिसर्च और पैरामेडिकल कार्यक्रमों के लिए अपोलो संस्थानों की स्थापना की है। अपोलो टेलीमेडिसिन नेटवर्किंग फाउंडेशन, स्वास्थ्य सुपर हाईवे, अपोलो DKV इंश्योरेंस कंपनी और अपोलो रीच अस्पताल की स्थापना के साथ अपोलो समूह आज अगली पीढ़ी के समावेशी स्वास्थ्य समाधान का एक अग्रणी प्रदाता है।

सम्मान और पुरस्कार

   डॉ प्रताप सी रेड्डी को निजी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के विकास में उनके योगदान और स्वास्थय सेवा क्षेत्र में लाइसेंस, आयात प्रतिबंध, अंग प्रत्यारोपण से संबंधित कई विनियामक परिवर्तन में उनकी भूमिका के लिए 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया
   उन्हें मदर टेरेसा “सिटीजन ऑफ़ द ईयर” पुरस्कार से भी सम्मानित किया
   उन्हें हार्वर्ड स्कूल प्रकाशन द्वारा स्वास्थ्य उद्योग में अग्रणी प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया
   होस्पिमेडिका इंटरनेशनल द्वारा ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड’ प्रदान किया गया
   दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय द्वारा ‘एशिया प्रशांत बायो बिजनेस लीडरशिप अवार्ड’ प्राप्त हुआ
   आईसीआईसीआई समूह द्वारा ‘मॉडर्न मेडिकेयर एक्सीलेंस अवार्ड’ दिया गया
   नवम्बर 2009 में भारत सरकार ने एक डाक टिकट के रिलीज करके अपोलो अस्पताल समूह के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में योगदान को सम्मानित किया
   मार्च 2010 में भारत सरकार ने डॉ प्रताप सी रेड्डी को देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म विभूषण’ प्रदान कर सम्मानित किया

डॉ प्रताप सी रेड्डी के नेतृत्व में, अपोलो समूह ने लोक सेवा के कई कार्य जैसे “सेव अ चाइल्ड्स हार्ट फाउंडेशन” (सच), कैंसर के इलाज के लिए “क्योर फाउंडेशन”, “इंडियन हेड इंजरी फाउंडेशन” (IHIF), ‘डिस्टेंस हेल्थकेयर एडवांसमेंट’ (DISHA) और ऐसे कई कार्य किये हैं जिससे गंभीर बिमारियों से जूझते लोगों के जीवन में परिवर्तन आया है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष के रूप में डॉ प्रताप सी रेड्डी ने उप समितियों का गठन किया जिन्हे भारतीय अस्पतालों की मान्यता (अक्क्रेडिटेशन) के लिए मानकों को तय करने का काम सौंपा गया।

टाइमलाइन (जीवन घटनाक्रम)

1933: मद्रास प्रेसीडेंसी के अरागोंदा में जन्म हुआ

1978: अमेरिका से भारत वापस लौटे

1983: अपोलो अस्पताल समूह का पहला केंद्र चेन्नई में स्थापित हुआ

1991: पद्म भूषण से सम्मानित किया गया

2009: भारत सरकार ने एक डाक टिकट जारी करके अपोलो अस्पताल को सम्मानित किया

2010: मार्च 2010 में भारत सरकार ने डॉ प्रताप सी रेड्डी को ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया