प्रयोग:गोविन्द9

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:07, 3 मई 2013 का अवतरण ('<noinclude>{| width="49%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5" |-</noinclude> | style="background:transparent;"| {| style="backgr...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी
Mask.jpg
सभ्य जानवर

              'भद्र' वह है, जो एकान्त में भी सभ्य है, जो शक्तिशाली होने पर भी सभ्य है, जो आपातकाल में भी सभ्य है, जो अभाव में भी सभ्य है, जो भूख में भी सभ्य है, जो कृपा करते हुए भी सभ्य है, जो अपमानित होने पर भी सभ्य है, जो विद्वान होने पर भी सभ्य है, जो निरक्षर होने पर भी सभ्य है...
सभ्यता ओढ़ी जाती है और भद्रता धारण की जाती है। सभ्यता दिमाग़ में होती है और भद्रता मन में। सभ्यता व्यवहार में होती है और भद्रता स्वभाव में। सभ्यता चेतना में ही रहती है और भद्रता अचेतन में भी। सभ्यता समाज में होती है और भद्रता स्वयं में। ...पूरा पढ़ें

पिछले लेख वोटरानी और वोटर · कबीर का कमाल · प्रतीक्षा की सोच ·