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'''रामचंद्र वर्मा''' (जन्म- [[1890]], [[वाराणसी]], मृत्यु-[[1969]] ) ने अपना जीवन पत्रकार के रूप में आरम्भ किया। विद्यालयी शिक्षा बहुत कम मिलने के बाद भी अपने अध्यवसाय से उन्होंने [[हिंदी]], [[उर्दू]], [[फारसी भाषा|फारसी]], [[मराठी]], [[बंगला भाषा|बंगला]], [[गुजराती]], [[अंग्रेजी]] आदि [[भाषा|भाषाओं]] का बहुत अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लिया था।
 
==परिचय==
 
रामचंद्र वर्मा का जन्म 1890 ई. में वाराणसी में हुआ था। रामचंद्र वर्मा को विद्यालय में शिक्षा बहुत कम मिल पाई थी। उनकी हिंदी सेवाओं के लिए [[भारत सरकार]] ने '[[पद्मश्री]]' से सम्मानित किया था। वर्माजी ने अपना जीवन पत्रकारिता से आरम्भ किया था। [[1907]] ई. में उन्होंने [[नागपुर]] के पत्र 'हिंदी केसरी' के सम्पादक का पद ग्रहण किया। कुछ समय तक बांकीपुर के पत्र 'बिहार बंधु' के संपादक  रहे। उसके बाद वे  [[1910]] से [[1929]] तक  काशी नागरी प्रचारिणी सभा के हिंदी शब्द सागर के सहायक संपादक के पद पर रहे। आपने आजीवन लोगों को शुद्ध हिंदी लिखने और बोलने के लिए प्रेरित किया।{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय चरित कोश|लेखक=लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय'|अनुवादक=|आलोचक=|प्रकाशक=शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली|संकलन= |संपादन=|पृष्ठ संख्या=729|url=}}
 
 
==रचना==
 
हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा प्रकाशित 5 खंडों का 'मानक हिंदी कोश' रामचंद्र वर्मा जी के परिश्रम का ही फल है। 'संक्षिप्त हिंदी शब्द सागर' के संपादन का और विभिन्न भाषाओं के प्रसिद्ध ग्रंथों के अनुवाद का श्रेय भी आपको है।
 
====चर्चित गृंथ====
 
रामचंद्र वर्मा जी के कुछ चर्चित ग्रंथ रहे हैं जो इस प्रकार हैं:
 
#'अच्छी हिंदी'
 
#'हिंदी प्रयोग'
 
#'हिंदी कोश रचना'
 
#प्रामाणिक हिंदी कोश,
 
#उर्दू हिंदी कोश आदि।
 
==विशेष==
 
रामचंद्र वर्मा जी द्वारा की गईं हिंदी सेवाओं के लिए भारत सरकार उन्हें  'पद्मश्री' से सम्मानित किया है।
 
==मृत्यु==
 
रामचंद्र वर्मा जी का [[1969]] ईस्वी में  निधन हो गया।
 
  
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
==बाहरी कड़ियाँ==
 
==संबंधित लेख==
 
{{पत्रकार}}
 
[[Category:पत्रकार]][[Category:लेखक]][[Category:आधुनिक लेखक]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:चरित कोश]][[Category:भारतीय चरित कोश]][[Category:]]
 
__INDEX__
 
__NOTOC__
 
 
     
 
 
प्रसिद्ध हिंदीसेवी रामचंद्र वर्मा का जन्म 1890ई. में वाराणसी में हुआ था। विद्यालयी शिक्षा उनको बहुत कम मिल पाई, किंतु अपने अध्यवसाय से उन्होंने हिंदी, उर्दू, फारसी, मराठी, बंगला, गुजराती, अंग्रेजी आदि भाषाओं का बहुत अच्छाअध्ययन कर लिया था।
 
        वर्माजी ने अपना जीवन पत्रकार के रूप में आरम्भ किया। 1907 ई. में वे नागपुर के पत्र 'हिंदी केसरी' के सम्पादक बने। कुछ समय तक बांकीपुर के पत्र 'बिहार  बंधु' के संपादक  रहे। उसके बाद काशी नागरी प्रचारिणी सभा के हिंदी शब्द सागर के सहायक संपादक के पद पर रहे। इस पद पर वे  1910  ईसवी से 1929 तक रहे।उन्होंने 'संक्षिप्त हिंदी शब्द सागर' का भी संपादन किया। विभिन्न भाषाओं की एक प्रसिद्ध ग्रंथों के अनुवाद का श्रेय भी उनको है। वे आजीवन लोगों का ध्यान शुद्ध हिंदी लिखने और बोलने की ओर आकृष्ट करते रहे। हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा प्रकाशित 5 खंडों का 'मानक हिंदी कोश' भी उन्हीं के परिश्रम का फल है। उनके अन्य चर्चित ग्रंथ हैं‌‌- 'अच्छी हिंदी' 'हिंदी प्रयोग' 'हिंदी कोश रचना' प्रामाणिक हिंदी कोश, उर्दू हिंदी  कोश आदि।
 
रामचंद्र वर्मा को उनकी हिंदी सेवाओं के लिए भारत सरकार ने 'पद्मश्री' से सम्मानित किया था।1969 ईस्वी में वर्मा जी का देहांत हो गया।
 
भारतीय चरित्र कोश 729
 

12:43, 6 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण