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'''राम लिंगम चेट्टियार''' (जन्म- [[18 मई]], [[1881]], [[कोयंबटूर]], [[तमिलनाडु]]; मृत्यु- [[1952]]) एक वकील और राजनीतिज्ञ थे। वे [[संविधान सभा]] के सदस्य रहे और बाद में [[लोकसभा]] के सदस्य चुने गए।
 
==परिचय==
 
एक संपन्न परिवार में जन्मे रामलिंगम चेट्टियारका जन्म 18 मई 1881 ईस्वी को तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में हुआ था। इनके पिता अंगप्पा चेट्टियार प्रसिद्ध व्यापारी और बेंकर
 
थे। वे [[मद्रास विश्वविद्यालय]] से [[1904]] ईस्वी में कानून की डिग्री लेकर वकालत करने लगे और बाद में उन्होंने राजनीति में भी भाग लेना आरम्भ कर दिया। वह नरम विचारों के व्यक्ति थे और अखिल भारतीय लिबरल फेडरेशन से जुड़ गये।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय चरित कोश|लेखक=लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय'|अनुवादक=|आलोचक=|प्रकाशक=शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली|संकलन= |संपादन=|पृष्ठ संख्या=738|url=}}</ref>
 
==गतिविधियाँ==
 
राम लिंगम चेट्टियार को [[1921]] में मद्रास लेजिस्लेटिव कॉउंसिल का सदस्य चुन लिया गया और [[1939]] तक वे लगातार इसके सदस्य रहे। [[1946]] में रामलिंगम [[संविधान सभा]] के सदस्य निर्वाचित हुए और [[1951]] में वे निर्विरोध प्रथम लोकसभा के सदस्य चुने गए। संविधान सभा में इन्होंने [[हिंदी]] को [[राजभाषा]] के रूप में स्वीकार किए जाने का कड़ा विरोध किया था।
 
==मृत्यु==
 
राम लिंगम चेट्टियार का [[1952]] में निधन हो गया।
 
  
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
==बाहरी कड़ियाँ==
 
==संबंधित लेख==
 
{{प्रथम लोकसभा सांसद}}
 
[[Category:लोकसभा सांसद]][[Category:अधिवक्ता]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:चरित कोश]][[Category:भारतीय चरित कोश]]
 
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        रामलिंगम चिट्ठियार का जन्म 18 मई 1881 ईस्वी को तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में एक संपन्न परिवार में हुआ था। इनके पिता अंगप्पा चिट्ठियार प्रसिद्ध व्यापारी और बेंकर थे। राम लिंगम ने मद्रास विश्वविद्यालय से 1904 ईस्वी में कानून की डिग्री ली और वकालत करने लगे। बाद में उन्होंने राजनीति में भी रुचि लेना आरंभ किया।  वह नरम विचारों के व्यक्ति थे और अखिल भारतीय लिबरल फेडरेशन से जुड़ गये। 1921 में उन्हें मद्रास लेजिस्लेटिव कॉउंसिल का सदस्य चुन लिया गया और 1939 तक लगातार इसके सदस्य रहे।
 
      1946 में रामलिंगम संविधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए और 1951 में निर्विरोध प्रथम लोकसभा के सदस्य चुने गए।  संविधान सभा में इन्होंने हिंदी को राजभाषा के रूप मेंस्वीकार किए जाने का कड़ा विरोध किया था। 1952 में रामलिंगम  चेट्टियार का देहांत हो गया।
 
भारतीय चरित कोश 738
 

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