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− | '''शाह फख़रुद्दीन देहलवी''' (जन्म- 1714, [[औरंगाबाद]], मृत्यु- 1785, [[दिल्ली]]) धार्मिक व्यक्ति थे। इन्होंने अपना पूरा समय [[ईश्वर]] के ध्यान में और लोगों को शिक्षा देने में लगाया।
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− | ==परिचय==
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− | धार्मिक व्यक्ति शाह फखरुद्दीन का जन्म 1714 ई. में [[औरंगाबाद]] में हुआ था। शिक्षा पूरी करने के बाद ये कुछ समय तक शाही सेना में रहे। परंतु [[ईश्वर]] भक्ति की ओर चित्त लगे रहने के कारण वहां अधिक समय तक नहीं रह सके। [[दिल्ली]] आकर इन्होंने अपना पूरा समय ईश्वर के ध्यान में और लोगों को शिक्षा देने में लगाया। ये बहुत विनीत और नम्र स्वभाव के व्यक्ति थे और लोगों की सेवा करना ही इनके जीवन का लक्ष्य था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय चरित कोश|लेखक=लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय'|अनुवादक=|आलोचक=|प्रकाशक=शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली|संकलन= |संपादन=|पृष्ठ संख्या=839|url=}}</ref>
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− | ==नम्र स्वभाव==
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− | ये बहुत विनीत और नम्र स्वभाव के थे और लोगों की सेवा करना ही इनके जीवन का लक्ष्य था। शाह फखरुद्दीन सभी धर्मों के लोगों से बड़े प्रेम से मिलते थे। उन्होंने जुम्मे की नमाज के खुतबे को हिंदी में पढ़ने की सलाह दी थी। इनके रचे हुए 'निजामुल अक्रायद मजीदिया' और 'फ़खुलहसुन' नामक ग्रंथ प्रसिद्ध है।
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− | ==मृत्यु==
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− | शाह फख़रुद्दीन देहलवी का 1785 में [[दिल्ली]] में निधन हो गया।
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− | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
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− | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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− | <references/>
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− | ==बाहरी कड़ियाँ==
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− | ==संबंधित लेख==
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− | {{इस्लाम धर्म}}
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− | [[Category:]][[Category:]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:चरित कोश]][[Category:भारतीय चरित कोश]]
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