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− | '''शुजा शहज़ादा''' [[शाहजहां|मुगल सम्राट शाहजहां]] का विलासी प्रकृति का द्वितीय पुत्र था|
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− | ==परिचय==
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− | मुगल सम्राट [[शाहजहां]] का द्वितीय पुत्र शुजा विलासी प्रकृति का था। उसके अंदर सम्राट बनने की महत्वाकांक्षा भी विद्यमान थी। 1657 में शुजा [[बंगाल]] का सूबेदार था। जब उसे शाहजहां के गंभीर रुप से बीमार पड़ने की सूचना मिली तो उसने बंगाल की उस समय की राजधानी राजमहल में स्वयं को सम्राट घोषित कर दिया। उसके बाद वह सेना सहित [[दिल्ली]] की ओर चल पड़ा। 1658 में शाही सेना से बहादुरपुर में परास्त होकर उसे पुनः [[बंगाल]] लौटना पड़ा।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय चरित कोश|लेखक=लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय'|अनुवादक=|आलोचक=|प्रकाशक=शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली|संकलन= |संपादन=|पृष्ठ संख्या=854|url=}}</ref>
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− | ==सपरिवार अंत==
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− | शुजा शहज़ादा ने दारा की पराजय की सूचना मिलने पर उसने फिर युद्ध की कोशिश की परंतु [[औरंगजेब]] के सेनापति [[मीर जुमला]] ने उसे पराजित करके [[अराकान]] की ओर भागने के लिए मजबूर कर दिया और वहीं उसका परिवार सहित अंत हो गया।
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− | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
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− | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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− | <references/>
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− | ==बाहरी कड़ियाँ==
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− | ==संबंधित लेख==
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− | [[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:चरित कोश]][[Category:भारतीय चरित कोश]]
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