प्रयोग:दिनेश
शशिभूषण रथ ( जन्म- 1 जनवरी, 1885, गंजाम जिले मृत्यु- 20 मार्च 1943) उड़िया पत्रकारिता के जनक और स्वतंत्रता सैनानी थे। उन्होंने महिलाओं के उत्थान का समर्थन किया।
परिचय
उड़िया पत्रकारिता के जनक शशिभूषण रथ का जन्म 1 जनवरी, 1885 ईसवी को गंजाम जिले में हुआ था| वह लंबोदर महापात्र के पुत्र थे पर उनके दादा ने जन्म से पहले ही उन्हें अपने एक संबंधी दिगंबर रथ को गोद दे दिया था। शशि भूषण स्कूल के विद्यार्थी थे तभी उड़ीसा को अलग राज्य बनाने के आंदोलन ने जोर पकड़ा। 1903 में इसके लिए पहली बार 'उत्कल सम्मिलनी' हुई। इस आंदोलन का ही परिणाम था कि 1912 में बंगाल से अलग करके बिहार उड़ीसा का नया प्रांत बना ।लेकिन गंजाम को इसमें नहीं मिलाया गया। इस पर फिर आंदोलन हुआ और अपनी पढ़ाई छोड़कर शशिभूषण भी उस में कूद पड़े।
आजीविका के लिए छोटी-मोटी नौकरियां करते हुए वे उस समय के प्रमुख नेताओं के संपर्क में आए और कांग्रेस के सदस्य बन गए। उस समय तक उड़ीसा से कोई समाचार पत्र नहीं निकलता था और वहां की जन भावना प्रकट नहीं हो पाती थी। इस अभाव को दूर करने के लिए शशि भूषण रथ ने 1913 में 'आशा' नाम का साप्ताहिक पत्र निकाला। यह उस प्रांत में पत्रकारिता का आरंभ था। साप्ताहिक से पर्याप्त प्रचार न होता देखकर 1928 में उन्होंने इसे दैनिक कर दिया। कुछ वर्ष बाद 'न्यू उड़ीसा' नामक अंग्रेजी दैनिक का प्रकाशन किया। आशा की प्रकाशन से प्रेरणा लेकर कुछ और पत्र भी अस्तित्व में आए। ईसाई मिशनरियों के द्वारा धर्मांतरण को देखते हुए रथ ने समाज सेवा का काम हाथ में लिया। उन्होंने विधवा विवाह और महिलाओं की स्थिति सुधारने का समर्थन किया। 1930 के सविनय अवज्ञा आंदोलन में वे जेल भी गए। 20 मार्च 1943 को उसका निधन हो गया। उन्हें पत्रकारिता के जनक के रूप में आज भी उड़ीसा में याद किया जाता है।
भारतीय चरित्र कोश 833