"लल्लन प्रसाद व्यास" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
('{{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व |चित्र= |चित्र का न...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
(3 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 5 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व
 
{{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व
|चित्र=
+
|चित्र=blankimage.png
 
|चित्र का नाम=  
 
|चित्र का नाम=  
 
|पूरा नाम=लल्लन प्रसाद व्यास
 
|पूरा नाम=लल्लन प्रसाद व्यास
|अन्य नाम=लल्लन प्रसाद व्यास
+
|अन्य नाम=
 
|जन्म=[[10 मई]] [[1934]]  
 
|जन्म=[[10 मई]] [[1934]]  
 
|जन्म भूमि=[[अवध]] प्रान्त, जनपद [[बहराइच]],([[उत्तर प्रदेश]])
 
|जन्म भूमि=[[अवध]] प्रान्त, जनपद [[बहराइच]],([[उत्तर प्रदेश]])
 
|मृत्यु=[[12 नवम्बर]] [[2012]]
 
|मृत्यु=[[12 नवम्बर]] [[2012]]
 
|मृत्यु स्थान=
 
|मृत्यु स्थान=
|अविभावक=
+
|अभिभावक=
 
|पति/पत्नी=
 
|पति/पत्नी=
 
|संतान=
 
|संतान=
पंक्ति 40: पंक्ति 40:
 
'''लल्लन प्रसाद व्यास''' ([[अंग्रेज़ी]]:''lallan prasad vyas'', जन्म: [[10 मार्च]] , [[1934]] - मृत्यु: [[12 नवम्बर]] [[2012]]) [[भारत]] के जाने-माने समाज सुधारक थे।
 
'''लल्लन प्रसाद व्यास''' ([[अंग्रेज़ी]]:''lallan prasad vyas'', जन्म: [[10 मार्च]] , [[1934]] - मृत्यु: [[12 नवम्बर]] [[2012]]) [[भारत]] के जाने-माने समाज सुधारक थे।
 
==जीवन परिचय==
 
==जीवन परिचय==
'''लल्लन प्रसाद व्यास''' का जन्म अवध प्रान्त के [[बहराइच]] जनपद में वर्ष [[1934]] को [[10 मार्च]] के दिन हुआ था।  
+
'''लल्लन प्रसाद व्यास''' का जन्म अवध प्रान्त के [[बहराइच]] जनपद में वर्ष [[1934]] को [[10 मार्च]] के दिन हुआ था। इनका सम्पूर्ण जीवन आध्यात्मिक प्रकाशन जगत को समर्पित रहा।
*इनका सम्पूर्ण जीवन आध्यात्मिक प्रकाशन जगत को समर्पित रहा।
+
==आध्यात्मिक प्रकाशन जगत की नींव==
 +
* [[1984]] में वे [[नैमिषारण्य]] के स्वामी नारदानन्द जी के संपर्क में आकर आध्यात्मिक प्रकाशन जगत की प्रमुख हस्ती बने।
 +
* आपने विश्व रामायण सम्मेलनों के माध्यम से श्री राम का कार्य विश्व पटल पर समूचे जगत तक पहुंचाया।
 +
* व्यास जी गायत्री शक्ति पीठ के माध्यम से प्रथम अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन [[27 दिसम्बर]] [[1984]] में अयोध्या के वाल्मीकि भवन में आयोजित कराया जिसकी अध्यक्षता पं. रामकिंकर उपाध्याय द्वारा की गयी।
  
==आध्यात्मिक प्रकाशन जगत की नीव==
+
==मृत्यु==
* [[1984]] में वे [[नैमिषारण्य]] के स्वामी नारदानन्द जी के संपर्क में आकर आध्यात्मिक प्रकाशन जगत की प्रमुख हस्ती बने
+
[[12 नवम्बर]], [[2012]] को इन्होंने अपनी नश्वर देह त्याग दी।
* आपने  विश्व रामायण सम्मेलनों के माध्यम से श्री राम का कार्य विश्व पटल पर समूचे जगत तक पहुंचाया।
 
* व्यास जी गायत्री शक्ति पीठ के माध्यम से प्रथम अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन [[27 दिसम्बर]] [[1984]] में अयोध्या के बाल्मिीकि भवन में आयोजित कराया जिसकी अध्यक्षता पं [[रामकिंकर उपाध्याय]] द्वारा की गयी
 
  
==मृत्यु==
 
[[12 नवम्बर]] [[2012]] को इन्होंने अपनी नश्वर देह त्याग दी।
 
  
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
  
 +
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
 
 
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
{{सामाजिक कार्यकर्ता}}  
 
{{सामाजिक कार्यकर्ता}}  
 
[[Category:अशोक कुमार शुक्ला]]
 
[[Category:अशोक कुमार शुक्ला]]
 
[[Category:चरित कोश]]
 
[[Category:चरित कोश]]
[[Category:सामाजिक कार्यकर्ता]]
+
[[Category:सामाजिक कार्यकर्ता]][[Category:समाज कोश]]
__INDEX__
 
 
 
 
 
 
 
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
 
 
==बाहरी कड़ियाँ==
 
 
 
==संबंधित लेख==
 
 
 
[[Category:नया पन्ना मार्च-2013]]
 
 
 
 
__INDEX__
 
__INDEX__
 +
__NOTOC__

03:33, 24 फ़रवरी 2016 के समय का अवतरण

लल्लन प्रसाद व्यास
Blankimage.png
पूरा नाम लल्लन प्रसाद व्यास
जन्म 10 मई 1934
जन्म भूमि अवध प्रान्त, जनपद बहराइच,(उत्तर प्रदेश)
मृत्यु 12 नवम्बर 2012
कर्म-क्षेत्र समाज सुधारक
नागरिकता भारतीय

लल्लन प्रसाद व्यास (अंग्रेज़ी:lallan prasad vyas, जन्म: 10 मार्च , 1934 - मृत्यु: 12 नवम्बर 2012) भारत के जाने-माने समाज सुधारक थे।

जीवन परिचय

लल्लन प्रसाद व्यास का जन्म अवध प्रान्त के बहराइच जनपद में वर्ष 1934 को 10 मार्च के दिन हुआ था। इनका सम्पूर्ण जीवन आध्यात्मिक प्रकाशन जगत को समर्पित रहा।

आध्यात्मिक प्रकाशन जगत की नींव

  • 1984 में वे नैमिषारण्य के स्वामी नारदानन्द जी के संपर्क में आकर आध्यात्मिक प्रकाशन जगत की प्रमुख हस्ती बने।
  • आपने विश्व रामायण सम्मेलनों के माध्यम से श्री राम का कार्य विश्व पटल पर समूचे जगत तक पहुंचाया।
  • व्यास जी गायत्री शक्ति पीठ के माध्यम से प्रथम अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन 27 दिसम्बर 1984 में अयोध्या के वाल्मीकि भवन में आयोजित कराया जिसकी अध्यक्षता पं. रामकिंकर उपाध्याय द्वारा की गयी।

मृत्यु

12 नवम्बर, 2012 को इन्होंने अपनी नश्वर देह त्याग दी।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख