कर्णपत्रभंग कला
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
शिल्पी गोयल (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:26, 14 जून 2011 का अवतरण
जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। इस कला के अनतर्गत शंख, हाथीदाँत आदि के अनेक तरह के कान के आभूषण बनाना है।
जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। इस कला के अनतर्गत शंख, हाथीदाँत आदि के अनेक तरह के कान के आभूषण बनाना है।