"आतंक -कुलदीप शर्मा" के अवतरणों में अंतर
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पंक्ति 106: | पंक्ति 106: | ||
बन्दूक की नोक पर | बन्दूक की नोक पर | ||
वे समय की नोक पर टंगे | वे समय की नोक पर टंगे | ||
− | पूरी | + | पूरी दुनिया में तलाश रहे हैं |
वह सकून भरा कोना | वह सकून भरा कोना | ||
जिसे हमारे बुजुर्गों ने | जिसे हमारे बुजुर्गों ने |
11:49, 3 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
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