"कन्नूर" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
कन्नूर नगर, उत्तरी [[केरल]] राज्य के दक्षिण भारत में स्थित है। केरल में कन्नूर या केन्नानोर चौथी बड़ी आबादी वाला अरब सागर के तट पर बसा एक प्रमुख शहर है। [[अरब सागर]] के एक बंदरगाह रूप में कन्नूर 12 वीं और 13 वीं शताब्दी में [[फ़ारस]] और [[अरब]] से होने वाले व्यापार के लिए महत्वपूर्ण था। 18 वीं शताब्दी तक यह कोलात्तिरी के राजा की राजधानी रहा। 1505 में यहाँ एक [[पुर्तग़ाल|पुर्तग़ाली]] क़िला बनाया गया। 1656 में यहाँ एक [[डच]] क़िले की स्थापना हुई। 1783 में कन्नूर पर ब्रिटिश आधिपत्य हो गया, जिसके बाद से यहाँ के शासक ब्रिटिश [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] के सहायक भर रह गए। 1709 से 1887 तक कन्नूर [[भारत]] के पश्चिमी तट का ब्रिटिश सैनिक मुख्यालय रहा।
+
{{लेख सूची
==व्यापार==
+
|लेख का नाम= कन्नूर
 +
|पर्यटन= कन्नूर पर्यटन
 +
|ज़िला= कन्नूर ज़िला
 +
|प्रवास= कन्नूर प्रवास
 +
}}
 +
कन्नूर नगर, उत्तरी [[केरल]] राज्य के दक्षिण भारत में स्थित है। केरल में कन्नूर या केन्नानोर चौथी बड़ी आबादी वाला अरब सागर के तट पर बसा एक प्रमुख शहर है।  
 +
==इतिहास==
 +
[[अरब सागर]] के एक बंदरगाह रूप में कन्नूर 12 वीं और 13 वीं शताब्दी में [[फ़ारस]] और [[अरब]] से होने वाले व्यापार के लिए महत्वपूर्ण था। 18 वीं शताब्दी तक यह कोलात्तिरी के राजा की राजधानी रहा। 1505 में यहाँ एक [[पुर्तग़ाल|पुर्तग़ाली]] क़िला बनाया गया। 1656 में यहाँ एक [[डच]] क़िले की स्थापना हुई। 1783 में कन्नूर पर ब्रिटिश आधिपत्य हो गया, जिसके बाद से यहाँ के शासक ब्रिटिश [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] के सहायक भर रह गए। 1709 से 1887 तक कन्नूर [[भारत]] के पश्चिमी तट का ब्रिटिश सैनिक मुख्यालय रहा।
 +
==यातायात और परिवहन==
 +
केरल और आसपास के राज्यों के अनेक शहरों से सड़क मार्ग के द्वारा आसानी से कन्नूर पहुंचा जा सकता है। राज्य परिवहन की नियमित बस सेवाएं इसे अन्य शहरों से जोड़ती हैं। कन्नूर में पर्याप्त यातायात व परिवहन सुविधाएँ उपलब्ध हैं। जो इस प्रकार है:-
 +
====<u>वायु मार्ग</u>====
 +
कोजीकोड का करीपुर एयरपोर्ट कन्नूर का नजदीकी एयरपोर्ट है। यह एयरपोर्ट दक्षिणी कन्नूर से 93 किमी. की दूरी पर है।
 +
====<u>रेल मार्ग</u>====
 +
कन्नूर का रेलवे स्टेशन शोरपुर- मंगलौर रेललाइन पर स्थित दक्षिण भारत का महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है। यह रेलवे स्टेशन देश के अनेक बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है।<ref>{{cite web |url=http://yatrasalah.com/touristPlaces.aspx?id=389 |title=कन्नूर |accessmonthday=[[12 अक्टू्बर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=यात्रा सलाह |language=हिन्दी }}</ref>
 +
==उद्योग और व्यापार==
 
{{tocright}}
 
{{tocright}}
कन्नूर में सर्व प्रथम [[जर्मनी]] के बेसल मिशन के द्वारा धर्मान्तरित [[ईसाई|ईसाईयों]] को रोज़गार देने के उद्देश्य से सन [[1852]] में एक कपडा बुनने का कारख़ाना खोला गया था। कारख़ाने में यूरोपीय बनावट के हथकरघे मिस्टर हालर के द्वारा लगाये गए थे जिसने इसी वर्ष मंगलौर में भी एक छोटा सा क़ारखाना खोला था। विश्व में 'खाकी' का सर्वप्रथम उत्पादन इसी हालर के द्वारा मंगलौर में 1852 में किया गया था। तब से ही हथकरघे कन्नूर की पहचान बन गए और अब भी हैं। अपने हाथ करघों के अतिरिक्त, बीडी उद्योग, मत्स्य उद्योग तथा कांसे और पीतल से बने विभिन्न सामग्रियों के लिए यह शहर जाना जाता है।
+
कन्नूर में सर्व प्रथम [[जर्मनी]] के बेसल मिशन के द्वारा धर्मान्तरित [[ईसाई|ईसाईयों]] को रोज़गार देने के उद्देश्य से सन [[1852]] में एक कपडा बुनने का कारख़ाना खोला गया था। कारख़ाने में यूरोपीय बनावट के हथकरघे मिस्टर हालर के द्वारा लगाये गए थे जिसने इसी वर्ष मंगलौर में भी एक छोटा सा क़ारखाना खोला था। विश्व में 'खाकी' का सर्वप्रथम उत्पादन इसी हालर के द्वारा मंगलौर में 1852 में किया गया था। तब से ही हथकरघे कन्नूर की पहचान बन गए और अब भी हैं। अपने हाथ करघों के अतिरिक्त, बीडी उद्योग, मत्स्य उद्योग तथा कांसे और पीतल से बने विभिन्न सामग्रियों के लिए यह शहर जाना जाता है।
  
कन्नूर नगर में कताई, बुनाई व होज़री की बड़ी मिलें हैं और यहाँ से गरी, जूट व मिर्च का [[निर्यात]] किया जाता है। भीतरी प्रदेश की अर्थव्यवस्था काजू, मिर्च, नारियल के उत्पादन पर निर्भर करती है। मछली पकड़ने का काम भी महत्वपूर्ण है।
+
कन्नूर नगर में कताई, बुनाई व होज़री की बड़ी मिलें हैं और यहाँ से गरी, जूट व मिर्च का [[निर्यात]] किया जाता है। भीतरी प्रदेश की अर्थव्यवस्था काजू, मिर्च, नारियल के उत्पादन पर निर्भर करती है। मछली पकड़ने का काम भी महत्वपूर्ण है।<ref name="कन्नूर या केन्नानोर">{{cite web |url=http://mallar.wordpress.com/2009/04/02/%E0%A4%95%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A8%E0%A5%82%E0%A4%B0-%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A5%87%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%8B%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A4%B2/ |title=कन्नूर या केन्नानोर (केरल) |accessmonthday=[[12 अक्टूबर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first=सुब्रमणियन |authorlink= |format= |publisher=वर्डप्रेस |language=हिन्दी}}</ref>
 +
==पर्यटन==
 +
कन्नूर नगर में कई क़िलें, एक पुर्तगाली गिरज़ाघर और अनेक मस्जिदें हैं। कन्नूर [[केरल]] के उत्तरी सिरे में स्थित एक छोटा लेकिन बेहद ख़ूबसूरत तटवर्ती नगर है। जो अपने आकर्षण से [[कन्नूर पर्यटन|पर्यटकों]] को आकर्षित करता है। प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण इस नगर के पश्चिमी तट पर फैले रेत से लक्षद्वीप सागर मिलता है और तट के दूसरी तरफ ऊंचे-ऊंचे ताड़ के पेड़ वातावरण को और मनोरम बनाते हैं।<ref>{{cite web |url=http://www.yatrasalah.com/PhotoGallary.aspx?gallery=366 |title=कन्नूर |accessmonthday=[[12 अक्टूबर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=यात्रा सलाह |language=हिन्दी }}</ref> आज भी कन्नूर देश के 62 सैनिक छावनियों में से एक है। जहाँ डिफेन्स सिक्यूरिटी फ़ोर्स का मुख्यालय है। कुछ महत्वपूर्ण मानदंडों के अंतर्गत कन्नूर भारत में रहने योग्य 10 शहरों में से एक है। शहर साफ़ सुथरा और सुंदर है।
  
==पर्यटन==
 
कन्नूर नगर में कई क़िलें, एक पुर्तगाली गिरज़ाघर और अनेक मस्जिदें हैं। कन्नूर [[केरल]] के उत्तरी सिरे में स्थित एक छोटा लेकिन बेहद ख़ूबसूरत तटवर्ती नगर है। जो अपने आकर्षण से पर्यटकों को आकर्षित करता है। प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण इस नगर के पश्चिमी तट पर फैले रेत से लक्षद्वीप सागर मिलता है और तट के दूसरी तरफ ऊंचे-ऊंचे ताड़ के पेड़ वातावरण को और मनोरम बनाते हैं।<ref>{{cite web |url=http://www.yatrasalah.com/PhotoGallary.aspx?gallery=366 |title=कन्नूर |accessmonthday=[[12 अक्टूबर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=यात्रा सलाह |language=हिन्दी }}</ref> आज भी कन्नूर देश के 62 सैनिक छावनियों में से एक है। जहाँ डिफेन्स सिक्यूरिटी फ़ोर्स का मुख्यालय है। कुछ महत्वपूर्ण मानदंडों के अंतर्गत कन्नूर भारत में रहने योग्य 10 शहरों में से एक है। शहर साफ़ सुथरा और सुंदर है।
 
====<u>क़िले का निर्माण</u>====
 
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के कारण फ्रांसिस्को अल्मेडा नामके प्रथम पुर्तगाली गवर्नर ने यहाँ सन 1505 में संत अन्जेलो नाम से लेटराइट पत्थरों से एक क़िले का निर्माण करवाया था। इस क़िले पर डच लोगों ने 1663 में कब्जा कर लिया और कुछ समय पश्चात अरक्कल के शाही परिवार को बेच दिया। कालांतर में यह [[अंग्रेज|अंग्रेजों]] के हाथ चला गया। कन्नूर अंग्रेजों के पश्चिमी सैनिक कमान का मुख्यालय बन गया। अरक्कल का शाही परिवार केरल का एक मात्र मुस्लिम राज वंश था और एक महिला शासन करती थी जिन्हें बीवी कह कर संबोधित किया जाता है। इस बीवी से सम्बन्धित एक कहानी है जो इस प्रकार है।
 
=====<u>कहानी</u>=====
 
15-16वीं सदी में मूषिका वंशज के चिरक्कल राजा की एक कन्या तालाब में नहा रही थी और पानी में डूबने लगी। संयोगवश उसे एक मुस्लिम युवक ने देख लिया। पहले तो वह हिचका फिर तालाब में कूद कर राजकुमारी को बाहर निकाल लाया। शरीर को ढकने के लिए उसने अपनी धोती उढा दी। राज दरबार में बात पहुँची। उन दिनों [[मुसलमान]] अछूत होते थे। उसके स्पर्श से राजकुमारी अपवित्र हो गई थी। उस युवक को बुलवाया गया और वह अपने प्राणों की खैर मनाते उपस्थित हो गया। मंत्रियों ने एक और बात कह दी। इस युवक ने राजकुमारी को ओढ़ने के लिए अपनी धोती दी थी और उन दिनों की परम्परा के अनुसार धोती दिया जाना और स्वीकार किया जाना विवाह का परिचायक था। मजबूरन राजा को अपनी बेटी उस अपेक्षाकृत गरीब युवक के हाथ सौपनी पड़ी। राजा ने अरक्कल नामक एक छोटा भूभाग उस युवक के नाम कर दोनों को अलग भिजवा दिया। यहीं से उस मुस्लिम राज वंश की उत्पत्ति बतायी जाती है।<ref name="कन्नूर या केन्नानोर">{{cite web |url=http://mallar.wordpress.com/2009/04/02/%E0%A4%95%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A8%E0%A5%82%E0%A4%B0-%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A5%87%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%8B%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A4%B2/ |title=कन्नूर या केन्नानोर (केरल) |accessmonthday=[[12 अक्टूबर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first=सुब्रमणियन |authorlink= |format= |publisher=वर्डप्रेस |language=हिन्दी}}</ref>
 
 
====<u>अन्य स्थल</u>====
 
====<u>अन्य स्थल</u>====
 
कन्नूर के आस पास देखने योग्य ख़ूबसूरत कई अन्य स्थल भी हैं जैसे तलास्सेरी भारतीय सर्कस का पलना और प्रशिक्षण केन्द्र। यहाँ अंग्रेजों के द्वारा निर्मित एक क़िला भी है। माहे भी करीब ही है जो कभी फ्रांसीसियों का उपनिवेश रहा जो आजकल पांडिचेरी ([[पुदुचेरी]]) प्रशासन के अंतर्गत है। बहुत शीघ्र ही कन्नूर से अंतरराष्ट्रीय उडाने प्रारम्भ हो जायेंगी क्योंकि एक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा निर्माणाधीन है।<ref name="कन्नूर या केन्नानोर"/>
 
कन्नूर के आस पास देखने योग्य ख़ूबसूरत कई अन्य स्थल भी हैं जैसे तलास्सेरी भारतीय सर्कस का पलना और प्रशिक्षण केन्द्र। यहाँ अंग्रेजों के द्वारा निर्मित एक क़िला भी है। माहे भी करीब ही है जो कभी फ्रांसीसियों का उपनिवेश रहा जो आजकल पांडिचेरी ([[पुदुचेरी]]) प्रशासन के अंतर्गत है। बहुत शीघ्र ही कन्नूर से अंतरराष्ट्रीय उडाने प्रारम्भ हो जायेंगी क्योंकि एक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा निर्माणाधीन है।<ref name="कन्नूर या केन्नानोर"/>

12:43, 12 अक्टूबर 2010 का अवतरण

कन्नूर कन्नूर पर्यटन कन्नूर ज़िला

कन्नूर नगर, उत्तरी केरल राज्य के दक्षिण भारत में स्थित है। केरल में कन्नूर या केन्नानोर चौथी बड़ी आबादी वाला अरब सागर के तट पर बसा एक प्रमुख शहर है।

इतिहास

अरब सागर के एक बंदरगाह रूप में कन्नूर 12 वीं और 13 वीं शताब्दी में फ़ारस और अरब से होने वाले व्यापार के लिए महत्वपूर्ण था। 18 वीं शताब्दी तक यह कोलात्तिरी के राजा की राजधानी रहा। 1505 में यहाँ एक पुर्तग़ाली क़िला बनाया गया। 1656 में यहाँ एक डच क़िले की स्थापना हुई। 1783 में कन्नूर पर ब्रिटिश आधिपत्य हो गया, जिसके बाद से यहाँ के शासक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के सहायक भर रह गए। 1709 से 1887 तक कन्नूर भारत के पश्चिमी तट का ब्रिटिश सैनिक मुख्यालय रहा।

यातायात और परिवहन

केरल और आसपास के राज्यों के अनेक शहरों से सड़क मार्ग के द्वारा आसानी से कन्नूर पहुंचा जा सकता है। राज्य परिवहन की नियमित बस सेवाएं इसे अन्य शहरों से जोड़ती हैं। कन्नूर में पर्याप्त यातायात व परिवहन सुविधाएँ उपलब्ध हैं। जो इस प्रकार है:-

वायु मार्ग

कोजीकोड का करीपुर एयरपोर्ट कन्नूर का नजदीकी एयरपोर्ट है। यह एयरपोर्ट दक्षिणी कन्नूर से 93 किमी. की दूरी पर है।

रेल मार्ग

कन्नूर का रेलवे स्टेशन शोरपुर- मंगलौर रेललाइन पर स्थित दक्षिण भारत का महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है। यह रेलवे स्टेशन देश के अनेक बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है।[1]

उद्योग और व्यापार

कन्नूर में सर्व प्रथम जर्मनी के बेसल मिशन के द्वारा धर्मान्तरित ईसाईयों को रोज़गार देने के उद्देश्य से सन 1852 में एक कपडा बुनने का कारख़ाना खोला गया था। कारख़ाने में यूरोपीय बनावट के हथकरघे मिस्टर हालर के द्वारा लगाये गए थे जिसने इसी वर्ष मंगलौर में भी एक छोटा सा क़ारखाना खोला था। विश्व में 'खाकी' का सर्वप्रथम उत्पादन इसी हालर के द्वारा मंगलौर में 1852 में किया गया था। तब से ही हथकरघे कन्नूर की पहचान बन गए और अब भी हैं। अपने हाथ करघों के अतिरिक्त, बीडी उद्योग, मत्स्य उद्योग तथा कांसे और पीतल से बने विभिन्न सामग्रियों के लिए यह शहर जाना जाता है।

कन्नूर नगर में कताई, बुनाई व होज़री की बड़ी मिलें हैं और यहाँ से गरी, जूट व मिर्च का निर्यात किया जाता है। भीतरी प्रदेश की अर्थव्यवस्था काजू, मिर्च, नारियल के उत्पादन पर निर्भर करती है। मछली पकड़ने का काम भी महत्वपूर्ण है।[2]

पर्यटन

कन्नूर नगर में कई क़िलें, एक पुर्तगाली गिरज़ाघर और अनेक मस्जिदें हैं। कन्नूर केरल के उत्तरी सिरे में स्थित एक छोटा लेकिन बेहद ख़ूबसूरत तटवर्ती नगर है। जो अपने आकर्षण से पर्यटकों को आकर्षित करता है। प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण इस नगर के पश्चिमी तट पर फैले रेत से लक्षद्वीप सागर मिलता है और तट के दूसरी तरफ ऊंचे-ऊंचे ताड़ के पेड़ वातावरण को और मनोरम बनाते हैं।[3] आज भी कन्नूर देश के 62 सैनिक छावनियों में से एक है। जहाँ डिफेन्स सिक्यूरिटी फ़ोर्स का मुख्यालय है। कुछ महत्वपूर्ण मानदंडों के अंतर्गत कन्नूर भारत में रहने योग्य 10 शहरों में से एक है। शहर साफ़ सुथरा और सुंदर है।

अन्य स्थल

कन्नूर के आस पास देखने योग्य ख़ूबसूरत कई अन्य स्थल भी हैं जैसे तलास्सेरी भारतीय सर्कस का पलना और प्रशिक्षण केन्द्र। यहाँ अंग्रेजों के द्वारा निर्मित एक क़िला भी है। माहे भी करीब ही है जो कभी फ्रांसीसियों का उपनिवेश रहा जो आजकल पांडिचेरी (पुदुचेरी) प्रशासन के अंतर्गत है। बहुत शीघ्र ही कन्नूर से अंतरराष्ट्रीय उडाने प्रारम्भ हो जायेंगी क्योंकि एक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा निर्माणाधीन है।[2]

जनसंख्या

कन्नूर नगर की जनसंख्या 2001 के अनुसार 63,795 है।

खानपान

कन्नूर में खाने में सबसे अच्छी बिरयानी होती है जिसका स्वाद ही निराला है। पराठे लच्छेदार मैदा से बनाये जाते हैं परन्तु कुछ होटलों में रोटी भी मिल जाती है। यहाँ   होटलों में बीफ भी मिलती है जिसको कुछ लोग बड़े जानवर का मटन भी कहते थे।[2]

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कन्नूर (हिन्दी) यात्रा सलाह। अभिगमन तिथि: 12 अक्टू्बर, 2010
  2. 2.0 2.1 2.2 कन्नूर या केन्नानोर (केरल) (हिन्दी) वर्डप्रेस। अभिगमन तिथि: 12 अक्टूबर, 2010
  3. कन्नूर (हिन्दी) यात्रा सलाह। अभिगमन तिथि: 12 अक्टूबर, 2010