छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-1 खण्ड-7

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  • अध्यात्मिक उपासना क्या है?
  • इस खण्ड में अध्यात्मिक उपासना का वर्णन है।
  • वाणी-रूप ऋक् में प्राण-रूप साम, चक्षु-रूप ऋक् में आत्मा-रूप साम, श्रोत-रूप ऋक् में मन-रूप साम, नेत्रों की श्वेत आभा-रूप ऋक् में नील आभायुक्त स्याम-रूप साम, नेत्रों के मध्य स्थित पुरुष ही ऋक् और साम है।
  • यही ब्रह्म है, यही आदित्य के मध्य स्थित पुरुष है, यही मनुष्य की समस्त कामनाओं को अपने अधीन रखता हैं जो इस रहस्य को जानकर गायन करते हैं, वे इसी पुरुष (ब्रह्म) का गायन करते हैं।
  • इसी के द्वारा उद्गाता सभी लोंकों के समस्त भोगों की प्राप्त करता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ


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