"दानवाक्यावलि (विद्यापति)" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 +
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=दानवाक्यावलि |लेख का नाम=दानवाक्यावलि}}
 
'''दानवाक्यावलि''' [[विद्यापति|महाकवि विद्यापति]] द्वारा रचिक एक धर्म ग्रंथ हैं।  
 
'''दानवाक्यावलि''' [[विद्यापति|महाकवि विद्यापति]] द्वारा रचिक एक धर्म ग्रंथ हैं।  
 
*दानवाक्यावलि ग्रन्थ [[मिथिला]] के राजा नरसिंहदेव दर्पनारायण की रानी महादेवी धीरमति के संरक्षण में प्रणीत है।<ref>पाण्डु. तिथि सं. 1539 (1483 ई.</ref>
 
*दानवाक्यावलि ग्रन्थ [[मिथिला]] के राजा नरसिंहदेव दर्पनारायण की रानी महादेवी धीरमति के संरक्षण में प्रणीत है।<ref>पाण्डु. तिथि सं. 1539 (1483 ई.</ref>

07:21, 25 जनवरी 2013 के समय का अवतरण

Disamb2.jpg दानवाक्यावलि एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- दानवाक्यावलि

दानवाक्यावलि महाकवि विद्यापति द्वारा रचिक एक धर्म ग्रंथ हैं।

  • दानवाक्यावलि ग्रन्थ मिथिला के राजा नरसिंहदेव दर्पनारायण की रानी महादेवी धीरमति के संरक्षण में प्रणीत है।[1]
  • इसमें सभी प्रकार के दानों का विधि-विधान विस्तार से दिया गया है और दान के उपयुक्त देश, काल, पात्र का भी विशद विवेचन है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पाण्डु. तिथि सं. 1539 (1483 ई.

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख