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{डेविड की पेंटिंग 'सुकरात की मृत्यु' किस कलावाद के अंतर्गत आती है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-114,प्रश्न-2
 
|type="()"}
 
-शास्त्रीयवाद
 
+नवशास्त्रीयवाद
 
-यथार्थवाद
 
-उत्तर यथार्थवाद
 
||जैक्स लुईस डेविड की पेंटिंग 'सिकरात की मृत्यु' नवशास्त्रीयवाद के अंतर्गत आती है। 1785 ई. में डेविड ने अपना चित्र 'होरेशिया का प्रण' बनाया जो नवशास्त्रीयवाद का सर्वप्रथम चित्र माना जा सकता है।
 
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
 
.इनके चित्र 'मिनर्वा की विजय' में रोकॉको शैली की कुछ विशेषताएं स्पष्ट दिखाई देती हैं।
 
.1775 ई. में 'प्री द रोम' छात्रवृत्ति प्राप्त करके वे रोम अध्ययन के लिए चले गए।
 
.उनके प्रसिद्ध चित्र हैं- सेबाइंस पर बलात्कार, बुट्स, के पुत्रों के शवों के दहन, होराती का शपथ (Oath of the Horatti, 1787) तथा सुकरात की मृत्यु (Death of Socrates, 1787) आदि।
 
.'पागल हत्यारा' जेरिको का बहुत प्रभावपूर्ण व प्रसिद्ध चित्र है।
 
 
{घनवादी कला आकृतियों को किस रूप में देखते थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-125,प्रश्न-1
 
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-वर्ग के रूप में
 
-त्रिकोणात्मक और वर्ग के रूप में
 
-गोले और त्रिभुज के रूप में
 
+घन और शंकु के रूप में
 
||क्यूबिस्ट (घनवादी) चित्रकला में वस्तुओं को तोड़ा जाता है। उनका विश्लेषण किया जाता है और एक नजरिये के बजाए उन्हें फिर से पृथक रूप से बनाया जाता है। घनवादी कला आकृतियों को घन शंकु के रूप में देखते थे।
 
 
{इटली में बरोक कला पनपी- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-138,प्रश्न-1
 
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+16वीं शती में
 
-19वीं शती में
 
-20वीं शती में
 
-18वीं शती में
 
||इटली में बरोक कला 16 वीं शताब्दी (1550-1750) में पनपी। यूरोपीय कला का यह काल स्वर्ण युग (Grand  Siecle) माना गया है। विश्व के सर्वश्रेष्ठ कलाकारों में से इटालियन कलाकार कारावाद्ज्यो, फ्रेंच कलाकार क्लोद  लोरे, डच कलाकार रेम्ब्रां, वर्मेर, फ्रांस हाल्स, फ्लेमिश कलाकार रूबेन्स, वान डाइक एवं स्पेनिश कलाकार रिबेश, वेलास्केस इसी काल की देन हैं।
 
 
{'एस्थेटिक' शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-151,प्रश्न-1
 
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-प्लेटो
 
+बामगार्टन
 
-हीगेल
 
-टॉलस्टाय
 
||18वीं शती में बामगार्टन (1714-62 ई.) ने 'फिलॉसफी' को 'लॉजिक' (तर्कशास्त्र) 'एथिक्स' (नीतिशास्त्र) और 'एस्थेटिक्स' (सौन्दर्यशास्त्र) तीन अलग-अलग भागों में विभक्त कर दिया। 'नीतिशास्त्र' (एथिक्स) मानव को बुराइयों से हटाकर अच्छाइयों की ओर ले जाते है, सौंदर्यशास्त्र (एस्थेटिक्स) आनन्द की ओर, लॉजिक (तर्कशास्त्र) तर्क की ओर। एस्थेटिक्स तभी से अन्य विषयों की भांति अध्ययन का एक स्वतंत्र विषय बन गया।
 
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
 
.बामगार्टन को 'फादर ऑफ एस्थेटिक्स' (सौन्दर्यशास्त्र का जनक) कहा जाता है।
 
.एस्थेटिक्स, दर्शनशास्त्र के अंतर्गत अध्ययन किया जाता है।
 
 
{भारतीय सौन्दर्यशास्त्र में रस प्रतीति में विघ्न की बात कही है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-154,प्रश्न-1
 
|type="()"}
 
-भट्टलोल्लट ने
 
-श्रीशंकुक ने
 
+अभिनवगुप्त ने
 
-भट्टनायक ने
 
||भारतीय सौन्दर्यशास्त्र में रस प्रतीति में विध्न की बात अभिनवगुप्त ने कही है। अभिनवगुप्त भारतीय सौन्दर्य-दर्शन के विशिष्टतम प्रवर्तक माने जाते हैं। इन्होंने प्रेक्षक को ध्यान उत्पन्न करने वाले सभी प्रकार की विध्न बाधाओं से सर्वप्रथम मुक्त करने की बात कही।
 
 
{ग्वाश रंगों की प्रकृति कैसी होती है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-158,प्रश्न-2
 
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-पारदर्शी
 
-अल्प-पारदर्शी
 
-परावर्ती
 
+अपारदर्शी
 
||ग्वाश रंगों की प्रकृति अपारदर्शी होती है। ग्वाश का अर्थ गाढ़ा लेप होता है। चित्रों में प्राय:पोस्टर, तैल, पोस्टर तथा टेम्परा चित्रण में अधिकतर अपारदर्शी रंगांकन होता है।
 
  
{टेलीविजन मीडिया पर प्रचार की कीमत का आधार है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-166,प्रश्न-1
+
{'[[भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र]]' कहां पर स्थित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-181,प्रश्न-1
 
|type="()"}
 
|type="()"}
+समय
+
-[[पुणे]]
-जगह
+
-[[ग्वालियर]]
-प्रोडक्शन
+
-[[हैदराबाद]]
-रंग
 
||टेलीविजन मीडिया पर प्रचार की कीमत का आधार प्रसारण का समय होता है। साथ ही कीमत का आधार प्रचार का आकार, गुणवत्ता, प्रिंट शैली, प्रसारण का स्थान आदि भी होता है।
 
 
 
{कामसूत्र की उस टीका के, जिसमें 'षडंग' का वर्णन है, टीकाकार थे- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-177,प्रश्न-1
 
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+यशोधर पंडित
 
-यशराज पंडित
 
-पंडित दीनानाथ
 
-पंडित जयराज
 
||ईसा पूर्व पहली शताब्दी के लगभग षडंग चित्रकला (छ: अंगों वाली कला) का विकास हुआ। यशोधर पंडित ने 'जयमंगला' नाम से टीका की। कामसूत्र के प्रथम अधिकरण के तीसरे अध्याय की टीका करते हुए पंडित यशोधर ने आलेख (चित्रकला) के छ: अंग बताए हैं-
 
रूपभेदा: प्रमाणिनि भावलावण्ययोजनम्।
 
यादृश्यं वर्णिकाभंग इति चित्र षडंगकम्॥
 
अर्थात रूपभेद, प्रमाण (सही नाप और संरचना आदि), भाव (भावना), लावण्ययोजना, सादृश्य विधान तथा वर्णिकाभंग ये छ: अंग हैं।
 
 
 
{'भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र' कहां पर स्थित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-181,प्रश्न-1
 
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-पुणे
 
-मुंबई
 
-हैदराबाद
 
 
+ट्राम्बे
 
+ट्राम्बे
||'भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र' ट्राम्बे (मुंबई) में स्थित है। यह भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत  आता है। डॉ. होमी जहांगीर भाभा ने मार्च, 1944 में भारत में नाभिकीय विज्ञान में अनुसंधान का कार्यक्रम प्रारंभ किया। डॉ. भाभा के शब्दों में "कुछ ही दशकों में जब परमाणु ऊर्जा का विद्युत उत्पादन के लिए सफलतापूर्वक अनुप्रयोग किया जाएगा तब भारत को विशेषज्ञों के लिए विदेशों की ओर नहीं देखना पड़ेगा बल्कि वे यहीं मिलेंगे।" उ.प्र. माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने इस प्रश्न का उत्तर अपने प्रारंभिक उत्तर-कुंजी में (d) दिया था किंतु परिवर्तिक उत्तर-कुंजी में इसका उत्तर गलत माना है। ट्राम्बे मुंबई का एक उपनगर हैं। चूंकि विकल्प में दोनों उत्तर मौजूद है। अत: दोनों उत्तर सही हो सकते हैं किन्तु केवल विशेष स्थान कि बात की जाए, तो विकल्प (d) सही उत्तर हो सकता है।
+
||'[[भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र]]' ट्राम्बे ([[मुंबई]]) में स्थित है। यह [[भारत सरकार]] के [[परमाणु ऊर्जा विभाग]] के अंतर्गत  आता है। [[होमी जहांगीर भाभा|डॉ. होमी जहांगीर भाभा]] ने [[मार्च]], [[1944]] में [[भारत]] में नाभिकीय विज्ञान में अनुसंधान का कार्यक्रम प्रारंभ किया। डॉ. भाभा के शब्दों में "कुछ ही दशकों में जब परमाणु ऊर्जा का विद्युत उत्पादन के लिए सफलतापूर्वक अनुप्रयोग किया जाएगा तब भारत को विशेषज्ञों के लिए विदेशों की ओर नहीं देखना पड़ेगा बल्कि वे यहीं मिलेंगे।"
  
{'मृहनयनी का महत्त्व' कहां स्थित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-187,प्रश्न-32
+
{'मृगनयनी का महल' कहां स्थित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-187,प्रश्न-32
 
|type="()"}
 
|type="()"}
 
-धार
 
-धार
-हैदराबाद
+
-[[हैदराबाद]]
-कोटा
+
-[[कोटा]]
+ग्वालियर
+
+[[ग्वालियर]]
||ग्वालियर के किले में 'मृगनयनी का महल' स्थित है। ग्वालियर के किले के अंदर छ: महल हैं। इनमें से एक महल राजा मानसिंह की रानी 'मृगनयनी का महल' भी है इसे 'गूजरी महल' भी कहा जाता है।
+
||[[ग्वालियर का क़िला]] में 'मृगनयनी का महल' स्थित है। ग्वालियर के क़िले के अंदर छ: महल हैं। इनमें से एक महल [[राजा मानसिंह]] की रानी 'मृगनयनी का महल' भी है इसे 'गूजरी महल' भी कहा जाता है। इससे सम्बधित अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकार हैं- (1) ऐसी किंवदंती है कि कच्छवाहा [[सूर्यसेन|राजा सूर्यसेन]], गालव ऋषि के कृपादृष्टि से रोगमुक्त हो गए जिससे उनके नाम पर ग्वालियर के क़िले का निर्माण कराया गया, जो बस्ती आबाद की उसका नामकरण किया ग्वालिआवर। यही बाद में ग्वालियर नाम से मशहूर हुआ। (2) [[बाबर|मुग़ल बादशाह बाबर]] ने इसे [[भारत|हिंदुस्तान]] के अन्य क़िलों में मोती बताया है।
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
 
.ऐसी किंवदंती है कि कच्छवाहा राजा सूर्यसेन, गालव ऋषि के कृपा- दृष्टि से रोगमुक्त हो गए जिससे उनके नाम पर ग्वालियर के किले का निर्माण कराया गया जो बस्ती आबाद की उसका नामकरण किया ग्वालिआवर। यही बाद में ग्वालियर नाम से मशहूर हुआ।
 
.मुगल बादशाह बाबर ने इसे हिंदुस्तान के अन्य किलों में मोती बताया है।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
{नवशास्त्रयतावादी चित्रकार का नाम बताइये- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-114,प्रश्न-3
 
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-जेरिका
 
-डोमीडर
 
+डेविड
 
-ब्रूगेल
 
||जैक्स लुईस डेविड की पेंटिंग 'सिकरात की मृत्यु' नवशास्त्रीयवाद के अंतर्गत आती है। 1785 ई. में डेविड ने अपना चित्र 'होरेशिया का प्रण' बनाया जो नवशास्त्रीयवाद का सर्वप्रथम चित्र माना जा सकता है।
 
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
 
.इनके चित्र 'मिनर्वा की विजय' में रोकॉको शैली की कुछ विशेषताएं स्पष्ट दिखाई देती हैं।
 
.1775 ई. में 'प्री द रोम' छात्रवृत्ति प्राप्त करके वे रोम अध्ययन के लिए चले गए।
 
.उनके प्रसिद्ध चित्र हैं- सेबाइंस पर बलात्कार, बुट्स, के पुत्रों के शवों के दहन, होराती का शपथ (Oath of the Horatti, 1787) तथा सुकरात की मृत्यु (Death of Socrates, 1787) आदि।
 
.'पागल हत्यारा' जेरिको का बहुत प्रभावपूर्ण व प्रसिद्ध चित्र है।
 
 
 
{'घनवाद' में कितने आयाम होते हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-125,प्रश्न-2
 
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-एक
 
-दो
 
-तीन
 
+अनेक
 
||'घनवाद' (Cubism) में अनेक आयाम होते हैं क्योंकि कलाकृतियों में बहु-आयामी आकृतियों को ही 'घनवाद' कहते हैं।
 
 
 
{कोलकाता में विक्टोरिया स्मारक पर 1998 का प्रस्थापन 'स्ट्रक्चर्स ऑफ़ मीनिंग' किसने बनाया था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-138,प्रश्न-2
 
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-नलिनी मालानी
 
-शिबु नटेशन
 
+विवान सुंदरम
 
-शीला गाउड़ा
 
||कोलकाता में विक्टोरिया स्मारक पर वर्ष 1998 का प्रस्थापन 'स्ट्रक्चर्स ऑफ़ मीनिंग' विवान सुंदरम ने बनाया था जो एक समकालीन कलकार हैं।
 
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
 
.विवान सुंदरम एक चित्रकार, मूर्तिकार तथा इंस्टालेटर भी है।
 
.इनके पिता कल्याण सुंदरम वर्ष 1968-71 में विधि आयोग के अध्यक्ष रहे थे।
 
.लंदन में ब्रिटिश-अमेरिकन पेंटर आर.बी. किट्ज से मिले तथा कुछ समय तक प्रशिक्षण लिया।
 
 
 
{इनमें से जर्मन दार्शनिक कौन हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-151,प्रश्न-2
 
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-अल्बर्ट ड्यूरर
 
-दांते
 
+बामगार्टन
 
-क्रोचे
 
||अलेक्जेंडर गोट्‌टिलिब बामगार्टन जर्मन दार्शनिक थे, वे दार्शनिक के साथ ही एक शिक्षक भी थे। इनका जन्म 17 जुलाई, 1714 ई. में हुई। अल्बर्ट ड्यूरर जर्मन के चित्रकार और विचारक थे। दांते इटली के दार्शनिक एवं कवि थे जबकि  क्रोचे पेंनसिल्वानिया, संयुक्त राष्ट्र संघ के गायक थे। बामगार्टन की प्रमुख पुस्तकें हैं-Ethica philosphica (1740; philosphica Ethic), Acroasis Logica (1761; Discourse on Logic), Jus Naturae (1763; Natural Law), Philosphica Generalis (1770; General Philosphica) and Praelectional Thaological (1773; Lectures on Thology).
 
 
 
{भारतीय सौन्दर्यशास्त्र के अनुसार 'रस कला की आत्मा है', यह कथन सर्वप्रथम किसका है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-154,प्रश्न-2
 
|type="()"}
 
-श्रीशंकुक का
 
-भरत का
 
+अभिनवगुप्त का
 
-पंडितराज जगन्नाथ का
 
||अभिनवगुप्त ने 'रस' के 9 स्थायी भाव माने हैं। उनके अनुसार "रस का आस्वाद भावों के माध्यम से प्रेक्षक के हृदय में होता है। इसलिए भाव और रस में परस्पर शरीर और आत्मा का संबंध है।"
 
 
 
{इनमें से कौन असंबद्ध है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-158,प्रश्न-3
 
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-रूप
 
-भाव
 
-वर्ण
 
+चित्रकार
 
||रूप, भाव तथा वर्ण, चित्र रचना के मूल तत्त्व हैं जबकि चित्रकार इन तत्त्वों का प्रयोग करके एक चित्र की रचना करता है।
 
 
 
{फ्राफिक विधि किससे संबंधित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-166,प्रश्न-2
 
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-मोजैक से
 
-फ्रेस्को से
 
-टेम्परा से
 
+ईचिंग से
 
||ग्राफिक विधि ईचिंग से संबंधित है। ईचिंग (नक्काशी) उत्कीर्णन की इच्छा है। यह धातु (जस्ते की चादर) पर एसिड के साथ उत्कीर्ण की जाती है।
 
 
 
{भारतीय चित्रकला के षडंगों का सही क्रम पहचानिए- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-177,प्रश्न-2
 
|type="()"}
 
+रूपभेद, प्रमाण, भाव, लावण्ययोजना
 
-प्रमाण, भाव, लावण्ययोजना, रूपभेद
 
-भाव, लावण्ययोजना, प्रमाण, रूपभेद
 
-लावण्ययोजना, प्रमाण, भाव, रूपभेद
 
||ईसा पूर्व पहली शताब्दी के लगभग षडंग चित्रकला (छ: अंगों वाली कला) का विकास हुआ। यशोधर पंडित ने 'जयमंगला' नाम से टीका की। कामसूत्र के प्रथम अधिकरण के तीसरे अध्याय की टीका करते हुए पंडित यशोधर ने आलेख (चित्रकला) के छ: अंग बताए हैं-
 
रूपभेदा: प्रमाणिनि भावलावण्ययोजनम्।
 
यादृश्यं वर्णिकाभंग इति चित्र षडंगकम्॥
 
अर्थात रूपभेद, प्रमाण (सही नाप और संरचना आदि), भाव (भावना), लावण्ययोजना, सादृश्य विधान तथा वर्णिकाभंग ये छ: अंग हैं।
 
  
{'भारत रत्न' प्राप्त करने वाले प्रथम व्यक्ति कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-181,प्रश्न-2
+
{'[[भारत रत्न]]' प्राप्त करने वाले प्रथम व्यक्ति कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-181,प्रश्न-2
 
|type="()"}
 
|type="()"}
-डॉ. भगवान दास
+
-[[डॉ. भगवान दास]]
-डॉ. मोक्षगुडम विश्वेस्वरैया
+
-[[विश्वेश्वरैया|डॉ. मोक्षगुडम विश्वेश्वरैया]]
-पं. जवाहरलाल
+
-[[जवाहर लाल नेहरू|पं. जवाहरलाल नेहरू]]
+डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
+
+[[डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन]]
||भारत सरकार के गृह मंत्रालय के वेबसाइट के अनुसार भारत रत्न सर्वप्रथम वर्ष 1954 में प्रदान किया गया। इनमें तीन व्यक्तियों का चयन किया गया जिनका क्रम इस प्रकार है- श्री चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन तथा डॉ. चंद्रशेखर वेंकटमन। चूंकि क्रम में दूसरे स्थान पर डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन हैं और यह विकल्प में दिया है जिससे विकल्प (d) सही उत्तर माना जा सकता है। वर्ष 1955 में भी तीन व्यक्तियों को इस पुरस्कार के लिए चयन किया गया। उनका क्रम इस प्रकार है- डॉ. भगवान दास, डॉ. मोक्षगुडम विश्वेस्वरैया तथा पं. जवाहरलाल नेहरू। वर्ष 2014 का भारत रत्न पं. मदन मोहन मालवीय तथा भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वायपेयी को प्रदान किया गया।
+
||[[भारत सरकार]] के [[गृह मंत्रालय]] की वेबसाइट के अनुसार [[भारत रत्न]] सर्वप्रथम वर्ष [[1954]] में प्रदान किया गया। इनमें तीन व्यक्तियों का चयन किया गया जिनका क्रम इस प्रकार है- [[चक्रवर्ती राजगोपालाचारी|श्री चक्रवर्ती राजगोपालाचारी]], [[डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन]] तथा [[चंद्रशेखर वेंकट रामन|डॉ. चंद्रशेखर वेंकट रमन]]। चूंकि क्रम में दूसरे स्थान पर डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन हैं और यह विकल्प में दिया है जिससे विकल्प (d) सही उत्तर माना जा सकता है। वर्ष [[1955]] में भी तीन व्यक्तियों को इस पुरस्कार के लिए चयन किया गया। उनका क्रम इस प्रकार है- [[डॉ. भगवान दास]], [[विश्वेश्वरैया|डॉ. मोक्षगुडम विश्वेस्वरैया]] तथा [[पं. जवाहरलाल नेहरू]]। वर्ष [[2014]] का भारत रत्न [[मदन मोहन मालवीय|पं. मदन मोहन मालवीय]] तथा भूतपूर्व प्रधानमंत्री [[अटल बिहारी वाजपेयी|अटल बिहारी वायपेयी]] को प्रदान किया गया।
  
{मूर्तियों पर 'आर्काइक मुस्कान' कहां की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-187,प्रश्न-33
+
{मूर्तियों पर 'आर्काइक मुस्कान' कहाँ की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-187,प्रश्न-33
 
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+ग्रीस
 
+ग्रीस
-रोम
+
-[[रोम]]
 
-इजिप्ट
 
-इजिप्ट
-मेसोपोटामिया
+
-[[मेसोपोटामिया]]
||मूर्तियों पर 'आर्काइक मुस्कान' ग्रीस, यूनान की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व इस तरह की मूर्तियों का निर्माण प्रारंभ हुआ। यूनानियों के लिए इस तरह की मुस्कान आदर्श स्वास्थ्य और भलाई का लक्षण माना जाता है।
+
||मूर्तियों पर 'आर्काइक मुस्कान' ग्रीस, [[यूनान]] की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व इस तरह की मूर्तियों का निर्माण प्रारंभ हुआ। यूनानियों के लिए इस तरह की मुस्कान आदर्श स्वास्थ्य और भलाई का लक्षण माना जाता है।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
{निम्नलिखित में से किस प्रमुख चित्रकार ने स्वच्छंदतावादी आंदोलन प्रारंभ किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-114,प्रश्न-4
 
|type="()"}
 
-इउजीन देलाक्रो
 
+थियोडोर जेरिकॉल्ट
 
-हानर डाउमियर
 
-कैमिल कोरो
 
||जीन लुईस आंद्रे थियोडोर जेरिकॉल्ट (Jean Louis Andre Theodore Gericault, 1791-1824) जो  कि एक फ्रांसीसी चित्रकार था, को स्वच्छंदतावादी आंदोलन (Romonticism Movement) का अग्रदूत माना जाता है। स्वच्छंदतावाद को 'रोमांसवाद' भी कहते है।
 
 
 
{घन में एक दर्शन कितने तल देख पाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-125,प्रश्न-3
 
|type="()"}
 
-8
 
+3
 
-6
 
-2
 
||घन (Cube) में एक दर्शन तीन तल देख पाता है क्योंकि यह एक त्रिविमीय (Three Dimensional) आकृति है।
 
 
 
{गीता कपूर कौन है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-138,प्रश्न-3
 
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-चित्रकार
 
-मूर्तिकार
 
-प्रिंटमेकर
 
+इतिहासकार तथा कला समीक्षक
 
||गीता कपूर भारत की अग्रणी कला समीक्षक, इतिहासकार और क्यूरेटर हैं। 20वीं सदी के दौरान उन्होंने इस उपमहाद्वीप में समकालीन कला के उद्भव के दस्तावेज तैयार किए हैं। कला, फिल्म, सांस्कृतिक सिद्धांत पर उनका निबंध व्यापक रूप से पसंद किया गया है। उन्होंने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनी लगाई हैं। इनकी प्रमुख पुस्तकें हैं- (1)Contemporary Indian artists, (2) Wten was Modernism: Essays on Contemporary Culturalce Practice in India, (3) Ends and Means: Critical inscription in contamporary art. इनके पति विवान सुंदरम भी एक कलाकार हैं।
 
 
 
{एशियाई कला की अवधारणा की शुरुआत किसने की? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-151,प्रश्न-3
 
|type="()"}
 
-ई.बी. हैवेल
 
-भगिनी निवेदिता
 
-ए.के. कुमारस्वामी
 
+कुकुजो ओकाकुरा
 
||एथियाई कला की अवधारणा की शुरुआत जापानी कलाकार कुकुजो ओकाकुरा ने की थी। ये 'जापान आर्ट इंस्टीट्यूट' के संस्थापक हैं।
 
 
 
{रस भाव को शास्त्र का रूस दिया था- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-154,प्रश्न-3
 
|type="()"}
 
-पं. यशोधर ने
 
+भरत ने
 
-बाणभट्ट ने
 
-केशव दास ने
 
||भरतमुनि (2-3 शती ई.) ने काव्य के आवश्यक तत्त्व के रूप में रस की प्रतिष्ठा करते हुए शृंगार, हास्य, रौद्र, करुण, वीर, अद्‌भुत, वीभत्स तथा भयानक नाम से उसके आठ भेदों का स्पष्ट उल्लेख किया है। उन्होंने अपनी कृति नाट्यशास्त्र में इसका विस्तारपूर्वक वर्णन किया है। कतिपय विद्वानों की कल्पना है कि उन्होंने शांत नामक नवें रस को भी स्वीकृति दी है।
 
 
 
{प्रकाश में उपस्थित रंगों को हम किसके द्वारा देख सकते हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-158,प्रश्न-4
 
|type="()"}
 
-दर्पण
 
+प्रिज्म
 
-दूरबीन
 
-एक्स-रे
 
||प्रिज्म ऐसा यंत्र है जि पर प्रकाश की किरणें पड़ती हैं तब यह किरण वर्ग विक्षेपण का गुण प्रदर्शित करती हैं। जिसमें सात रंगों (बैनीआहपीनाला) के क्रम में हमें दिखाई देता है।
 
 
 
{जस्ते की चादर का प्रयोग किस तकनीक में होता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-166,प्रश्न-3
 
|type="()"}
 
-लीनोकट
 
-लीथोप्रिंट
 
+ईचिंग
 
-इनग्रेविंग
 
||ग्राफिक विधि ईचिंग से संबंधित है। ईचिंग (नक्काशी) उत्कीर्णन की इच्छा है। यह धातु (जस्ते की चादर) पर एसिड के साथ उत्कीर्ण की जाती है।
 
  
{पडंग' का पहला अंग है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-177,प्रश्न-3
+
{[[महात्मा गांधी|महात्मा गांधी जी]] की [[मां]] का क्या नाम था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-181प्रश्न-3
 
|type="()"}
 
|type="()"}
-प्रमाण
+
-[[जोधाबाई]]
-सादृश्य
 
+रूपभेद
 
-भाव
 
||ईसा पूर्व पहली शताब्दी के लगभग षडंग चित्रकला (छ: अंगों वाली कला) का विकास हुआ। यशोधर पंडित ने 'जयमंगला' नाम से टीका की। कामसूत्र के प्रथम अधिकरण के तीसरे अध्याय की टीका करते हुए पंडित यशोधर ने आलेख (चित्रकला) के छ: अंग बताए हैं-
 
रूपभेदा: प्रमाणिनि भावलावण्ययोजनम्।
 
यादृश्यं वर्णिकाभंग इति चित्र षडंगकम्॥
 
अर्थात रूपभेद, प्रमाण (सही नाप और संरचना आदि), भाव (भावना), लावण्ययोजना, सादृश्य विधान तथा वर्णिकाभंग ये छ: अंग हैं।
 
 
 
{महात्मा गांधीजी की मां का क्या नाम था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-181प्रश्न-3
 
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-जोधाबाई
 
 
-जानकी बाई
 
-जानकी बाई
 
-अवंती बाई
 
-अवंती बाई
 
+पुतली बाई
 
+पुतली बाई
||महात्मा गांधी की मां का नाम पुतली बाई था जो परनामी वैश्य समुदाय से थीं। वे इनके पिता करमचंद की चौथी पत्नी थीं।
+
||[[महात्मा गांधी]] की मां का नाम पुतली बाई था जो परनामी वैश्य समुदाय से थीं। वे इनके पिता करमचंद की चौथी पत्नी थीं। इससे सम्बधित अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकार हैं- (1) गांधी जी का जन्म वर्तमान में [[गुजरात]] के एक तटीय शहर [[पोरबंदर]] नाम स्थान पर [[2 अक्टूबर]], [[1869]] को हुआ था। (2) महात्मा गांधी को 'महात्मा' के नाम से सबसे पहले वर्ष [[1915]] में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया। (3) गांधी जी को 'बापू' ([[गुजराती भाषा]] में इसका अर्थ पिता) के नाम से भी जाना जाता है। (4) [[नेताजी सुभाषचंद्र बोस]] ने [[6 जुलाई]], [[1944]] को रंगून रेडियो से गांधी जी के नाम जारी संदेश में 'राष्ट्रपिता' कहकर संबोधित किया। (5) महात्मा गांधी के चार पुत्र क्रमश: थे- हरीलाल गांधी ([[1888]]), मणिलाल गांधी ([[1892]]), रामदास गांधी ([[1897]]) तथा देवदास गांधी ([[1900]])।
अंय महत्त्वपूर्ण तथ्य
 
.गांधीजी का जन्म वर्तमान गुजरात के एक तटीय शहर पोरबंदर नाम स्थान पर 2 अक्टूबर, 1869 को हुआ था।
 
.महात्मा गांधी को 'महात्मा' के नाम से सबसे पहले वर्ष1915में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया।
 
.गांधी जी को 'बापू' (गुजराती भाषा में इसका अर्थ पिरा) के नाम से भी जाना जाता है।
 
.नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने 6 जुलाई, 1944 को रंगून रेडियो से गांधीजी के नाम जारी संदेश में 'राष्ट्रपति' कहकर संबोधित किया।
 
.महात्मा गांधी के चार पुत्र क्रमश: थे- हरीलाल गांधी (1888), मणिलाल गांधी (1892), रामदास गांधी (1897) तथा देवदास गांधी (1900)।
 
  
{कोई नाम, युद्ध या अन्य तरीका जो किसी कंपनी को उसे प्रयोग करने का न्यायिक एकाधिकार प्रदान करता है, उसे कहते हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-187,प्रश्न-34
+
{कोई नाम, युद्ध या अन्य तरीक़ा जो किसी कंपनी को उसे प्रयोग करने का न्यायिक एकाधिकार प्रदान करता है, उसे क्या कहते हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-187,प्रश्न-34
 
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+ट्रेडमार्क
 
+ट्रेडमार्क
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-ब्रांड
 
-ब्रांड
 
-कंपनी
 
-कंपनी
||ड्रेकमार्क किसी कंपनी को उसे प्रयोग करने का न्यायिक एकाधिकार प्रदान करता है। ट्रेडमार्क किसी कंपनी का नाम, शब्द, प्रतीक होता है जो उत्पादों पर अंकित होते हैं। किसी भी वस्तु के ट्रेडमार्क का पंजीकरण राष्ट्रीय ट्रेडमार्क कार्यालय द्वारा किया जाता है जिसके लिए शुल्क जमा करना होता है। ट्रेडमार्क्स का प्रयोग करके कोई कंपनी उत्पाद के नकल से बचती है।
+
||ट्रेडमार्क किसी कंपनी को उसे प्रयोग करने का न्यायिक एकाधिकार प्रदान करता है। ट्रेडमार्क किसी कंपनी का नाम, शब्द, प्रतीक होता है जो उत्पादों पर अंकित होते हैं। किसी भी वस्तु के ट्रेडमार्क का पंजीकरण राष्ट्रीय ट्रेडमार्क कार्यालय द्वारा किया जाता है जिसके लिए शुल्क जमा करना होता है। ट्रेडमार्क्स का प्रयोग करके कोई कंपनी उत्पाद के नकल से बचती है।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
{'थियोडोर जेरिकॉल्ट' किस कला आंदोलन के अंतर्गत आते है, (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-114,प्रश्न-5
 
|type="()"}
 
-नवशास्त्रीयवाद
 
+रोमांसवाद
 
-यथार्थवाद
 
-प्रभाववाद
 
||जीन लुईस आंद्रे थियोडोर जेरिकॉल्ट (Jean Louis Andre Theodore Gericault, 1791-1824) जो  कि एक फ्रांसीसी चित्रकार था, को स्वच्छंदतावादी आंदोलन (Romonticism Movement) का अग्रदूत माना जाता है। स्वच्छंदतावाद को 'रोमांसवाद' भी कहते है।
 
 
 
{परिप्रेक्ष्य की दृष्टि से हमें 'घन' के कितने पक्ष दिखाई पड़ते हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-125,प्रश्न-4
 
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-6
 
-5
 
+3
 
-4
 
||घन (Cube) में एक दर्शन तीन तल देख पाता है क्योंकि यह एक त्रिविमीय (Three Dimensional) आकृति है।
 
 
 
{समीक्षावादी कलाकार कौन हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-138,प्रश्न-4
 
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-रणवीर सिंह विष्ट
 
-एन.के. खन्ना
 
+रामचंद्र शुक्ल
 
-मदनलाल नागर
 
||रामचंद्र शुक्ल एक प्रख्यात कला समीक्षक थे। इसके साथ ही शुक्ल की एक चित्रकार और कला लेखक भी थे।
 
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
 
.रामचंद्र शुक्ल फ्रांस द्वारा 'जीवन ऑनर फ्रैगानार्ड' सम्मान पाने वाले पहले भारतीय चित्रकार हैं। रामचंद्र शुल्क ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चित्रकला विभाग में अध्यापन का कार्य किया तथा आगे चलकर इस विभाग के विभागाध्यक्ष भी हुए।
 
.प्रो. रामचंद्र शुक्ल ने आधुनिक कला-समीक्षावाद, भारतीय चित्रकला शिक्षण पद्धति, रेखावली, कला दर्शन, कला-प्रसंग और पश्चिमी आधुनिक चित्रकार आदि पुस्तकों की भी रचना की।
 
.कागज की नाव, आपात काल, अंतिम भोज, चंद्र यात्रा, बैलेट बॉक्स आदि रामचंद्र शुक्ल की प्रमुख चित्र कृतिया हैं।
 
 
 
{सौंदर्य क्या है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-151,प्रश्न-4
 
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-कलाकृति
 
-अभिव्यक्ति
 
-जीवन का आनन्द
 
+रस-निष्पत्ति
 
||भरतमुनि का नाट्यशास्त्र भारतीय सौन्दर्य-दर्शन का प्राचीनतम ग्रंथ है। जिसमें उन्होंने अपना रस सिद्धांत प्रतिपादित किया है। भावों द्वारा रस की निष्पति और प्रेक्षक द्वारा उसकी अनुभूति सौन्दर्य का सर्वोच्च स्वरूप कहा गया है। भारतीय मनीषियों ने रस, सौन्दर्य एवं आनन्द को लगभग पर्याप्त माना है।
 
 
 
{आचार्य भरतमुनि के अनुसार रसों की संख्या है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-154,प्रश्न-4
 
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-दस
 
+आठ
 
-नौ
 
-ग्यारह
 
||भरतमुनि (2-3 शती ई.) ने काव्य के आवश्यक तत्त्व के रूप में रस की प्रतिष्ठा करते हुए शृंगार, हास्य, रौद्र, करुण, वीर, अद्‌भुत, वीभत्स तथा भयानक नाम से उसके आठ भेदों का स्पष्ट उल्लेख किया है। उन्होंने अपनी कृति नाट्यशास्त्र में इसका विस्तारपूर्वक वर्णन किया है। कतिपय विद्वानों की कल्पना है कि उन्होंने शांत नामक नवें रस को भी स्वीकृति दी है।
 
 
 
{ऑफ्सेट कलर प्रिंटिंग के चार कलर होते हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-158,प्रश्न-5
 
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-लाल, हरा, नीला, काला
 
+स्यान, मैजेंटा, येली, ब्लैक
 
-हरा, लाल, पीला, नीला
 
-नीला, लाल, पीला, काला
 
||ऑफ्सेट कलर प्रिंटिंग के चार अलर होते हैं- स्यान (Cyan), मैजेंटा (Magenta), येलो (Yellow) और ब्लैक (Black)। कलर प्रिंट के समय Reb, Green और Blue (RGB) को CYMK में बदल दिया जाता है।
 
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
 
.लाल, हरा, नीला प्रकाश के प्राथमिक रंग होते हैं। जिन्हें कंप्यूटर अपनी स्क्रीन पर दिखाता है।
 
.कंम्यूटर स्क्रीन पर अच्छा चित्र पाने के लिए 'RGB' को 'CYMK' में परिवर्तित करना बेहतर विकल्प होता है।
 
 
 
{जल-रंग चित्रण में पोत का प्रभाव किस कागज पर अच्छा उभरता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-166,प्रश्न-4
 
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-चिकना
 
-मध्यम
 
+मोटा
 
-पतंगी
 
||जल-रंग चित्रण कालीन चित्रण प्रद्धति है। इस माध्यम में चित्रण प्राय: कागज पर होता है। मोटा और कड़ा कागज इस चित्रण हेतु उपयुक्त रहता है, जो पानी को न सोखे।
 
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
 
.अधिक सुरदुरा, मध्यम खुरदुरा और चिकना कई प्रकार के धरातलों में निर्मित व्हाट्समैन मार्का कागज इसके लिए अच्छा माना जाता है।
 
.जल-रंग चित्रण के लिए प्राय: सेबल हेयर के ब्रश उपयुक्त रहते हैं।
 
 
 
{षडंग किससे संबंधित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-177,प्रश्न-4
 
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+ चित्रकला
 
-मूर्तिकला
 
-वस्त्र
 
-स्थापत्य
 
||ईसा पूर्व पहली शताब्दी के लगभग षडंग चित्रकला (छ: अंगों वाली कला) का विकास हुआ। यशोधर पंडित ने 'जयमंगला' नाम से टीका की। कामसूत्र के प्रथम अधिकरण के तीसरे अध्याय की टीका करते हुए पंडित यशोधर ने आलेख (चित्रकला) के छ: अंग बताए हैं-
 
रूपभेदा: प्रमाणिनि भावलावण्ययोजनम्।
 
यादृश्यं वर्णिकाभंग इति चित्र षडंगकम्॥
 
अर्थात रूपभेद, प्रमाण (सही नाप और संरचना आदि), भाव (भावना), लावण्ययोजना, सादृश्य विधान तथा वर्णिकाभंग ये छ: अंग हैं।
 
  
{अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-181,प्रश्न-4
+
{[[अमेरिका]] के प्रथम [[राष्ट्रपति]] कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-181,प्रश्न-4
 
|type="()"}
 
|type="()"}
 
-अब्राहम लिंकन
 
-अब्राहम लिंकन
पंक्ति 384: पंक्ति 60:
 
-बिल क्लिंटन
 
-बिल क्लिंटन
 
-जॉर्ज डब्ल्यू बुश
 
-जॉर्ज डब्ल्यू बुश
||अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन हे। उन्होंने 30 अप्रैल, 1798 को अमेरिका के राष्ट्रपति का पद भार ग्रहण किया। वर्तमान में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा हैं। ध्यातव्य है कि अमेरिका में राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 वर्ष का तथा वहां के संविधान के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति लगातार 3 बार से अधिक इस पद पर नहीं रह सकता।
+
||[[अमेरिका]] के प्रथम [[राष्ट्रपति]] जॉर्ज वाशिंगटन थे। उन्होंने [[30 अप्रैल]], 1798 को अमेरिका के राष्ट्रपति का पद भार ग्रहण किया। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा हैं। ध्यातव्य है कि अमेरिका में राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 वर्ष का तथा वहां के संविधान के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति लगातार 3 बार से अधिक इस पद पर नहीं रह सकता।
 
 
{'हनिवा टैराकोटा' किस देश से संबंधित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-187,प्रश्न-35
 
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-चीन
 
+जापान
 
-कोरिया
 
-थाईलैंड
 
||'हनिवा टैराकोटा' जापान से संबंधित कला है। हनिया का अर्थ है- मिट्टी का चक्र या गोला। हनिया टैराकोटा कला मिट्टी के घोड़े, योद्धाओं की मूर्तियां, महिला परिचारिकाओं, नर्तक, पक्षियों, जानवरों, नावों, सैन्य उपकरणों आदि की मूर्तियां बनाई जाती थी।
 
 
 
{नवशास्त्रीयतावादी कलाकारों ने एक राजनैतिक काल के लिए योगदान किया था। वह कौन-सा काल था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-114,प्रश्न-6
 
|type="()"}
 
-अमेरिकन क्रांति
 
-भारत छोड़ों आंदोलन
 
+फ्रेंच क्रांति
 
-द्वितीय विश्व युद्ध
 
||नवशास्त्रीयतावादी कलाकारों ने फ्रेंच क्रांति (French Revolution) के लिए पेंटिंग और प्रिंटमेकिंग के क्षेत्र में योगदान किया था जबकि अमेरिकन पुनर्जागरण (American Renaissance) 'उत्तर नवशास्त्रीवाद' से संबंधित है। विश्व युद्ध भी 'उत्तर नवशास्त्रीवाद' तथा आर्किटेक्चर (Architec-ture) से संबंधित है।
 
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
 
.नवशास्त्रीयतावादी चित्रकारों ने मुख्य रूप से उदात्तता पर ध्यान दिया। डेविड और इन्ग्रेस इस शैली के प्रतिनिधि कलाकार थे।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
{कौन-से दो कलाकारों ने ज्यामितीय चलन, चमकदार रंगों एवं तकनीक का समावेश अपने चित्रों में किया था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-125,प्रश्न-5
 
|type="()"}
 
‌-पॉल सेजां एवं विन्सेंट वान गॉग
 
+पिकासो एवं ब्राक
 
-माने एवं एडगर डेगा
 
-वान आईक बंधु
 
||घनवादी चित्रकार पिकासो एवं ब्राक ने ज्यामितीय चलन, चमकदार रंगों एवं तकनीक का समावेश अपने चित्रों में किया था। इनके चित्रों में भूरा, हरा, लाल, नारंगी तथा नीला आदि तेज रंगों की प्रमुखता थी।
 
 
 
{प्रोफेसर रामचंद्र शुक्ल जाने जाते हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-138,प्रश्न-5
 
|type="()"}
 
-पारपरिक चित्रकार के रूप में
 
+समीक्षावादी चित्रकार के रूप में
 
-समीक्षक के रूप में
 
-फोटोग्राफर के रूप में
 
||रामचंद्र शुक्ल एक प्रख्यात कला समीक्षक थे। इसके साथ ही शुक्ल की एक चित्रकार और कला लेखक भी थे।
 
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
 
.रामचंद्र शुक्ल फ्रांस द्वारा 'जीवन ऑनर फ्रैगानार्ड' सम्मान पाने वाले पहले भारतीय चित्रकार हैं। रामचंद्र शुल्क ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चित्रकला विभाग में अध्यापन का कार्य किया तथा आगे चलकर इस विभाग के विभागाध्यक्ष भी हुए।
 
.प्रो. रामचंद्र शुक्ल ने आधुनिक कला-समीक्षावाद, भारतीय चित्रकला शिक्षण पद्धति, रेखावली, कला दर्शन, कला-प्रसंग और पश्चिमी आधुनिक चित्रकार आदि पुस्तकों की भी रचना की।
 
.कागज की नाव, आपात काल, अंतिम भोज, चंद्र यात्रा, बैलेट बॉक्स आदि रामचंद्र शुक्ल की प्रमुख चित्र कृतिया हैं।
 
 
 
{पाश्पात्य सौन्दर्यशास्त्र में 'सहजानुभूति' (Intuition) का सिद्धांत प्रतिपादित किया- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-151,प्रश्न-5
 
|type="()"}
 
-हीगल ने
 
+क्रोचे ने
 
-बामगार्टन ने
 
-टॉमस एक्विनास ने
 
||पाश्चात्य सौन्दर्यशास्त्र 'सहजानुभूति' (Intuition) का सिद्धांत क्रोचे ने प्रतिपादित किया। क्रोचे ने कला को सहजानुभूति माना है। क्रोचे आधुनिक काल के महान सौन्दर्यशास्त्रियों में गिना जाता है। 'What is Beauty' की विवेचना करते हुए उसने 'एस्थेटिक' ग्रंथ की रचना की।
 
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
 
.क्रोचे ने कला को तत्वत: भाषा माना है और भाषा को तत्वत: अभिव्यक्ति।
 
.क्रोचे ने अभिव्यक्त के दो विभेद किए हैं- एस्थेटिक सेंस और नेचुरोलिस्टक सेंस।
 
.क्रोचे ने अभिव्यक्त एवं सौन्दर्य को एक माना है। उन्हीं के शब्दों में- अभिव्यक्त एवं सौन्दर्य दो अवधारणाएं नहीं हैं बल्कि एक ही अवधारणा है (Expression and beauty are not two concapts dut a Single concapt)|
 
.'एक्सप्रेशनिस्ट थ्योरी' का सबसे प्रमुख प्रवर्तक क्रोचे था।
 
.हीगल की भांति ही क्रोचे ने भी कलाकृति को बौद्धिक माना है। क्रोचे माइकेल एंजेलो के कथन का उल्लेख करता है- "मैं अपने दिमाग से चित्र बनाता हूं, हाथ से नहीं"।
 
 
 
{सर्वप्रथम किसने 'नाट्यशास्त्र' में आठ रसों को बतलाया था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-154,प्रश्न-5
 
|type="()"}
 
-आचार्य उद्भट्ट
 
-आचार्य बाणभट्ट
 
+आचार्य भरतमुनि
 
-आचार्य नारायण मुनि
 
||भरतमुनि (2-3 शती ई.) ने काव्य के आवश्यक तत्त्व के रूप में रस की प्रतिष्ठा करते हुए शृंगार, हास्य, रौद्र, करुण, वीर, अद्‌भुत, वीभत्स तथा भयानक नाम से उसके आठ भेदों का स्पष्ट उल्लेख किया है। उन्होंने अपनी कृति नाट्यशास्त्र में इसका विस्तारपूर्वक वर्णन किया है। कतिपय विद्वानों की कल्पना है कि उन्होंने शांत नामक नवें रस को भी स्वीकृति दी है।
 
 
 
{चंबा की रेखाएं किस रंग से बनाई गई हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-158,प्रश्न-1
 
|type="()"}
 
-लाल, पीला, हरा
 
+लाल, काला
 
-काला, सफेद
 
-इनमें से सभी
 
||चंबा की रेखाएं, लाल या काले रंग से बनाई गई हैं। इस शैली के चित्रों में कोमल और बारीक रेखाओं में जहांगीर कालीन मुगल शैली की विशेषताओं की छाप दिखती है।
 
 
 
{किस-किस रंग के मिलन से ग्रे रंग बनता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-158,प्रश्न-6
 
|type="()"}
 
-काला और हरा
 
-काला और नीला
 
-काला और पीला
 
+काला और सफेद
 
||काला और सफेद रंग को मिलाने से ग्रे रंग बनता है।
 
 
 
{वॉश तकनीक की रेखाएं भारतीय कलाओं से प्रेरित हैं, लेकिन तकनीक- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-166,प्रश्न-5
 
|type="()"}
 
-इटालियन है
 
-मंगोलियन है
 
-ईरानियन है
 
+चीनी-जापानी है
 
||वॉश तकनीक के रेखाएं भारतीय कलाओं से प्रेरित हैं लेकिन यह तकनीक चीनी-जापानी है। भारत में इस तकनीक को बंगाल शैली के चित्रकारों ने विकसित किया है।
 
  
{भारतीय षडंग (छ: अंग) के रचयिता कौन हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-177,प्रश्न-5
+
{'हनिवा टैराकोटा' किस देश से संबंधित [[कला]] है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-187,प्रश्न-35
 
|type="()"}
 
|type="()"}
-रामचंद्र शुक्ल
+
-[[चीन]]
+यशोधर पंडित
+
+[[जापान]]
-कालिदास
+
-दक्षिण कोरिया
-भरत
+
-[[थाईलैंड]]
||ईसा पूर्व पहली शताब्दी के लगभग षडंग चित्रकला (छ: अंगों वाली कला) का विकास हुआ। यशोधर पंडित ने 'जयमंगला' नाम से टीका की। कामसूत्र के प्रथम अधिकरण के तीसरे अध्याय की टीका करते हुए पंडित यशोधर ने आलेख (चित्रकला) के छ: अंग बताए हैं-
+
||'हनिवा टैराकोटा' [[जापान]] से संबंधित [[कला]] है। हनिया का अर्थ है- [[मिट्टी]] का चक्र या गोला। हनिया टैराकोटा कला मिट्टी के घोड़े, योद्धाओं की मूर्तियां, महिला परिचारिकाओं, नर्तक, पक्षियों, जानवरों, नावों, सैन्य उपकरणों आदि की मूर्तियां बनाई जाती थी।
रूपभेदा: प्रमाणिनि भावलावण्ययोजनम्।
 
यादृश्यं वर्णिकाभंग इति चित्र षडंगकम्॥
 
अर्थात रूपभेद, प्रमाण (सही नाप और संरचना आदि), भाव (भावना), लावण्ययोजना, सादृश्य विधान तथा वर्णिकाभंग ये छ: अंग हैं।
 
  
 
{रैम किसका संक्षिप्त रूप है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-181,प्रश्न-5
 
{रैम किसका संक्षिप्त रूप है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-181,प्रश्न-5
पंक्ति 493: पंक्ति 75:
 
+रैन्डम एक्सेस मेमोरी
 
+रैन्डम एक्सेस मेमोरी
 
-रोलिंग एक्सेस मेमोरी
 
-रोलिंग एक्सेस मेमोरी
-रैपिड रक्यूरेट मेमोरी
+
-रैपिड एक्यूरेट मेमोरी
||रैन्डम एक्सेस मोरी का संक्षिप्त रूप रैम है।
+
||रैन्डम एक्सेस मेमोरी का संक्षिप्त रूप रैम है। इससे सम्बधित अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकार है- (1) रैम का प्रयोग लिखने एवं पढ़ने दोनों में किया जा सकता है। (2) यह [[कम्प्यूटर]] की गति बढ़ाने में सहायक होता है। (3) यह काफ़ी महंगा होता है तथा मदरबोर्ड में एकीकृत चिप में स्थित होता है। (3) रीड ओनली मेमोरी का संक्षिप्त रूप रोम है। (4) इसे केवल पढ़ने में प्रयोग किया जा सकता है। (5) यह कम्प्यूटर की गति बढ़ाने में कोई मदद नहीं करता है। (6) यह रैम से सस्ता होता है।
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
 
.रैम का प्रयोग लिखने एवं पढ़ने दोनों में किया जा सकता है।
 
.यह कम्प्यूटर की गति बढ़ाने में सहायक होता है।
 
.यह काफी महंगा होता है तथा मदरबोर्ड में एकीकृत चिप में स्थित होता है।
 
.रीड ओनली मेमोरी का संक्षिप्त रूप रोम है।
 
.इसे केवल पढ़ने में प्रयोग किया जा सकता है।
 
.यह कम्प्यूटर की गति बढ़ाने में कोई मदद नहीं करता है।
 
.यह रैम से सस्ता होता है।
 
  
{विज्ञापन करेक्टर 'गट्टू' का निर्माण किया था- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-188,प्रश्न-36
+
{विज्ञापन करेक्टर 'गट्टू' का निर्माण किसने किया था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-188,प्रश्न-36
 
|type="()"}
 
|type="()"}
-आर.के. नारायण
+
-[[आर. के. नारायण|आर.के. नारायण]]
 
-अजित निनान
 
-अजित निनान
-के.एस. कुलवर्ती
+
-के.एस. कुलकर्णी
+आर.के. लक्ष्मण
+
+[[आर के लक्ष्मण|आर.के. लक्ष्मण]]
||विज्ञापन करेक्टर 'गट्टू' का निर्माण प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट आर.के. लक्ष्मण ने किया था। गट्टू का करेक्टर पहली बार एशियन पेंट्स के प्रचार में दिखाया गया था।
+
||विज्ञापन करेक्टर 'गट्टू' का निर्माण प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट [[आर के लक्ष्मण|आर.के. लक्ष्मण]] ने किया था। गट्टू का करेक्टर पहली बार एशियन पेंट्स के प्रचार में दिखाया गया था।
 
</quiz>
 
</quiz>
 
|}
 
|}
 
|}
 
|}

12:03, 13 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण

1 'भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र' कहां पर स्थित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-181,प्रश्न-1

पुणे
ग्वालियर
हैदराबाद
ट्राम्बे

2 'मृगनयनी का महल' कहां स्थित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-187,प्रश्न-32

धार
हैदराबाद
कोटा
ग्वालियर

3 'भारत रत्न' प्राप्त करने वाले प्रथम व्यक्ति कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-181,प्रश्न-2

डॉ. भगवान दास
डॉ. मोक्षगुडम विश्वेश्वरैया
पं. जवाहरलाल नेहरू
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन

4 मूर्तियों पर 'आर्काइक मुस्कान' कहाँ की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-187,प्रश्न-33

ग्रीस
रोम
इजिप्ट
मेसोपोटामिया

5 महात्मा गांधी जी की मां का क्या नाम था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-181प्रश्न-3

जोधाबाई
जानकी बाई
अवंती बाई
पुतली बाई

6 कोई नाम, युद्ध या अन्य तरीक़ा जो किसी कंपनी को उसे प्रयोग करने का न्यायिक एकाधिकार प्रदान करता है, उसे क्या कहते हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-187,प्रश्न-34

ट्रेडमार्क
रजिस्ट्रेशन
ब्रांड
कंपनी

7 अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-181,प्रश्न-4

अब्राहम लिंकन
जॉर्ज वाशिंगटन
बिल क्लिंटन
जॉर्ज डब्ल्यू बुश

8 'हनिवा टैराकोटा' किस देश से संबंधित कला है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-187,प्रश्न-35

चीन
जापान
दक्षिण कोरिया
थाईलैंड

9 रैम किसका संक्षिप्त रूप है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-181,प्रश्न-5

रैपिड एक्सेस मेमोरी
रैन्डम एक्सेस मेमोरी
रोलिंग एक्सेस मेमोरी
रैपिड एक्यूरेट मेमोरी

10 विज्ञापन करेक्टर 'गट्टू' का निर्माण किसने किया था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-188,प्रश्न-36

आर.के. नारायण
अजित निनान
के.एस. कुलकर्णी
आर.के. लक्ष्मण