एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

रक्त कोशिका

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
रक्त कोशिकाएँ

रक्त कोशिका अथवा 'रक्त कणिका' (अंग्रेज़ी: Blood Cell) रक्त में पायी जाती है। प्लाज्मा के अतिरिक्त शेष रक्त का लगभग 40-45 प्रतिशत भाग रुधिराणुओं का बना होता है। इस भाग को 'हीमेटोक्रिट' कहते हैं।

प्रकार

मनुष्य के रक्त में निम्नलिखित तीन प्रकार की रक्त कोशिकाएँ या रुधिराणु पाई जाती हैं-

  1. लाल रक्त कोशिका
  2. श्वेत रक्त कोशिका
  3. रक्त प्लेटलेट्स

ये तीनों कोशिकायें मिलकर लगभग 45 प्रतिशत रक्त ऊतकों का निर्माण करती हैं, शेष 55 प्रतिशत भाग प्लाविका से बनता है।

लाल रक्त कोशिका

लाल रक्त कोशिका श्वसन अंगों से ऑक्सीजन लेकर सारे शरीर में पहुंचाने का और कार्बन डाईआक्साईड को शरीर से श्वसन अंगों तक ले जाने का कार्य करती है। इनकी कमी से 'रक्ताल्पता' (एनिमिया) का रोग हो जाता है।

श्वेत रक्त कोशिका

श्वेत रक्त कोशिकायें सहज प्रतिरक्षा प्रणाली का मुख्य भाग हैं, इनका जीवन काल कुछ दिन से लेकर वर्षों का होता है। ये लाल रुधिर कणिकाओं से बड़ी, किंतु संख्या में कम अनियमित आकार की एवं केन्द्रक युक्त होती हैं। मनुष्य के एक घन मिलीमीटर रुधिर में इनकी संख्या लगभग 7500 (6000-10,000) तक होती है। इनमें हीमोग्लोबिन नहीं पाया जाता है, इसलिए ये सफ़ेद या रंगहीन होती है।

बिम्बाणु

बिम्बाणु रक्त का थक्का जमाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये केवल स्तनियों के रुधिर में ही पाई जाती हैं। मनुष्य के रक्त में इनकी संख्या 2.5 लाख प्रति घन मिलीमीटर होती है। ये अति सूक्ष्म, केन्द्रकविहीन, संकुचनशील, गोल या अण्डाकार, उभयोत्तर एवं प्लेट के आकार की होती हैं। इनमें 15 प्रतिशत वसा, 50 प्रतिशत प्रोटीन होती है। इनका कार्य क्षतिग्रस्त भाग से बहते हुए रक्त का थक्का जमाना है। थक्का जमने से उस स्थान से रुधिर का बहना बन्द हो जाता है। इनका जीवनकाल 1-8 या 10 दिन होता है।

रक्त कोशिकाओं में कमी रक्तक्षीणता का कारण बनती है। दूसरी ओर वृद्धि पॉलीसाइथीमिया कहलाती है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख