धारी संस्कार

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धारी संस्कार सहरिया जनजाति का मृत्यु से संबंधित संस्कार है।

  • यह संस्कार मृतक की मृत्यु के तीसरे दिन किया जाता है, जिसमें एक कुण्डे के नीचे दीपक जलाया जाता है जहाँ किसी जानवर का पद चिह्न बनता है। इससे यह माना जाता है कि मृत व्यक्ति ने उसी रूप में जन्म लिया है जिसका पद चिह्न कुण्डे के नीचे बना है।

इन्हें भी देखें: राजस्थान की संस्कृति, राजस्थान की जनजातियाँ, राजस्थान का इतिहास एवं राजस्थान के रीति-रिवाज


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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