चेंग बेनहुआ

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चेंग बेनहुआ

चेंग बेनहुआ (अंग्रेज़ी: Cheng Benhua, जन्म- 1914; मृत्यु- 1938) द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान विरोधी सेनानी थीं। वह एक विरोध की नायिका थीं। सन 1937 में जापान के चीन पर आक्रमण करने के दौरान चेंग बेनहुआ जापानियों से लड़ी थीं। उन्होंने अपनी बहादुरी और उपलब्धियों से इस विनाशकारी युद्ध में लड़ रहे लाखों दूसरे लोगों के मुक़ाबले एक अलग मिसाल पेश की। संगीन से छलनी किए जाने से ठीक पहले ली गई उनकी एक तस्वीर निर्भय विरोध की एक आइकॉनिक मिसाल बन गई। जापानी सैनिकों द्वारा सामूहिक बलात्कार के बाद चेंग बेनहुआ की मौत हो गई।

  • चेंग बेनहुआ की तस्वीर एक जापानी फ़ोटोग्राफ़र ने खींची थी। इस फ़ोटोग्राफ़र ने उनके अंतिम क्षणों को दर्ज किया है। लड़ाई लड़ते हुए चेंग पकड़ी गईं और फिर उन्हें कैद में डाल दिया गया।
  • जिन लोगों चेंग बेनहुआ को पकड़ा था, उन्होंने उन्हें कई बार पताड़ित किया, लेकिन वे उन्हें अंतिम सांस तक डिगा नहीं पाए।
  • तस्वीर में चेंग बेनहुआ मौत के सामने भी मुस्कुराती हुई दिखाई दे रही हैं। वह अपनी बाहें मोड़कर अपनी छाती से लगाए हुए हैं। उनका सिर उठा हुआ है और वह बेफिक्र अंदाज़ में कैमरे की लेंस की ओर देख रही हैं।
  • चेंग बेनहुआ की यही मुद्रा नानजिंग में उनकी पांच मीटर की प्रतिमा में उकेरी गई है। नानजिंग खुद एक दूसरे विश्व युद्ध में सबसे बुरे नरसंहार का गवाह रहा है। यहां तीन लाख से ज़्यादा चीनी पुरुष और महिलाओं को जापानियों ने बुरी तरह से क़त्लेआम किया था।
  • 1938 में जब चेंग बेनहुआ की हत्या की गई, तब वह महज 24 साल की थीं। इसके एक साल बाद यह युद्ध यूरोप पहुंच गया।
  • चाइनीज़ हिस्टोरियन और म्यूजियम डायरेक्टर फ़ैन ज़ियानचुआन ने 2013 में पीपुल्स डेली को बताया था कि चेंग बेनहुआ इस भीषण युद्ध में मारे गए लाखों लोगों में सबसे ज़बरदस्त शख्सियत थीं। उन्होंने सबसे ज़्यादा छाप छोड़ी और वह सबसे ज़्यादा सम्मान की हक़दार हैं।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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