दोनों जहान तेरी मुहब्बत में -फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

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दोनों जहान तेरी मुहब्बत में -फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
कवि फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
जन्म 13 फ़रवरी, 1911
जन्म स्थान सियालकोट
मृत्यु 20 नवम्बर, 1984
मृत्यु स्थान लाहौर
मुख्य रचनाएँ 'नक्श-ए-फरियादी', 'दस्त-ए-सबा', 'जिंदांनामा', 'दस्त-ए-तहे-संग', 'मेरे दिल मेरे मुसाफिर', 'सर-ए-वादी-ए-सिना' आदि।
विशेष जेल के दौरान लिखी गई आपकी कविता 'ज़िन्दा-नामा' को बहुत पसंद किया गया था।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की रचनाएँ

दोनों जहान तेरी मुहब्बत में हार के
वो जा रहा है कोई शबे-ग़म गुज़ार के
वीराँ है मैकदा ख़ुमो-सागर उदास है
तुम क्या गए कि रूठ गए दिन बहार के
इक फ़ुर्सते-गुनाह मिली वो भी चार दिन
देखें हैं हमने हौसले परवरदिगार के
दुनिया ने तेरी याद से बेगाना कर दिया
तुम से भी दिलफरेब हैं ग़म रोज़गार के

भूले से मुस्कुरा तो दिए थे वो आज 'फ़ैज़'
मत पूछ वलवले दिले-नाकर्दाकार के


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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