धृति
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हिन्दी | धारण करने की क्रिया या भाव, धारण करने का गुण या शक्ति, धारणा-शक्ति, चित्त या मन की अविचलता, दृढ़ता या स्थिरता, पकड़
, स्थिरता, तृप्ति, धैर्य, साहित्य में एक संचारी भाव जिसमें इष्टप्राप्ति के कारण इच्छाओं की पूर्ति होती है, दक्ष की एक कन्या, जो धर्म की पत्नी थी, अश्वमेध की एक आहुति, सोलह मातृकाओं में से एक, अठारह अक्षरों वाले वृत्तों की संज्ञा, चन्द्रमा की सोलह कलाओं में से एक कला का नाम, फलित ज्योतिष में एक प्रकार का योग। |
-व्याकरण | स्त्रीलिंग, धातु |
-उदाहरण | नभ: स्पृशं दीप्तं अनेक वर्णं व्यात्ताननं दीप्त विशालनेत्रं । |
-विशेष | सनातन धर्म में मनु भगवान ने कहा है, जीवन में दस ऐसी मूल्यवान बातें हैं, जो धर्म का निर्धारण करती हैं और जिनका पालन सभी लोगों को करना चाहिए। ये दस बातें हैं- धृति, क्षमा, दम, अस्तेय, शौच, संयम, धी, विद्या, सत्य और अक्रोध। धृति का अर्थ है तितिक्षा या धैर्य।[2] धृति को 'सीमन्तोन्नयन' अथवा सीमान्त क्रिया भी कहते हैं। |
-विलोम | |
-पर्यायवाची | अधिगृहण, अधिकरण, अधिकार स्थापना, अधिगति, अभिधृति, आहरण, क़ब्ज़ा, क़ाबू, गृहण, दख़ल, हृति |
संस्कृत | [धृ+क्तितन्] |
अन्य ग्रंथ | |
संबंधित शब्द | धृत, हृति |
संबंधित लेख |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ गीताप्रवेश से पूर्व -2. (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) गीतोपनिषद। अभिगमन तिथि: 8 मार्च, 2011।
- ↑ पूर्णता देता है धर्म (हिन्दी) जागरण याहू। अभिगमन तिथि: 8 मार्च, 2011।