"दार्दिस्तान": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''दार्दिस्तान''' [[भारत]] की उत्तरी पश्चिमी सीमा का परंपरागत क्षेत्र था। यह जी. डब्ल्यू. लिटनर द्वारा दिया गया एक भौगोलिक नाम है, जो भारतीय [[कश्मीर]], [[पाकिस्तान|उत्तरी पाकिस्तान]] तथा [[अफ़ग़ानिस्तान|उत्तर-पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान]] को सूचित करता है।
'''दार्दिस्तान''' [[भारत]] की उत्तरी पश्चिमी सीमा का परंपरागत क्षेत्र था। यह '''जी. डब्ल्यू. लिटनर''' द्वारा दिया गया एक भौगोलिक नाम है, जो [[कश्मीर|भारतीय कश्मीर]], [[पाकिस्तान|उत्तरी पाकिस्तान]] तथा [[अफ़ग़ानिस्तान|उत्तर-पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान]] को सूचित करता है।


*इसके अंतर्गत चित्राल, यासिन, पेंन्याल, गिलगिट घाटी, हुजा एवं नागार बुंजी से वातेरा तक की [[सिंधु घाटी]], अस्तोर घाटी तथा कोहिस्तान मालाजाई क्षेत्र थे।
*इसके अंतर्गत चित्राल, यासिन, पेंन्याल, गिलगिट घाटी, हुजा एवं नागार बुंजी से वातेरा तक की [[सिंधु घाटी]], अस्तोर घाटी तथा कोहिस्तान मालाजाई क्षेत्र थे।
*[[आर्य|आर्यों]] की 'दार्द' नामक जाति यहाँ रहती थी।
*[[आर्य|आर्यों]] की 'दार्द' नामक [[जाति]] यहाँ रहती थी।
*इस क्षेत्र का उल्लेख [[प्लिनी]] एवं [[टॉल्मी]] नामक इतिहासवेत्ताओं ने भी किया है।<ref>{{cite web |url=http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%A8 |title=दार्दिस्तान |accessmonthday=23 सितम्बर |accessyear=2015 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भारतखोज |language=हिंदी }}</ref>
*इस क्षेत्र का उल्लेख [[प्लिनी]] एवं [[टॉल्मी]] नामक इतिहासवेत्ताओं ने भी किया है।<ref>{{cite web |url=http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%A8 |title=दार्दिस्तान |accessmonthday=23 सितम्बर |accessyear=2015 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भारतखोज |language=हिंदी }}</ref>



10:34, 22 जून 2017 के समय का अवतरण

दार्दिस्तान भारत की उत्तरी पश्चिमी सीमा का परंपरागत क्षेत्र था। यह जी. डब्ल्यू. लिटनर द्वारा दिया गया एक भौगोलिक नाम है, जो भारतीय कश्मीर, उत्तरी पाकिस्तान तथा उत्तर-पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान को सूचित करता है।

  • इसके अंतर्गत चित्राल, यासिन, पेंन्याल, गिलगिट घाटी, हुजा एवं नागार बुंजी से वातेरा तक की सिंधु घाटी, अस्तोर घाटी तथा कोहिस्तान मालाजाई क्षेत्र थे।
  • आर्यों की 'दार्द' नामक जाति यहाँ रहती थी।
  • इस क्षेत्र का उल्लेख प्लिनी एवं टॉल्मी नामक इतिहासवेत्ताओं ने भी किया है।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. दार्दिस्तान (हिंदी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 23 सितम्बर, 2015।