"गीत तुम्हारे -दिनेश रघुवंशी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 19: पंक्ति 19:
}}
}}
|-
|-
| style="border:1px solid #a7d7f9; float:right"|  
|  
<div style="border:thin solid #a7d7f9; margin:10px">
{| align="center"
! दिनेश रघुवंशी की रचनाएँ
|}
<div style="height: 250px; overflow:auto; overflow-x: hidden; width:99%">
{{दिनेश रघुवंशी की रचनाएँ}}
{{दिनेश रघुवंशी की रचनाएँ}}
</div></div>
|}
|}



15:02, 19 अगस्त 2011 का अवतरण

गीत तुम्हारे -दिनेश रघुवंशी
दिनेश रघुवंशी
दिनेश रघुवंशी
कवि दिनेश रघुवंशी
जन्म 26 अगस्त, 1964
जन्म स्थान ग्राम ख़ैरपुर, बुलन्दशहर ज़िला, (उत्तर प्रदेश)
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
दिनेश रघुवंशी की रचनाएँ

गीत तुम्हारे तुमको सौंप सकूँ शायद
बस्ती-बस्ती गीत लिए फिरता हूँ मैं

    प्यार की उन नन्हीं-नन्हीं सी राहों ने
    पर्वत जैसी ऊँचाई दे डाली है
    लेकिन सच्चाई ये किसको बतलाऊँ
    शिखरों पर आकर मन कितना ख़ाली है

खुद से हार गया पर सब की नज़रों में
हर बाज़ी में जीत लिए फिरता हूँ मैं

    तुम्हें देखकर सूरज रोज़ निकलता था
    तुमको पाकर कलियाँ भी मुस्कुराती थीं
    तुमसे मिलकर फूल महकते उपवन के
    तुमको छूकर गीत हवाएँ गाती थीं

बरसों बीत तुमने छुआ था पर अब तक
साँसों में संगीत लिए फिरत हूँ मैं

    उजियारों की चाहत में जो पाए हैं
    अँधकार हैं, मेरे मीत सँभालो तुम
    स्म्बन्धों के बोझ नहीं उठते मुझसे
    आकर अब तो अपने गीत सँभालो तुम

जो भी दर्द भी मिला दुनिया में रिश्तों से
गीतों में, मनमीत! लिए फिरता हूँ मैं

    कब तक , आखिर कब तक इक बंजारे-सा
    बतलाओ तो मुझको जीवन जीना है
    कब तक आख़िर कब तक यूँ हँसकर निश-दिन
    अमरित की चाहत में यह विष पीना है

चेहरे पर चेहरे वालों की दुनिया में
दिल में सच्ची प्रीत लिए फिरता हूँ मैं


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख