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||[[चित्र:Rabindranath-Tagore.gif|रबीन्द्रनाथ टैगोर| | ||[[चित्र:Rabindranath-Tagore.gif|रबीन्द्रनाथ टैगोर|80px|right]]'गीतांजलि' का [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] अनुवाद प्रकाशित होने के एक सप्ताह के अंदर [[लंदन]] से प्रकाशित होने वाले प्रसिद्ध साप्ताहिक 'टाइम्स लिटरेरी सप्लीमेंट' में [[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] की समीक्षा प्रकाशित हुई थी और बाद में आगामी तीन माह के अंदर तीन समाचार पत्रों में भी उसकी समीक्षा प्रकाशित हुई। 'गीतांजलि' टैगोर की महत्त्वपूर्ण रचना मानी जाती है।{{point}}अधिक जानकरी के लिए देखें:-[[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]] | ||
{[[चाय]] किस [[भाषा]] का शब्द है? | {[[चाय]] किस [[भाषा]] का शब्द है? | ||
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-[[मैथिली भाषा|मैथिली]] | -[[मैथिली भाषा|मैथिली]] | ||
+[[खड़ी बोली]] | +[[खड़ी बोली]] | ||
||[[चित्र:Jaishankar-Prasad.jpg| | ||[[चित्र:Jaishankar-Prasad.jpg|80px|right|जयशंकर प्रसाद]]बेली महोदय के अनुसार- 'खड़ी' ही मूल शब्द है, 'खरी' नहीं, जो खड़ा का स्त्रीलिंग रूप है। 'खड़ी' शब्द का अर्थ है 'उठी' और जब यह शब्द किसी [[भाषा]] के लिए प्रयुक्त होता होगा, तो तब इसका अर्थ 'प्रचलित' रहा होगा। इस प्रकार इसके अनुसार 'खड़ी' का अर्थ है 'परिपक्व', 'प्रचलित' या सुस्थिर। [[जयशंकर प्रसाद]] ने अपनी काव्य भाषा में खड़ी बोली का व्यापक रूप से प्रयोग किया है।{{point}}अधिक जानकरी के लिए देखें:-[[खड़ी बोली]] | ||
{'दाँतों तले अंगुली दबाना' का अर्थ क्या होगा? | {'दाँतों तले अंगुली दबाना' का अर्थ क्या होगा? |
04:48, 20 अक्टूबर 2011 का अवतरण
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