"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
| | | | ||
<quiz display=simple> | <quiz display=simple> | ||
{सकल एफ़.डी.आई. में कौन-सा राज्य प्रथम स्थान रखता है?(उपकार, लि.सं., पृ. 2, प्र. 12) | |||
|type="()"} | |||
-[[राजस्थान]] | |||
-[[पंजाब]] | |||
-[[पश्चिम बंगाल]] | |||
+[[महाराष्ट्र]] | |||
||[[चित्र:Ratnagiri.jpg|right|100px|रत्नागिरि का एक दृश्य, महाराष्ट्र]]'महाराष्ट्र' को पूरे [[भारत]] का औद्योगिक क्षमता का केंद्र माना जाता है और राज्य की राजधानी [[मुंबई]] देश की वित्तीय तथा वाणिज्यिक गतिविधियों का केंद्र है। राज्य की अर्थव्यवस्था में औद्योगिक क्षेत्र का महत्वपूर्ण स्थान है। खाद्य उत्पाद, [[तंबाकू]] और इससे बनी चीज़ें, सूती कपडा, कपड़े से बना सामान, [[काग़ज़]] और इससे बनी चीज़ें, मुद्रण और प्रकाशन, [[रबर]], प्लास्टिक, रसायन व रासायनिक उत्पाद, बिजली की मशीनें, [[यंत्र]] व उपकरण तथा परिवहन उपकरण और उनके कल पुर्जे आदि का राज्य के औद्योगिक उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान है। वर्ष [[2005]]-[[2006]] में औद्योगिक उत्पादन वर्ष [[2004]]-[[2005]] के मुक़ाबले 8.9 प्रतिशत अधिक रहा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महाराष्ट्र]] | |||
{देश की साख एवं मौद्रिक नीति का निर्माण किसके द्वारा किया जाता है?(उपकार, लि.सं., पृ. 2, प्र. 4) | {देश की साख एवं मौद्रिक नीति का निर्माण किसके द्वारा किया जाता है?(उपकार, लि.सं., पृ. 2, प्र. 4) | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
पंक्ति 13: | पंक्ति 21: | ||
-योजना मंत्रालय | -योजना मंत्रालय | ||
{ | |||
{बैंक नोट प्रेस कहाँ स्थित है?(उपकार, लि.सं., पृ. 3, प्र. 24) | |||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[ | -[[नासिक]] | ||
+देवास | |||
- | -नोएडा | ||
-[[मुम्बई]] | |||
{'पानी पंचायत योजना' किस राज्य से सम्बन्धित है?(उपकार, लि.सं., पृ. 2, प्र. 13) | {'पानी पंचायत योजना' किस राज्य से सम्बन्धित है?(उपकार, लि.सं., पृ. 2, प्र. 13) | ||
पंक्ति 28: | पंक्ति 36: | ||
-[[झारखण्ड]] | -[[झारखण्ड]] | ||
||[[चित्र:Chilka-Lake-Orissa.jpg|right|100px|चिल्का झील, उड़ीसा]][[उड़ीसा]] राज्य की कृषि नीति में आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक का प्रयोग करते हुए, [[दूध]], [[मछली]] और मांस उत्पादन के विकास को विशेष रूप से विकसित करने का प्रयास करके कुल दुग्ध उत्पादन 36 लाख लीटर प्रतिदिन अर्थात 3 लाख लीटर से अधिक तक पहुँचा दिया गया है। डेयरी उत्पादन के विकास के लिए 'ओडिशा दुग्ध फ़ेडरेशन' में राज्य के सभी 30 ज़िलों को सम्मिलित किया गया है। फ़ेडरेशन ने दुग्ध संरक्षण को बढाकर 2.70 लाख लीटर प्रतिदिन तक कर दिया है। ‘स्टैप’ कार्यक्रम के तहत फ़ेडरेशन द्वारा 17 ज़िलों में ‘महिला डेयरी परियोजना’ चल रही है। राज्य में 837 महिला डेयरी सहकारी समितियाँ हैं, जिनमें 60,287 महिलाएँ कार्यरत हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[उड़ीसा]] | ||[[चित्र:Chilka-Lake-Orissa.jpg|right|100px|चिल्का झील, उड़ीसा]][[उड़ीसा]] राज्य की कृषि नीति में आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक का प्रयोग करते हुए, [[दूध]], [[मछली]] और मांस उत्पादन के विकास को विशेष रूप से विकसित करने का प्रयास करके कुल दुग्ध उत्पादन 36 लाख लीटर प्रतिदिन अर्थात 3 लाख लीटर से अधिक तक पहुँचा दिया गया है। डेयरी उत्पादन के विकास के लिए 'ओडिशा दुग्ध फ़ेडरेशन' में राज्य के सभी 30 ज़िलों को सम्मिलित किया गया है। फ़ेडरेशन ने दुग्ध संरक्षण को बढाकर 2.70 लाख लीटर प्रतिदिन तक कर दिया है। ‘स्टैप’ कार्यक्रम के तहत फ़ेडरेशन द्वारा 17 ज़िलों में ‘महिला डेयरी परियोजना’ चल रही है। राज्य में 837 महिला डेयरी सहकारी समितियाँ हैं, जिनमें 60,287 महिलाएँ कार्यरत हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[उड़ीसा]] | ||
{'राष्ट्रीय विकास परिषद' का पदेन सचिव कौन होता है?(उपकार, लि.सं., पृ. 3, प्र. 26) | {'राष्ट्रीय विकास परिषद' का पदेन सचिव कौन होता है?(उपकार, लि.सं., पृ. 3, प्र. 26) | ||
पंक्ति 49: | पंक्ति 50: | ||
-[[भारत]] | -[[भारत]] | ||
+इनमें से कोई नहीं | +इनमें से कोई नहीं | ||
{[[भारत]] में केन्द्रीय बैंक के सभी कार्यों को कौन-सा बैंक सम्पादित करता है?(उपकार, लि.सं., पृ. 6, प्र. 76) | |||
|type="()"} | |||
-सेंट्रल बैंक ऑफ़ इण्डिया | |||
-[[भारतीय स्टेट बैंक|स्टेट बैंक ऑफ़ इण्डिया]] | |||
+रिजर्व बैंक ऑफ़ इण्डिया | |||
-[[पंजाब नेशनल बैंक]] | |||
{'राष्ट्रीय विकास परिषद' का अध्यक्ष निम्नलिखित में से कौन होता है?(उपकार, लि.सं., पृ. 4, प्र. 37) | {'राष्ट्रीय विकास परिषद' का अध्यक्ष निम्नलिखित में से कौन होता है?(उपकार, लि.सं., पृ. 4, प्र. 37) | ||
पंक्ति 57: | पंक्ति 65: | ||
-[[राज्यपाल]] | -[[राज्यपाल]] | ||
||[[चित्र:Indira-Gandhi.jpg|right|100px|श्रीमती इन्दिरा गाँधी]][[भारत का संविधान|भारत के संविधान]] के अनुसार [[प्रधानमंत्री]] का पद बहुत ही महत्त्वपूर्ण पद है, क्योंकि प्रधानमंत्री ही संघ कार्यपालिका का प्रमुख होता है। चूंकि [[भारत]] में [[ब्रिटेन]] के समान संसदीय शासन व्यवस्था को अंगीकार किया गया है, इसलिए प्रधानमंत्री पद का महत्त्व और अधिक हो गया है। अनुच्छेद-74 के अनुसार प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद का प्रधान होता है। वह [[राष्ट्रपति]] के कृत्यों का संचालन करता है। प्रधानमंत्री की योग्यता के सम्बन्ध में संविधान में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं किया गया है, लेकिन इतना अवश्य कहा गया है कि प्रधानमंत्री [[लोक सभा]] में बहुमत प्राप्त दल का नेता होगा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[प्रधानमंत्री]] | ||[[चित्र:Indira-Gandhi.jpg|right|100px|श्रीमती इन्दिरा गाँधी]][[भारत का संविधान|भारत के संविधान]] के अनुसार [[प्रधानमंत्री]] का पद बहुत ही महत्त्वपूर्ण पद है, क्योंकि प्रधानमंत्री ही संघ कार्यपालिका का प्रमुख होता है। चूंकि [[भारत]] में [[ब्रिटेन]] के समान संसदीय शासन व्यवस्था को अंगीकार किया गया है, इसलिए प्रधानमंत्री पद का महत्त्व और अधिक हो गया है। अनुच्छेद-74 के अनुसार प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद का प्रधान होता है। वह [[राष्ट्रपति]] के कृत्यों का संचालन करता है। प्रधानमंत्री की योग्यता के सम्बन्ध में संविधान में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं किया गया है, लेकिन इतना अवश्य कहा गया है कि प्रधानमंत्री [[लोक सभा]] में बहुमत प्राप्त दल का नेता होगा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[प्रधानमंत्री]] | ||
{[[भारत]] सरकार ने किस तारीख से चरणबद्ध ढंग से सभी [[स्वर्ण]] [[आभूषण|आभूषणों]] के लिए हॉलमार्क को अनिवार्य बनाने का फैसला किया था?(उपकार, लि.सं., पृ. 7, प्र. 84) | {[[भारत]] सरकार ने किस तारीख से चरणबद्ध ढंग से सभी [[स्वर्ण]] [[आभूषण|आभूषणों]] के लिए हॉलमार्क को अनिवार्य बनाने का फैसला किया था?(उपकार, लि.सं., पृ. 7, प्र. 84) | ||
पंक्ति 78: | पंक्ति 79: | ||
-करारोपण | -करारोपण | ||
-सार्वजनिक व्यय | -सार्वजनिक व्यय | ||
{तेरहवाँ वित्त आयोग कब गठित किया गया था?(उपकार, लि.सं., पृ. 20ए, प्र. 36) | |||
|type="()"} | |||
-[[जनवरी]], [[2006]] | |||
-[[अप्रैल]], [[2007]] | |||
-[[अगस्त]], [[2008]] | |||
+[[नवम्बर]], [[2007]] | |||
{[[भारत]] में हरित क्रांति किस मामले में सर्वाधिक सफल रही है?(उपकार, लि.सं., पृ. 7, प्र. 92) | {[[भारत]] में हरित क्रांति किस मामले में सर्वाधिक सफल रही है?(उपकार, लि.सं., पृ. 7, प्र. 92) | ||
पंक्ति 87: | पंक्ति 95: | ||
||[[चित्र:Wheat-1.jpg|right|100px|गेहूँ की फ़सल]]'गेहूँ' विश्वव्यापी महत्त्व की फ़सल है। यह लाखों लोगों का मुख्य खाद्य है। मुख्य रूप से [[एशिया]] में धान की खेती की जाती है, तो भी विश्व के सभी प्रायद्वीपों में [[गेहूँ]] उगाया जाता है। [[भारत]] में इसकी खेती का सबसे अच्छा समय [[अक्टूबर]] और [[नवम्बर]] का समय होता है। हरित क्रांति का सबसे अधिक प्रभाव गेहूँ की [[कृषि]] पर ही पड़ा है। गेहूँ के सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य [[उत्तर प्रदेश]], [[पंजाब]] तथा [[हरियाणा]] में हरित क्रांति के प्रयोगों से उच्च उत्पादकता तथा उत्पादन की मात्रा अधिक प्राप्त की गई है। इन राज्यों में कुल 758 लाख टन गेहूँ का उत्पादन हुआ, जो [[1990]]-[[1991]] की तुलना में 3.67% की वार्षिक वृद्धि को दर्शाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गेहूँ]] | ||[[चित्र:Wheat-1.jpg|right|100px|गेहूँ की फ़सल]]'गेहूँ' विश्वव्यापी महत्त्व की फ़सल है। यह लाखों लोगों का मुख्य खाद्य है। मुख्य रूप से [[एशिया]] में धान की खेती की जाती है, तो भी विश्व के सभी प्रायद्वीपों में [[गेहूँ]] उगाया जाता है। [[भारत]] में इसकी खेती का सबसे अच्छा समय [[अक्टूबर]] और [[नवम्बर]] का समय होता है। हरित क्रांति का सबसे अधिक प्रभाव गेहूँ की [[कृषि]] पर ही पड़ा है। गेहूँ के सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य [[उत्तर प्रदेश]], [[पंजाब]] तथा [[हरियाणा]] में हरित क्रांति के प्रयोगों से उच्च उत्पादकता तथा उत्पादन की मात्रा अधिक प्राप्त की गई है। इन राज्यों में कुल 758 लाख टन गेहूँ का उत्पादन हुआ, जो [[1990]]-[[1991]] की तुलना में 3.67% की वार्षिक वृद्धि को दर्शाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गेहूँ]] | ||
||[[चित्र:Rice-Harvest.jpg|right|100px|चावल की फ़सल]]'चावल' विश्व की दूसरी सर्वाधिक क्षेत्रफल पर उगाई जाने वाली फ़सल है। विश्व में लगभग 15 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर 45 करोड़ टन [[चावल]] का उत्पादन होता है। [[भारत]] विश्व में चावल का दूसरा बड़ा उत्पादक देश है। यहाँ पर विश्व के कुल उत्पादन का 20% चावल पैदा किया जाता है। हरित क्रांति के दौरान भारत में चावल की अनेक प्रजातियाँ विकसित की गईं, जिनमें 'विजया', 'पद्मा', 'कांची' आदि प्रमुख हैं। भारत में चावल उत्पादक राज्यों में [[पश्चिम बंगाल]], [[उत्तर प्रदेश]], [[आन्ध्र प्रदेश]], [[बिहार]], [[मध्य प्रदेश]], [[छत्तीसगढ़]], [[तमिलनाडु]], [[कर्नाटक]], [[उड़ीसा]], [[असम]] तथा [[पंजाब]] है। यह [[दक्षिणी भारत]] और [[पूर्वी भारत]] के राज्यों का मुख्य भोजन है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चावल]] | ||[[चित्र:Rice-Harvest.jpg|right|100px|चावल की फ़सल]]'चावल' विश्व की दूसरी सर्वाधिक क्षेत्रफल पर उगाई जाने वाली फ़सल है। विश्व में लगभग 15 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर 45 करोड़ टन [[चावल]] का उत्पादन होता है। [[भारत]] विश्व में चावल का दूसरा बड़ा उत्पादक देश है। यहाँ पर विश्व के कुल उत्पादन का 20% चावल पैदा किया जाता है। हरित क्रांति के दौरान भारत में चावल की अनेक प्रजातियाँ विकसित की गईं, जिनमें 'विजया', 'पद्मा', 'कांची' आदि प्रमुख हैं। भारत में चावल उत्पादक राज्यों में [[पश्चिम बंगाल]], [[उत्तर प्रदेश]], [[आन्ध्र प्रदेश]], [[बिहार]], [[मध्य प्रदेश]], [[छत्तीसगढ़]], [[तमिलनाडु]], [[कर्नाटक]], [[उड़ीसा]], [[असम]] तथा [[पंजाब]] है। यह [[दक्षिणी भारत]] और [[पूर्वी भारत]] के राज्यों का मुख्य भोजन है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चावल]] | ||
{[[भारत]] में ऋण नियंत्रक के रूप में कौन काम करता है?(उपकार, लि.सं., पृ. 20ए, प्र. 47) | {[[भारत]] में ऋण नियंत्रक के रूप में कौन काम करता है?(उपकार, लि.सं., पृ. 20ए, प्र. 47) | ||
पंक्ति 116: | पंक्ति 109: | ||
-छ: माह पर | -छ: माह पर | ||
+[[वर्ष]] | +[[वर्ष]] | ||
{[[भारत]] के निम्नलिखित में से किस राज्य में चालू मूल्यों पर प्रति व्यक्ति आय सर्वाधिक है?(उपकार, लि.सं., पृ. 20ए, प्र. 37) | |||
|type="()"} | |||
-[[पंजाब]] | |||
+[[गोआ]] | |||
-[[बिहार]] | |||
-[[उत्तर प्रदेश]] | |||
||[[चित्र:Aguada-Beach-Goa.jpg|right|100px|अगोंडा तट, गोवा]]'गोवा' [[भारत]] के अति विकसित राज्यों में से एक के रूप में उभरा है। निवेश वातावरण और आधारभूत संरचना के मामलों में भी [[गोवा]] ने भारत के श्रेष्ठतम राज्यों में से एक का दर्जा हासिल किया है। यह महानगरों, व्यापारिक और वाणिज्यिक केंद्रों के साथ सड़क, रेल, समुद्री मार्गों के अलावा वायु मार्ग के द्वारा भी भली प्रकार जुड़ा हुआ है। भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में गोवा अग्रणी राज्य है। यह राज्य घने जंगलों और [[खनिज]] संपदा से संपन्न है। यहाँ विभिन्न प्रकार [[कृषि]] फसलों और उद्यान कृषि की उपज होती है। राज्य में पर्यटन, इलेक्ट्रॉनिकी, औषधि निर्माण और कृषि रसायनों के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गोआ]] | |||
{निम्नलिखित में से कौन मुद्रा स्फीति से लाभान्वित होता है?(उपकार, लि.सं., पृ. 15, प्र. 221) | {निम्नलिखित में से कौन मुद्रा स्फीति से लाभान्वित होता है?(उपकार, लि.सं., पृ. 15, प्र. 221) |
06:39, 20 जुलाई 2012 का अवतरण
अर्थशास्त्र
|