"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/3": अवतरणों में अंतर

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{कोडरमा किस [[खनिज]] के लिए प्रसिद्ध है तथा किस राज्य में स्थित है?(अरिहंत, तरुण गोयल, पृ. 87, प्र. 47)
{कोडरमा किस [[खनिज]] के लिए प्रसिद्ध है तथा किस राज्य में स्थित है?
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-[[ताँबा]] - [[राजस्थान]]
-[[ताँबा]] - [[राजस्थान]]
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||[[चित्र:Coal-Mine-Dhanbad-Jharkhand.jpg|right|120px|कोयले की खान, धनबाद, झारखण्ड]]झारखण्ड राज्य खनिज संसाधनों में देश का समृद्धतम राज्य है। यहाँ उपलब्ध प्रमुख [[खनिज]] हैं- [[कोयला]], कच्चा लोहा, चूना पत्थर, [[तांबा]], [[बॉक्साइट]], चीनी मिट्टी, काइनाइट, चिकनी मिट्टी, डोलोमाइट, [[ग्रेफाइट]], बैंटोनाइट, साबुन पत्थर, बिल्लौरी रेत और सिलिका बालू। इस नवगठित राज्य में [[सिंहभूमि]], [[बोकारो]], [[हज़ारीबाग़]], [[रांची]], कोडरमा और [[धनबाद]] में [[कोयला]], [[अभ्रक]] और अन्य खनिजों के दोहन की अपार क्षमताएँ उपलब्ध हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[झारखण्ड]]
||[[चित्र:Coal-Mine-Dhanbad-Jharkhand.jpg|right|120px|कोयले की खान, धनबाद, झारखण्ड]]झारखण्ड राज्य खनिज संसाधनों में देश का समृद्धतम राज्य है। यहाँ उपलब्ध प्रमुख [[खनिज]] हैं- [[कोयला]], कच्चा लोहा, चूना पत्थर, [[तांबा]], [[बॉक्साइट]], चीनी मिट्टी, काइनाइट, चिकनी मिट्टी, डोलोमाइट, [[ग्रेफाइट]], बैंटोनाइट, साबुन पत्थर, बिल्लौरी रेत और सिलिका बालू। इस नवगठित राज्य में [[सिंहभूमि]], [[बोकारो]], [[हज़ारीबाग़]], [[रांची]], कोडरमा और [[धनबाद]] में [[कोयला]], [[अभ्रक]] और अन्य खनिजों के दोहन की अपार क्षमताएँ उपलब्ध हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[झारखण्ड]]


{निम्न में से किस राज्य की सीमा [[बांग्लादेश]] से नहीं मिलती?(अरिहंत, तरुण गोयल, पृ. 71, प्र. 21)
{निम्न में से किस राज्य की सीमा [[बांग्लादेश]] से नहीं मिलती?
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-[[मेघालय]]
-[[मेघालय]]
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||[[चित्र:View-Of-Manipur.jpg|right|120px|मणिपुर का एक दृश्य]]मणिपुर [[भारत]] के पूर्वी सिरे पर स्थित है। इसके पूर्व में [[म्यांमार]] और उत्तर में [[नागालैंड]] राज्‍य है। पश्चिम में [[असम]] राज्‍य और दक्षिण में [[मिज़ोरम]] राज्‍य है। [[मणिपुर]] का क्षेत्रफल 22,327 वर्ग कि.मी. है। भौगोलिक रूप से मणिपुर के दो भाग हैं- पहाडियाँ और घाटियाँ। घाटी मध्‍य में है और उसके चारों तरफ़ पहाडियाँ हैं। ये पहाडियाँ राज्‍य के कुल क्षेत्रफल का लगभग 9/10 भाग हैं। मणिपुर की घाटी [[समुद्र]] के तल से लगभग 790 मीटर ऊपर है। यह पर्वतीय श्रृंखला उत्तर में ऊंची है और धीरे-धीरे मणिपुर के दक्षिणी हिस्‍से में पहुँचने पर यह कम ऊंची रह जाती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मणिपुर]]
||[[चित्र:View-Of-Manipur.jpg|right|120px|मणिपुर का एक दृश्य]]मणिपुर [[भारत]] के पूर्वी सिरे पर स्थित है। इसके पूर्व में [[म्यांमार]] और उत्तर में [[नागालैंड]] राज्‍य है। पश्चिम में [[असम]] राज्‍य और दक्षिण में [[मिज़ोरम]] राज्‍य है। [[मणिपुर]] का क्षेत्रफल 22,327 वर्ग कि.मी. है। भौगोलिक रूप से मणिपुर के दो भाग हैं- पहाडियाँ और घाटियाँ। घाटी मध्‍य में है और उसके चारों तरफ़ पहाडियाँ हैं। ये पहाडियाँ राज्‍य के कुल क्षेत्रफल का लगभग 9/10 भाग हैं। मणिपुर की घाटी [[समुद्र]] के तल से लगभग 790 मीटर ऊपर है। यह पर्वतीय श्रृंखला उत्तर में ऊंची है और धीरे-धीरे मणिपुर के दक्षिणी हिस्‍से में पहुँचने पर यह कम ऊंची रह जाती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मणिपुर]]


{निम्न में से किस राज्य की सीमाएँ [[भारत]] के अधिकतम अन्य राज्यों से मिलती हैं?(अरिहंत, तरुण गोयल, पृ. 71, प्र. 25)
{निम्न में से किस राज्य की सीमाएँ [[भारत]] के अधिकतम अन्य राज्यों से मिलती हैं?  
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+[[असम]]
+[[असम]]
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||[[चित्र:View-Of-Assam.jpg|right|120px|चाय का बाग़, असम]]'असम' या 'आसाम' उत्तर-पूर्वी [[भारत]] का एक राज्य है। [[असम]] अन्य उत्तर-पूर्वी भारतीय राज्यों से घिरा हुआ है। विद्वानों का मत है कि 'असम' शब्द [[संस्कृत]] के 'असोमा' शब्द से बना है, जिसका अर्थ होता है-' अनुपम या अद्वितीय'। असम पूर्वोत्तर दिशा में भारत का प्रहरी है और पूर्वोत्तर राज्यों का प्रवेशद्वार भी है। यह [[भूटान]] और [[बांग्लादेश]] से लगी हुई भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पास है। असम की उत्तर दिशा में भूटान और [[अरुणाचल प्रदेश]], पूर्व दिशा में [[मणिपुर]] और [[नागालैंड]], दक्षिणी दिशा में [[मेघालय]], [[मिज़ोरम]] और [[त्रिपुरा]] राज्य हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[असम]]  
||[[चित्र:View-Of-Assam.jpg|right|120px|चाय का बाग़, असम]]'असम' या 'आसाम' उत्तर-पूर्वी [[भारत]] का एक राज्य है। [[असम]] अन्य उत्तर-पूर्वी भारतीय राज्यों से घिरा हुआ है। विद्वानों का मत है कि 'असम' शब्द [[संस्कृत]] के 'असोमा' शब्द से बना है, जिसका अर्थ होता है-' अनुपम या अद्वितीय'। असम पूर्वोत्तर दिशा में भारत का प्रहरी है और पूर्वोत्तर राज्यों का प्रवेशद्वार भी है। यह [[भूटान]] और [[बांग्लादेश]] से लगी हुई भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पास है। असम की उत्तर दिशा में भूटान और [[अरुणाचल प्रदेश]], पूर्व दिशा में [[मणिपुर]] और [[नागालैंड]], दक्षिणी दिशा में [[मेघालय]], [[मिज़ोरम]] और [[त्रिपुरा]] राज्य हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[असम]]  


{किस राज्य की राजधानी रेलवे के सम्पर्क में नहीं है?(अरिहंत, तरुण गोयल, पृ. 71, प्र. 29)
{किस राज्य की राजधानी रेलवे के सम्पर्क में नहीं है?
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+[[त्रिपुरा]] की
+[[त्रिपुरा]] की
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||[[चित्र:Lake-Agartala-Tripura.jpg|right|120px|त्रिपुरा की एक झील का दृश्य]][[त्रिपुरा]] उत्तर, पश्चिम व दक्षिण में [[बांग्लादेश]], पूर्व में [[मिज़ोरम]] और पूर्वोत्तर में [[असम]] राज्य से घिरा हुआ है। पहाड़ी स्थलाकृति होने के कारण यहाँ संचार में कठिनाई आती है। तीन ओर से बांग्लादेश से घिरे होने के कारण त्रिपुरा शेष [[भारत]] से लगभग कटा हुआ है। [[अगरतला]]-[[करीमगंज ज़िला|करीमगंज]] (असम) सड़क एकमात्र भू-मार्ग है और धर्मनगर से असम के कलकली घाट तक मीटर गेज़ रेलवे लाइन 45 कि.मी. है। यहाँ की अधिकांश नदियों में नावें चलती हैं, लेकिन इनका उपयोग स्थानीय परिवहन के लिए ही होता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[त्रिपुरा]]
||[[चित्र:Lake-Agartala-Tripura.jpg|right|120px|त्रिपुरा की एक झील का दृश्य]][[त्रिपुरा]] उत्तर, पश्चिम व दक्षिण में [[बांग्लादेश]], पूर्व में [[मिज़ोरम]] और पूर्वोत्तर में [[असम]] राज्य से घिरा हुआ है। पहाड़ी स्थलाकृति होने के कारण यहाँ संचार में कठिनाई आती है। तीन ओर से बांग्लादेश से घिरे होने के कारण त्रिपुरा शेष [[भारत]] से लगभग कटा हुआ है। [[अगरतला]]-[[करीमगंज ज़िला|करीमगंज]] (असम) सड़क एकमात्र भू-मार्ग है और धर्मनगर से असम के कलकली घाट तक मीटर गेज़ रेलवे लाइन 45 कि.मी. है। यहाँ की अधिकांश नदियों में नावें चलती हैं, लेकिन इनका उपयोग स्थानीय परिवहन के लिए ही होता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[त्रिपुरा]]


{[[भारत]] के निम्नलिखित किस [[द्वीप]] में [[ज्वालामुखी]] उद्गार होता है?(अरिहंत, तरुण गोयल, पृ. 71, प्र. 32)
{[[भारत]] के निम्नलिखित किस [[द्वीप]] में [[ज्वालामुखी]] उद्गार होता है?
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-मिनिकाय
-मिनिकाय
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||[[चित्र:Barren-Island.jpg|right|120px|बैरन द्वीप]]'बैरन द्वीप' [[भारत]] का एकमात्र [[सक्रिय ज्वालामुखी]] है। यह [[पोर्ट ब्लेयर]] से 135 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। इस [[द्वीप]] की गोलाकार आकृति लगभग 3 कि.मी. है और यह [[ज्वालामुखी]] का एक बड़ा सृजक है, जो कि तट से करीब आधा कि.मी. पर है और लगभग 150 फ़ुट गहरा है। केवल बोट द्वारा ही यहाँ का दौरा करने की अनुमति प्राप्त है। [[बैरन द्वीप]] को पहले [[मृत ज्वालामुखी]] माना जाता था, किंतु 20वीं शताब्दी के अंत में यह सक्रिय हो गया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बैरन द्वीप|बैरन]]
||[[चित्र:Barren-Island.jpg|right|120px|बैरन द्वीप]]'बैरन द्वीप' [[भारत]] का एकमात्र [[सक्रिय ज्वालामुखी]] है। यह [[पोर्ट ब्लेयर]] से 135 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। इस [[द्वीप]] की गोलाकार आकृति लगभग 3 कि.मी. है और यह [[ज्वालामुखी]] का एक बड़ा सृजक है, जो कि तट से करीब आधा कि.मी. पर है और लगभग 150 फ़ुट गहरा है। केवल बोट द्वारा ही यहाँ का दौरा करने की अनुमति प्राप्त है। [[बैरन द्वीप]] को पहले [[मृत ज्वालामुखी]] माना जाता था, किंतु 20वीं शताब्दी के अंत में यह सक्रिय हो गया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बैरन द्वीप|बैरन]]


{[[भारत]] के दक्षिणी छोर का नाम क्या है?(अरिहंत, तरुण गोयल, पृ. 72, प्र. 35)
{[[भारत]] के दक्षिणी छोर का नाम क्या है?
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-कन्याकुमारी अंतरीप
-कन्याकुमारी अंतरीप
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||'इन्दिरा पॉइन्ट' भारतीय क्षेत्र में भूमि का अंतिम दक्षिणी छोर है, जो निकोबार द्वीप में स्थित है। यह 6.45 उत्तरी अक्षांश में स्थित है। पहले इसे 'पिगमैलियन पॉइन्ट' और थोडे समय के लिए 'इंडिया पॉइन्ट' के रूप में भी जाना गया था। बाद में तत्कालीन [[प्रधानमंत्री]] [[राजीव गाँधी]] ने [[अंडमान और निकोबार द्वीप समूह]] की यात्रा के दौरान इसे अपनी [[माँ]] और पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती [[इन्दिरा गाँधी]] की स्मृति में 'इन्दिरा पॉइन्ट' नाम दे दिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[इन्दिरा पॉइन्ट]]
||'इन्दिरा पॉइन्ट' भारतीय क्षेत्र में भूमि का अंतिम दक्षिणी छोर है, जो निकोबार द्वीप में स्थित है। यह 6.45 उत्तरी अक्षांश में स्थित है। पहले इसे 'पिगमैलियन पॉइन्ट' और थोडे समय के लिए 'इंडिया पॉइन्ट' के रूप में भी जाना गया था। बाद में तत्कालीन [[प्रधानमंत्री]] [[राजीव गाँधी]] ने [[अंडमान और निकोबार द्वीप समूह]] की यात्रा के दौरान इसे अपनी [[माँ]] और पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती [[इन्दिरा गाँधी]] की स्मृति में 'इन्दिरा पॉइन्ट' नाम दे दिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[इन्दिरा पॉइन्ट]]


{[[न्यूमूर द्वीप]] कहाँ स्थित है?(अरिहंत, तरुण गोयल, पृ. 72, प्र. 39)
{[[न्यूमूर द्वीप]] कहाँ स्थित है?
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-[[अरब सागर]]
-[[अरब सागर]]
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||[[चित्र:Bay-Of-Bengal.jpg|right|120px|बंगाल की खाड़ी]]'बंगाल की खाड़ी' विश्व की सबसे बड़ी खाड़ी है। यह [[हिन्द महासागर]] का उत्तरपूर्वी भाग है। इसका नाम भारतीय राज्य [[पश्चिम बंगाल]] के नाम पर आधारित है। इस खाड़ी में ही [[न्यूमूर द्वीप]] स्थित है, जो कि एक निर्जन द्वीप है। इस [[द्वीप]] को [[भारत]] में 'पुरबाशा' और [[बांग्लादेश]] में 'दक्षिण तलपट्टी' के नाम से जाना जाता है। [[बंगाल की खाड़ी]] में ही [[गंगा नदी|गंगा]], [[ब्रह्मपुत्र नदी|ब्रह्मपुत्र]], [[कावेरी नदी|कावेरी]], [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] और [[स्वर्णरेखा नदी|स्वर्णरेखा]] आदि नदियाँ अपना [[जल]] विसर्जित करती हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बंगाल की खाड़ी]]
||[[चित्र:Bay-Of-Bengal.jpg|right|120px|बंगाल की खाड़ी]]'बंगाल की खाड़ी' विश्व की सबसे बड़ी खाड़ी है। यह [[हिन्द महासागर]] का उत्तरपूर्वी भाग है। इसका नाम भारतीय राज्य [[पश्चिम बंगाल]] के नाम पर आधारित है। इस खाड़ी में ही [[न्यूमूर द्वीप]] स्थित है, जो कि एक निर्जन द्वीप है। इस [[द्वीप]] को [[भारत]] में 'पुरबाशा' और [[बांग्लादेश]] में 'दक्षिण तलपट्टी' के नाम से जाना जाता है। [[बंगाल की खाड़ी]] में ही [[गंगा नदी|गंगा]], [[ब्रह्मपुत्र नदी|ब्रह्मपुत्र]], [[कावेरी नदी|कावेरी]], [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] और [[स्वर्णरेखा नदी|स्वर्णरेखा]] आदि नदियाँ अपना [[जल]] विसर्जित करती हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बंगाल की खाड़ी]]


{[[भारत]] की प्राचीनतम पर्वत श्रृंखला कौन-सी है?(अरिहंत, तरुण गोयल, पृ. 73, प्र. 01)
{[[भारत]] की प्राचीनतम पर्वत श्रृंखला कौन-सी है?
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-[[हिमालय]]
-[[हिमालय]]
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||[[चित्र:Aravalli-Mountains-1.jpg|right|120px|अरावली पर्वतमाला]]'अरावली' या 'अर्वली' उत्तर भारतीय पर्वतमाला है। [[राजस्थान]] राज्य के पूर्वोत्तर क्षेत्र से गुज़रती 560 किलोमीटर लम्बी इस पर्वतमाला की कुछ चट्टानी पहाड़ियाँ [[भारत]] की राजधानी [[दिल्ली]] के दक्षिण हिस्से तक चली गई हैं। इसके शिखरों एवं कटकों की श्रृखलाएँ, जिनका फैलाव 10 से 100 किलोमीटर है, सामान्यत: 300 से 900 मीटर ऊँची हैं। इस पर्वतमाला से अनेक प्रमुख नदियाँ बाना, [[लूनी नदी|लूनी]], साखी एवं [[साबरमती नदी|साबरमती]] का उदगम स्थल है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अरावली पर्वत श्रृंखला|अरावली]]
||[[चित्र:Aravalli-Mountains-1.jpg|right|120px|अरावली पर्वतमाला]]'अरावली' या 'अर्वली' उत्तर भारतीय पर्वतमाला है। [[राजस्थान]] राज्य के पूर्वोत्तर क्षेत्र से गुज़रती 560 किलोमीटर लम्बी इस पर्वतमाला की कुछ चट्टानी पहाड़ियाँ [[भारत]] की राजधानी [[दिल्ली]] के दक्षिण हिस्से तक चली गई हैं। इसके शिखरों एवं कटकों की श्रृखलाएँ, जिनका फैलाव 10 से 100 किलोमीटर है, सामान्यत: 300 से 900 मीटर ऊँची हैं। इस पर्वतमाला से अनेक प्रमुख नदियाँ बाना, [[लूनी नदी|लूनी]], साखी एवं [[साबरमती नदी|साबरमती]] का उदगम स्थल है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अरावली पर्वत श्रृंखला|अरावली]]


{[[हिमालय]] का विस्तार [[अराकान योमा]] कहाँ स्थित है?(अरिहंत, तरुण गोयल, पृ. 73, प्र. 11)
{[[हिमालय]] का विस्तार [[अराकान योमा]] कहाँ स्थित है?
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-[[बलूचिस्तान]] में
-[[बलूचिस्तान]] में
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||[[चित्र:Myanmar-Flag.jpg|right|120px|म्यांमार का ध्वज]]'म्यांमार' [[जम्बूद्वीप]], [[एशिया]] का एक देश है। इस देश का भारतीय नाम 'ब्रह्मदेश' है। पहले [[म्यांमार]] का नाम '[[बर्मा]]' हुआ करता था। इसका यह नाम यहाँ बड़ी संख्या में आबाद बर्मी नस्ल के नाम पर पड़ा था। म्यांमार के उत्तर में [[चीन]], पश्चिम में [[भारत]], [[बांग्लादेश]] और [[हिन्द महासागर]] तथा दक्षिण-पूर्व की दिशा में इंडोनेशिया स्थित हैं। इसकी राजधानी '[[नाएप्यीडॉ]]' और सबसे बड़ा शहर देश की भूतपूर्व राजधानी [[यांगून]] है, जिसे पहले '[[रंगून]]' के नाम से जाना जाता था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[म्यांमार]]
||[[चित्र:Myanmar-Flag.jpg|right|120px|म्यांमार का ध्वज]]'म्यांमार' [[जम्बूद्वीप]], [[एशिया]] का एक देश है। इस देश का भारतीय नाम 'ब्रह्मदेश' है। पहले [[म्यांमार]] का नाम '[[बर्मा]]' हुआ करता था। इसका यह नाम यहाँ बड़ी संख्या में आबाद बर्मी नस्ल के नाम पर पड़ा था। म्यांमार के उत्तर में [[चीन]], पश्चिम में [[भारत]], [[बांग्लादेश]] और [[हिन्द महासागर]] तथा दक्षिण-पूर्व की दिशा में इंडोनेशिया स्थित हैं। इसकी राजधानी '[[नाएप्यीडॉ]]' और सबसे बड़ा शहर देश की भूतपूर्व राजधानी [[यांगून]] है, जिसे पहले '[[रंगून]]' के नाम से जाना जाता था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[म्यांमार]]


{[[कृष्णा नदी|कृष्णा]] एवं [[गोदावरी नदी]] का डेल्टा किस राज्य में पड़ता है?(अरिहंत, तरुण गोयल, पृ. 74, प्र. 14)
{[[कृष्णा नदी|कृष्णा]] एवं [[गोदावरी नदी]] का डेल्टा किस राज्य में पड़ता है?
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+[[आन्ध्र प्रदेश]]
+[[आन्ध्र प्रदेश]]
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||[[चित्र:Krishna-River.jpg|right|120px|कृष्णा नदी का एक दृश्य]]आंध्र प्रदेश राज्य में तीन प्रमुख भौतिक-भौगोलिक क्षेत्र हैं। तटीय मैदान राज्य की लगभग पूरी लंबाई में फैले हैं, जहाँ पश्चिम से पूर्व की ओर पहाड़ियों से होकर खाड़ी में गिरने वाली अनेक नदियाँ हैं। इनमें से दो प्रमुख नदियों, [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] और [[कृष्णा नदी|कृष्णा]] के डेल्टा मैदानों का उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी से युक्त मध्य भाग बनाते हैं। पूर्वी घाट विशाल नदी घाटियों के कारण एक सतत श्रेणी नहीं बनाते। ये घाट मध्य [[भारत]] से सुदुर दक्षिण तक फैली एक बड़ी पर्वतश्रेणी का हिस्सा हैं, जो पूर्वी तट के समानांतर हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[आन्ध्र प्रदेश]]
||[[चित्र:Krishna-River.jpg|right|120px|कृष्णा नदी का एक दृश्य]]आंध्र प्रदेश राज्य में तीन प्रमुख भौतिक-भौगोलिक क्षेत्र हैं। तटीय मैदान राज्य की लगभग पूरी लंबाई में फैले हैं, जहाँ पश्चिम से पूर्व की ओर पहाड़ियों से होकर खाड़ी में गिरने वाली अनेक नदियाँ हैं। इनमें से दो प्रमुख नदियों, [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] और [[कृष्णा नदी|कृष्णा]] के डेल्टा मैदानों का उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी से युक्त मध्य भाग बनाते हैं। पूर्वी घाट विशाल नदी घाटियों के कारण एक सतत श्रेणी नहीं बनाते। ये घाट मध्य [[भारत]] से सुदुर दक्षिण तक फैली एक बड़ी पर्वतश्रेणी का हिस्सा हैं, जो पूर्वी तट के समानांतर हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[आन्ध्र प्रदेश]]


{'[[दोआब]]' शब्द से आप क्या समझते हैं?(अरिहंत, तरुण गोयल, पृ. 74, प्र. 19)
{'[[दोआब]]' शब्द से आप क्या समझते हैं?
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-जहाँ से नदी के डेल्टा का आरम्भ होता है।
-जहाँ से नदी के डेल्टा का आरम्भ होता है।
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||किसी स्थान पर परस्पर मिलने वाली दो नदियों के बीच में स्थित मैदानी भाग को '[[दोआब]]' कहा जाता है। संसार के विभिन्न भागों में दोआब पाये जाते हैं, जो अधिकांशतः उर्वर, खेती के लिए अत्यधिक उपजाऊ और प्रमुख [[कृषि]] प्रदेश होते हैं। [[उत्तर भारत]] में [[गंगा]] और [[यमुना]] के बीच का तथा [[दक्षिण भारत]] में [[कृष्णा नदी|कृष्णा]] और [[तुंगभद्रा नदी|तुंगभद्रा]] के बीच का दोआब क्षेत्र सर्वाधिक उपजाऊ भू-भाग माना जाता है। इन क्षेत्रों पर अधिकार करने के लिए आस-पास के राजा बराबर प्रयत्नशील रहते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[दोआब]]
||किसी स्थान पर परस्पर मिलने वाली दो नदियों के बीच में स्थित मैदानी भाग को '[[दोआब]]' कहा जाता है। संसार के विभिन्न भागों में दोआब पाये जाते हैं, जो अधिकांशतः उर्वर, खेती के लिए अत्यधिक उपजाऊ और प्रमुख [[कृषि]] प्रदेश होते हैं। [[उत्तर भारत]] में [[गंगा]] और [[यमुना]] के बीच का तथा [[दक्षिण भारत]] में [[कृष्णा नदी|कृष्णा]] और [[तुंगभद्रा नदी|तुंगभद्रा]] के बीच का दोआब क्षेत्र सर्वाधिक उपजाऊ भू-भाग माना जाता है। इन क्षेत्रों पर अधिकार करने के लिए आस-पास के राजा बराबर प्रयत्नशील रहते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[दोआब]]


{किस राज्य में बंजर भूमि का क्षेत्रफल सर्वाधिक है?(अरिहंत, तरुण गोयल, पृ. 74, प्र. 22)
{किस राज्य में बंजर भूमि का क्षेत्रफल सर्वाधिक है?
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+[[जम्मू-कश्मीर]]
+[[जम्मू-कश्मीर]]
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||[[चित्र:Kashmir-Valley.jpg|right|120px|कश्मीर की घाटी]]पहले 'जम्मू-कश्मीर' [[भारत]] की बड़ी रियासतों में से एक था। यह पूर्वात्तर में सिंक्यांग का स्वायत्त क्षेत्र व तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र से, दक्षिण में [[हिमाचल प्रदेश]] व [[पंजाब]] राज्यों से, पश्चिम में [[पाकिस्तान]] और पश्चिमोत्तर में पाकिस्तान अधिकृत भू-भाग से घिरा है। यहाँ [[वर्षा]] 380 से 500 मिमी. वार्षिक तक होती है। गर्मी के मौसम में जब मानसूनी हवाएँ चलती हैं, तब तेज़ लेकिन अनियमित फुहारों के रूप में वर्षा होती है। अंदरूनी इलाक़ा पेड़ों से पूरी तरह विहीन हो गया है और कंटीली झाड़ियाँ या मोटी घास ही यहाँ की मुख्य वनस्पति है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जम्मू-कश्मीर]]
||[[चित्र:Kashmir-Valley.jpg|right|120px|कश्मीर की घाटी]]पहले 'जम्मू-कश्मीर' [[भारत]] की बड़ी रियासतों में से एक था। यह पूर्वात्तर में सिंक्यांग का स्वायत्त क्षेत्र व तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र से, दक्षिण में [[हिमाचल प्रदेश]] व [[पंजाब]] राज्यों से, पश्चिम में [[पाकिस्तान]] और पश्चिमोत्तर में पाकिस्तान अधिकृत भू-भाग से घिरा है। यहाँ [[वर्षा]] 380 से 500 मिमी. वार्षिक तक होती है। गर्मी के मौसम में जब मानसूनी हवाएँ चलती हैं, तब तेज़ लेकिन अनियमित फुहारों के रूप में वर्षा होती है। अंदरूनी इलाक़ा पेड़ों से पूरी तरह विहीन हो गया है और कंटीली झाड़ियाँ या मोटी घास ही यहाँ की मुख्य वनस्पति है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जम्मू-कश्मीर]]


{[[गंगा नदी]] की निम्न सहायक नदियों में से किसका मार्ग उत्तरमुखी है?(अरिहंत, तरुण गोयल, पृ. 75, प्र. 07)
{[[गंगा नदी]] की निम्न सहायक नदियों में से किसका मार्ग उत्तरमुखी है?
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-[[घाघरा नदी|घाघरा]]
-[[घाघरा नदी|घाघरा]]
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||'सोन नदी' का उदगम मैकाल पर्वत के [[अमरकण्टक]] नामक पठारी भाग से है। यह नदी [[झारखण्ड]] के उत्तरी-पश्चिमी छोर पर सीमा का निर्माण करती है। यह नदी [[पलामू]] की उत्तरी सीमा बनाती हुई प्रवाहित होती है। [[सोन नदी]] मानपुर तक उत्तर की ओर बहने के बाद पूर्वोतर दिशा में मुड़ती जाती है। यह नदी [[मिर्ज़ापुर ज़िला|मिर्ज़ापुर ज़िले]] के दक्षिणी भाग से प्रवाहित होती है और [[पटना]] से पहले दीनापुर से 16 किलोमीटर ऊपर [[गंगा नदी]] से मिल जाती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सोन नदी|सोन]]
||'सोन नदी' का उदगम मैकाल पर्वत के [[अमरकण्टक]] नामक पठारी भाग से है। यह नदी [[झारखण्ड]] के उत्तरी-पश्चिमी छोर पर सीमा का निर्माण करती है। यह नदी [[पलामू]] की उत्तरी सीमा बनाती हुई प्रवाहित होती है। [[सोन नदी]] मानपुर तक उत्तर की ओर बहने के बाद पूर्वोतर दिशा में मुड़ती जाती है। यह नदी [[मिर्ज़ापुर ज़िला|मिर्ज़ापुर ज़िले]] के दक्षिणी भाग से प्रवाहित होती है और [[पटना]] से पहले दीनापुर से 16 किलोमीटर ऊपर [[गंगा नदी]] से मिल जाती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सोन नदी|सोन]]


{[[भारत]] में "मरुस्थल की राजधानी" किसे कहा जाता है?(अरिहंत, तरुण गोयल, पृ. 79, प्र. 17)
{[[भारत]] में "मरुस्थल की राजधानी" किसे कहा जाता है?
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-[[उदयपुर]]
-[[उदयपुर]]
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||[[चित्र:Jaisalmer-Desert.jpg|right|120px|मरुस्थल का दृश्य, जैसलमेर]]जैसलमेर शहर, पश्चिमी [[राजस्थान]] राज्य, पश्चिमोत्तर [[भारत]] में स्थित है। विश्वविख्यात विशाल [[थार मरुस्थल]] का भाग होने के कारण यह क्षेत्र रेतीला, सूखा तथा पानी की कमी वाला है। पूरे [[जैसलमेर]] में विभिन्न आकार-प्रकार के बालू के ऊँचे-ऊँचे टिब्बों का विशाल सागर-सा दिखाई देता है। यहाँ दूर-दूर तक स्थाई व अस्थाई रेत के ऊँचे-ऊँचे टीले हैं, जो कि हवा, आंधियों के साथ-साथ अपना स्थान भी बदलते रहते हैं। इन्हीं रेतीले टीलों के मध्य कहीं-कहीं पर पथरीले पठार व पहाड़ियाँ भी स्थित हैं। अपनी इन्हीं विशेषताओं के कारण जैसलमेर 'मरुस्थल की राजधानी' कहलाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जैसलमेर]]
||[[चित्र:Jaisalmer-Desert.jpg|right|120px|मरुस्थल का दृश्य, जैसलमेर]]जैसलमेर शहर, पश्चिमी [[राजस्थान]] राज्य, पश्चिमोत्तर [[भारत]] में स्थित है। विश्वविख्यात विशाल [[थार मरुस्थल]] का भाग होने के कारण यह क्षेत्र रेतीला, सूखा तथा पानी की कमी वाला है। पूरे [[जैसलमेर]] में विभिन्न आकार-प्रकार के बालू के ऊँचे-ऊँचे टिब्बों का विशाल सागर-सा दिखाई देता है। यहाँ दूर-दूर तक स्थाई व अस्थाई रेत के ऊँचे-ऊँचे टीले हैं, जो कि हवा, आंधियों के साथ-साथ अपना स्थान भी बदलते रहते हैं। इन्हीं रेतीले टीलों के मध्य कहीं-कहीं पर पथरीले पठार व पहाड़ियाँ भी स्थित हैं। अपनी इन्हीं विशेषताओं के कारण जैसलमेर 'मरुस्थल की राजधानी' कहलाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जैसलमेर]]


{'[[जोग प्रपात]]' कहाँ पर स्थित है?(अरिहंत, तरुण गोयल, पृ. 76, प्र. 27)
{'[[जोग प्रपात]]' कहाँ पर स्थित है?
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+[[कर्नाटक]]
+[[कर्नाटक]]
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||[[चित्र:Jog-Falls.jpg|right|100px|जोग जलप्रपात, कर्नाटक]]कर्नाटक के खनिज संसाधन, [[भद्रावती]] में [[लौह-इस्पात उद्योग]] और [[बंगलोर]] में भारी इंजीनियरिंग कारख़ाने को आधार प्रदान करते हैं। राज्य के अन्य उद्योगों में सूती वस्त्र की मिलें, चीनी प्रसंस्करण, वस्त्र निर्माण, खाद्य सामग्री, बिजली की मशीनरी, [[उर्वरक]] और [[काग़ज़]] उद्योग शामिल हैं। [[मैसूर]] शहर और बंगलोर में प्राचीन काल से स्थापित रेशम उद्योग हैं, जहाँ [[भारत]] के मलबेरी रेशम का अधिकांश हिस्सा उत्पादित होता है। [[जोग जलप्रपात]] के पास स्थित 'शरवती परियोजना' [[कर्नाटक]] के उद्योगों को बिजली प्रदान करने वाले अनेक जलविद्युत संयंत्रों में सबसे बड़ी है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कर्नाटक]]
||[[चित्र:Jog-Falls.jpg|right|100px|जोग जलप्रपात, कर्नाटक]]कर्नाटक के खनिज संसाधन, [[भद्रावती]] में [[लौह-इस्पात उद्योग]] और [[बंगलोर]] में भारी इंजीनियरिंग कारख़ाने को आधार प्रदान करते हैं। राज्य के अन्य उद्योगों में सूती वस्त्र की मिलें, चीनी प्रसंस्करण, वस्त्र निर्माण, खाद्य सामग्री, बिजली की मशीनरी, [[उर्वरक]] और [[काग़ज़]] उद्योग शामिल हैं। [[मैसूर]] शहर और बंगलोर में प्राचीन काल से स्थापित रेशम उद्योग हैं, जहाँ [[भारत]] के मलबेरी रेशम का अधिकांश हिस्सा उत्पादित होता है। [[जोग जलप्रपात]] के पास स्थित 'शरवती परियोजना' [[कर्नाटक]] के उद्योगों को बिजली प्रदान करने वाले अनेक जलविद्युत संयंत्रों में सबसे बड़ी है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कर्नाटक]]


{[[भारत]] की ताजे पानी की सबसे बड़ी झील कौन-सी है?(अरिहंत, तरुण गोयल, पृ. 76, प्र. 32)
{[[भारत]] की ताजे पानी की सबसे बड़ी झील कौन-सी है?
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-[[सांभर झील जयपुर|सांभर झील]]
-[[सांभर झील जयपुर|सांभर झील]]

06:58, 12 अगस्त 2012 का अवतरण

भूगोल सामान्य ज्ञान

1 कोडरमा किस खनिज के लिए प्रसिद्ध है तथा किस राज्य में स्थित है?

ताँबा - राजस्थान
अभ्रक - झारखण्ड
बॉक्साइट - आन्ध्र प्रदेश
लोहा - गोवा

2 निम्न में से किस राज्य की सीमा बांग्लादेश से नहीं मिलती?

मेघालय
त्रिपुरा
मणिपुर
मिजोरम

3 निम्न में से किस राज्य की सीमाएँ भारत के अधिकतम अन्य राज्यों से मिलती हैं?

असम
मध्य प्रदेश
महाराष्ट्र
बिहार

4 किस राज्य की राजधानी रेलवे के सम्पर्क में नहीं है?

त्रिपुरा की
उड़ीसा की
हिमाचल प्रदेश की
मध्य प्रदेश की

5 भारत के निम्नलिखित किस द्वीप में ज्वालामुखी उद्गार होता है?

मिनिकाय
कवारती
ग्रेट निकोबार
बैरन

6 भारत के दक्षिणी छोर का नाम क्या है?

कन्याकुमारी अंतरीप
निकोबार द्वीप में स्थित इन्दिरा पॉइन्ट
कालिमियर पॉइन्ट
त्रिवेन्द्रम में स्थित कोवलम

8 भारत की प्राचीनतम पर्वत श्रृंखला कौन-सी है?

हिमालय
विन्ध्याचल
अरावली
नीलगिरि

9 हिमालय का विस्तार अराकान योमा कहाँ स्थित है?

बलूचिस्तान में
म्यांमार में
नेपाल में
कश्मीर में

10 कृष्णा एवं गोदावरी नदी का डेल्टा किस राज्य में पड़ता है?

आन्ध्र प्रदेश
कर्नाटक
उड़ीसा
पश्चिम बंगाल

11 'दोआब' शब्द से आप क्या समझते हैं?

जहाँ से नदी के डेल्टा का आरम्भ होता है।
जहाँ दो या दो से अधिक नदियों का मिलन होता है।
नदी की दो शाखाओं के बीच की भूमि
इनमें से कोई नहीं

12 किस राज्य में बंजर भूमि का क्षेत्रफल सर्वाधिक है?

जम्मू-कश्मीर
राजस्थान
गुजरात
उत्तर प्रदेश

13 गंगा नदी की निम्न सहायक नदियों में से किसका मार्ग उत्तरमुखी है?

घाघरा
रामगंगा
सोन
गंडक

14 भारत में "मरुस्थल की राजधानी" किसे कहा जाता है?

उदयपुर
जयपुर
बीकानेर
जैसलमेर

16 भारत की ताजे पानी की सबसे बड़ी झील कौन-सी है?

सांभर झील
डल झील
वुलर झील
गोविंद सागर झील