"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/3": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 22: | पंक्ति 22: | ||
-[[कादिरी सिलसिला|कादिरी]] - ख्वाजा बाकी बिल्लाह | -[[कादिरी सिलसिला|कादिरी]] - ख्वाजा बाकी बिल्लाह | ||
{[[मंगोल]] आक्रमणकारी कुतलुग | {[[मंगोल]] आक्रमणकारी कुतलुग ख़्वाजा ने [[भारत]] पर किसके शासन काल में आक्रमण किया? (पृ. सं. 26 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[बलबन]] | -[[बलबन]] | ||
पंक्ति 28: | पंक्ति 28: | ||
+[[अलाउद्दीन ख़िलजी]] | +[[अलाउद्दीन ख़िलजी]] | ||
-[[इल्तुतमिश]] | -[[इल्तुतमिश]] | ||
||अलाउद्दीन ख़िलजी के समय में हुए [[मंगोल]] आक्रमण का उद्देश्य [[भारत]] की विजय और प्रतिशोध की भावना थी। 1297-98 ई. में मंगोल सेना ने अपने नेता कादर के नेतृत्व में [[पंजाब]] एवं [[लाहौर]] पर आक्रमण किया। [[जालंधर]] के निकट इन आक्रमणकारियों को [[अलाउद्दीन ख़िलजी]] की सेना ने परास्त कर दिया। मंगोलों का दूसरा आक्रमण सलदी के नेतृत्व में 1298 ई. में सेहबान पर हुआ। जफ़र ख़ाँ ने इस आक्रमण को सफलता पूर्वक असफल किया। वर्ष 1299 में कुतलुग ख़्वाजा के नेतृत्व में [[मंगोल]] सेना के आक्रमण को जफ़र ख़ाँ ने असफल कर दिया। इसी युद्ध के दौरान जफ़र ख़ाँ मारा गया, क्योंकि अलाउद्दीन एवं उलूग ख़ाँ वाली सेना से उसे कोई सहायता नहीं मिली।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अलाउद्दीन ख़िलजी]] | |||
{[[बौद्ध धर्म]] की किस शाखा ने [[मंत्र]], हठयोग, तांत्रिक आचारों को प्रधानता दी? (पृ. सं. 29 | {[[बौद्ध धर्म]] की किस शाखा ने [[मंत्र]], हठयोग, तांत्रिक आचारों को प्रधानता दी? (पृ. सं. 29 |
14:11, 13 फ़रवरी 2013 का अवतरण
इतिहास सामान्य ज्ञान
|