"प्रयोग:कविता सा.-2": अवतरणों में अंतर

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{'मृतकों की पुस्तक' किस काल में लिखी गई? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-210,प्रश्न-190
|type="()"}
-प्रागैतिहासिक काल
+[[मिस्र|मिस्र काल]]
-रोमन काल
-यूनान काल
||[[मिस्र]] की कला सबसे अधिक मृत्यु संबंधी और अंत्येष्टि क्रिया से संबंधित है। इस कला का केंद्र जहाँ से उत्कृष्ट उदाहरण प्राप्त हुए हैं, मृतक प्राणों का स्मारक रहा है। यहां से चित्रों की लिपि में लिखी एक पुस्तक प्राप्त हुई है जिसे 'मृतकों की पुस्तक' अथवा 'स्वर्गवासियों की पुस्तक' कहते हैं। इसकी खोज जर्मन-मिस्रविद् कार्ल रिचर्ड लेप्सियस ने की जिन्होंने वर्ष 1842 में कुछ पुस्तकों को चयन कर प्रकाशित कराया था।
{[[दिलवाड़ा जैन मंदिर|दिलवाड़ा मंदिर]] कहां है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-224,प्रश्न-289
|type="()"}
-[[सोमनाथ]]
+[[माउंट आबू]]
-[[जयपुर]]
-[[पुरी]]
||[[दिलवाड़ा जैन मंदिर माउंट आबू|दिलवाड़ा का जैन मंदिर माउंट आबू]] ([[सिरोही]], [[राजस्थान]]) में स्थित है। इनमें सबसे प्रसिद्ध विमल वासाही मंदिर है। चालुक्य शासक भीमदेव प्रथम (1022-1064 ई.) के सामंत विमल शाह ने इसे प्रसिद्ध विमल वासाही मंदिर संगमरमर (मकराना मार्बल) की नक्काशी से सुसज्जित हैं।


{[[पटना चित्रकला|पटना कला]] शैली का विकास किन दो कला शैलियों के सम्मिश्रण से हुआ? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-1
|type="()"}
+यूरोपीय एवं भारतीय शैली
-यूरोपीय एवं बंगाली शैली
-ईसाई एवं हिंदू शैली
-[[पाल चित्रकला|पाल]] एवं [[मुगल कालीन चित्रकला|मुगल शैली]]
||[[पटना चित्रकला|पटना कला शैली]] का विकास यूरोपीय एवं भारतीय शैली के सम्मिश्रण से हुआ। इसका दूसरा नाम '[[कंपनी शैली]]' भी है। [[अंग्रेज़ी]] प्रशासन तथा व्यापार का विशिष्ट केंद्र होने के कारण पटना में अंग्रेज़ व्यापारी, धनाढ्य तथा कंपनी के अधिकारी निवास करते थे। इनके आश्रय में कलाकार 'एंग्लो इंडियन स्टाइल' चित्रण करते थे। 'अर्द्ध-यूरोपीय ढंग' से पूर्व-पाश्चात्य मिश्रण के आधार पर पटना शैली में पशु-पक्षी, प्राकृतिक चित्र, लघु चित्र, भारतीय जनमानस तथा पारिवारिक चित्र बनाए गए। पटना शैली के कलाकारों ने अबरक (अभ्रक) के पत्रों पर अतिलघु चित्रों का निर्माण आरंभ किया।


{'शिल्पकथा' व 'रूपावली' पुस्तकों के रचयिता का नाम है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-82,प्रश्न-38
{'शिल्पकथा' व 'रूपावली' पुस्तकों के रचयिता का नाम है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-82,प्रश्न-38
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-[[गुजरात]]
-[[गुजरात]]


{चौरपंचाशिका का चित्रण किस शैली में हुआ? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-51,प्रश्न-31
|type="()"}
+[[राजस्थानी चित्रकला|राजस्थानी]]
-जैन
-पाल
-[[तंजौर कला|तंजौर]]
{पॉल कला का जन्म हुआ था- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-147,प्रश्न-65
|type="()"}
+[[इंग्लैंड]] में
-[[अमेरिका]] में
-[[भारत]] में
-[[चीन]] में
||वर्ष [[1952]] में [[लंदन]] (इंग्लैंड) की 'समकालीन कला संस्था' के वास्तुकार एलिसन व स्मिथसन, [[मूर्तिकार]] पाओलौटिक चित्रकार हैमिल्टन व अन्य कलाकारों के सम्मेलन आरंभ हुए, यहीं से पॉप कला का उद्भव हुआ। [[अमेरिका]] के पॉप कलाकारों में रॉबर्ट रोशेनबर्ग, जास्पेर जांस, एंडी वरहोल, रॉय लिस्टेनस्टाइन, राबर्ट इण्डियाना, जिम डाइन आदि विशेष प्रसिद्ध थे।
{[[एन.एस. बेंद्रे]] किस विश्वविद्यालय में प्राध्यापक थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-94,प्रश्न-5
|type="()"}
-[[मुंबई]]
+बड़ौता
-[[कलकत्ता]]
-[[दिल्ली]]
||[[एन.एस. बेन्द्रे]] ने जे.जे. स्कूल बंबई में शिक्षा ग्रहण की थी। बेंद्रे बड़ौता विश्वविद्यालय में [[चित्रकला]] के प्रोफेसर भी थे। वर्ष 1992 में इनकी मृत्यु हो गई।
{[[रस]] का अर्थ है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-156,प्रश्न-19
|type="()"}
-अच्छी कलाकृति
-कलाकृति में प्रदर्शित भाव
-कलाकृति का विषय
+दर्शक के मन में उत्पन्न आनंद की अनुभूति
{उस [[चित्रकार]] का नाम बताइए जो [[मूर्तिकार]] भी था- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-107,प्रश्न-26
|type="()"}
+माइकेल एंजिलो
-[[लियोनार्डो दा विंची]]
-राफेल
-जियोवेनी
||माइकेल एंजिलो ने 'आदम की उत्पत्ति' नामक चित्र बनाया था।


{[[भारतीय कला]] के पुनरुत्थानवादी आंदोलन के प्रतिष्ठाता कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-111,प्रश्न-62
{[[भारतीय कला]] के पुनरुत्थानवादी आंदोलन के प्रतिष्ठाता कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-111,प्रश्न-62

12:33, 17 जनवरी 2018 का अवतरण

1 {'शिल्पकथा' व 'रूपावली' पुस्तकों के रचयिता का नाम है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-82,प्रश्न-38

असित कुमार हल्दर
नंदलाल बोस
अवनीन्द्रनाथ टैगोर
क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार

2 निम्न में से भारतीय अलंकरण की प्राचीन विशेषता कौन-सी रही है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-162,प्रश्न-36

वर्ण
रेखा
लय
आकृति

3 'चौक-पूरना' लोक चित्रण कहां की परम्परा है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-171,प्रश्न-35

उत्तर प्रदेश
मध्य प्रदेश
महाराष्ट्र
गुजरात

4 भारतीय कला के पुनरुत्थानवादी आंदोलन के प्रतिष्ठाता कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-111,प्रश्न-62

ई.बी. हैवेल एवं अवनीन्द्रनाथ टैगोर
आनंद कुमारस्वामी एवं नंदलाल बोस
राजा रवि वर्मा एवं अलेग्रा नायडू
ओ.सी. गांगुली एवं पर्सी ब्राउन