"नील नदी": अवतरणों में अंतर
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*नील [[अफ्रीका]] से बहने वाली एक नदी है। यह विश्व की सबसे लम्बी नदी (6,650 K.M) है। | *नील [[अफ्रीका]] से बहने वाली एक नदी है। यह विश्व की सबसे लम्बी नदी (6,650 K.M) है। | ||
*[[मिस्र]] के राजा (फ़ैरो) के आदेश से नवजात [[यहूदी धर्म|यहूदी]] लड़कों का कत्लेआम हुआ, जिससे [[मूसा]] की मां ने मूसा को नील नदी में बहा दिया था। रानी ने मूसा को पाला। बाद में रैमसी से मूसा का विवाद हुआ और मूसा के श्राप से नील नदी का पानी रक्त बन गया। 'महान कृति पिरामिडों के लिए पत्थर नील नदी के रास्ते ही लाया गया था।' | *[[मिस्र]] के राजा (फ़ैरो) के आदेश से नवजात [[यहूदी धर्म|यहूदी]] लड़कों का कत्लेआम हुआ, जिससे [[मूसा]] की मां ने मूसा को नील नदी में बहा दिया था। रानी ने मूसा को पाला। बाद में रैमसी से मूसा का विवाद हुआ और मूसा के श्राप से नील नदी का पानी रक्त बन गया। 'महान कृति पिरामिडों के लिए पत्थर नील नदी के रास्ते ही लाया गया था।' | ||
* | *[[मिस्र]] की भाषा में नील को 'इतेरु' कहते हैं जिसका अर्थ है 'महान नदी' | ||
*नील नदी के दो हिस्से हैं, सफेद नील नदी और नीली नील नदी। | *नील नदी के दो हिस्से हैं, सफेद नील नदी और नीली नील नदी। | ||
*नील नदी के साथ अनेक इतिहास और पौराणिक कथाऐं जुड़ी हुई हैं। | *नील नदी के साथ अनेक इतिहास और पौराणिक कथाऐं जुड़ी हुई हैं। |
13:55, 28 जनवरी 2011 का अवतरण

- नील अफ्रीका से बहने वाली एक नदी है। यह विश्व की सबसे लम्बी नदी (6,650 K.M) है।
- मिस्र के राजा (फ़ैरो) के आदेश से नवजात यहूदी लड़कों का कत्लेआम हुआ, जिससे मूसा की मां ने मूसा को नील नदी में बहा दिया था। रानी ने मूसा को पाला। बाद में रैमसी से मूसा का विवाद हुआ और मूसा के श्राप से नील नदी का पानी रक्त बन गया। 'महान कृति पिरामिडों के लिए पत्थर नील नदी के रास्ते ही लाया गया था।'
- मिस्र की भाषा में नील को 'इतेरु' कहते हैं जिसका अर्थ है 'महान नदी'
- नील नदी के दो हिस्से हैं, सफेद नील नदी और नीली नील नदी।
- नील नदी के साथ अनेक इतिहास और पौराणिक कथाऐं जुड़ी हुई हैं।
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