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-दुर्गा मन्दिर, [[ऐहोल]] | -दुर्गा मन्दिर, [[ऐहोल]] | ||
-शोर मंदिर, [[महाबलीपुरम]] | -शोर मंदिर, [[महाबलीपुरम]] | ||
-बृहदेश्वर मन्दिर, [[गंगैकोंडचोलपुरम]] | -बृहदेश्वर मन्दिर, [[गंगैकोंडचोलपुरम]] | ||
+बृहदेश्वर मंदिर, [[तंजौर]] | |||
||तंजौर चोल शासक राजराज (985-1014ई.) द्वारा निर्मित भव्य वृहदेश्वर मन्दिर के लिए प्रसिद्ध है। इसका शिखर 190 फुट ऊँचा है। शिखर पर पहुँचने के लिए 14 मंज़िले हैं। यह मन्दिर भारतीय स्थापत्य का अदभुत नमूना है। यह चारों ओर से लम्बी परिखा से परिवेष्ठित है। इसमें एक विशाल शिवलिंग है। पत्थर का बनाया गया एक विशाल नंदी मन्दिर के सामने प्रतिष्ठित है। मन्दिर में विशाल तोरण एवं मण्डप हैं। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[तंजौर]] | ||तंजौर चोल शासक राजराज (985-1014ई.) द्वारा निर्मित भव्य वृहदेश्वर मन्दिर के लिए प्रसिद्ध है। इसका शिखर 190 फुट ऊँचा है। शिखर पर पहुँचने के लिए 14 मंज़िले हैं। यह मन्दिर भारतीय स्थापत्य का अदभुत नमूना है। यह चारों ओर से लम्बी परिखा से परिवेष्ठित है। इसमें एक विशाल शिवलिंग है। पत्थर का बनाया गया एक विशाल नंदी मन्दिर के सामने प्रतिष्ठित है। मन्दिर में विशाल तोरण एवं मण्डप हैं। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[तंजौर]] | ||
{यह कौन-से स्वतन्त्रता सेनानी है? <br /> | |||
[[चित्र:Bhagat-Singh.gif|link=प्रयोग:Ruby|200px]] | |||
| type="()" } | |||
-[[सुखदेव]] | |||
-[[सुभाष चंद्र बोस]] | |||
+[[भगतसिंह]] | |||
-[[चंद्रशेखर आज़ाद]] | |||
||[[भारत]] के शहीद-ए-आज़म अमर शहीद सरदार भगतसिंह का नाम विश्व में 20वीं शताब्दी के अमर शहीदों में बहुत ऊँचा है। (जन्म- [[27 सितंबर]], [[1907]] ई., [[लायलपुर]], [[पंजाब]], मृत्यु- [[23 मार्च]], [[1931]] ई., [[लाहौर]], पंजाब)। भगतसिंह ने देश की आज़ादी के लिए जिस साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया, वह आज के युवकों के लिए एक बहुत बड़ा आदर्श है। भगतसिंह अपने देश के लिये ही जीये और उसी के लिए शहीद भी हो गये। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[चंद्रशेखर आज़ाद]] | |||
{निम्न में से यह कहाँ के अवशेष है? <br /> | |||
[[चित्र:Warangal-Fort-Andhra-Pradesh.jpg|link=प्रयोग:Ruby|300px]] | |||
| type="()" } | |||
+वारंगल क़िला | |||
-[[एलोरा की गुफ़ाएं]] | |||
-[[अजंता की गुफ़ाएं]] | |||
-[[हम्पी]] | |||
||वारंगल का क़िला 1199 ई. में बनना प्रारम्भ हुआ था। ककातीय राजा गणपति ने इसकी नींव डाली और 1261 ई. में रुद्रमा देवी ने इसे पूरा करवाया था। क़िले के बीच में स्थित एक विशाल मन्दिर के खण्डहर मिले हैं, जिसके चारों ओर चार तोरण द्वार थे। [[साँची]] के [[स्तूप]] के तोरणों के समान ही इन पर भी उत्कृष्ट मूर्तिकारी का प्रदर्शन किया गया है। क़िले की दो भित्तियाँ हैं। अन्दर की भित्ति पत्थर की और बाहर की मिट्टी की बनी है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[वारंगल]] | |||
{निम्न में से यह कौन है? <br /> | |||
[[चित्र:Bhimsen-Joshi-2.jpg|link=प्रयोग:Ruby|250px]] | |||
| type="()" } | |||
-[[रवि शंकर]] | |||
-[[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]] | |||
-[[मोरारजी देसाई]] | |||
+[[भीमसेन जोशी]] | |||
||[[भारत रत्न]] सम्मानित पंडित भीमसेन जोशी (जन्म-[[14 फ़रवरी]], [[1922]], गड़ग, [[कर्नाटक]] - मृत्यु- [[24 जनवरी]], [[2011]] [[पुणे]], [[महाराष्ट्र]]) किराना घराने के महत्त्वपूर्ण शास्त्रीय गायक हैं। उन्होंने 19 साल की उम्र से गायन शुरू किया था और वह सात दशकों तक शास्त्रीय गायन करते रहे। भीमसेन जोशी ने [[कर्नाटक]] को गौरवान्वित किया है। भारतीय [[संगीत]] के क्षेत्र में इससे पहले एम. एस. सुब्बालक्ष्मी, [[बिस्मिल्ला ख़ान|उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ान]], [[रवि शंकर|पंडित रविशंकर]] और [[लता मंगेशकर]] को 'भारत रत्न' से सम्मानित किया जा चुका है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[भीमसेन जोशी]] | |||
{निम्न में से यह कौन है? <br /> | |||
[[चित्र:Dr.Bhimrao-Ambedkar.jpg|link=प्रयोग:Ruby|200px]] | |||
| type="()" } | |||
-[[जयप्रकाश नारायण]] | |||
+[[भीमराव आम्बेडकर]] | |||
-[[नेल्सन मंडेला]] | |||
-[[बिधान चंद्र राय]] | |||
||भीमराव आम्बेडकर एक बहुजन राजनीतिक नेता, और एक बौद्ध पुनरुत्थानवादी भी थे। उन्हें बाबासाहेब के नाम से भी जाना जाता है। आम्बेडकर ने अपना सारा जीवन [[हिन्दू धर्म]] की चतुवर्ण प्रणाली, और भारतीय समाज में सर्वत्र व्याप्त जाति व्यवस्था के विरुद्ध संघर्ष में बिता दिया। हिन्दू धर्म में मानव समाज को चार वर्णों में वर्गीकृत किया है। उन्हें [[बौद्ध]] महाशक्तियों के दलित आंदोलन को प्रारंभ करने का श्रेय भी जाता है। आम्बेडकर को भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया है जो [[भारत]] का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[भीमराव आम्बेडकर]] | |||
{निम्न में से यह कौन है? <br /> | |||
[[चित्र:Dr.Rajendra-Prasad.jpg|link=प्रयोग:Ruby|250px]] | |||
| type="()" } | |||
-[[लाल बहादुर शास्त्री]] | |||
-[[डॉ. ज़ाकिर हुसैन]] | |||
+[[राजेन्द्र प्रसाद]] | |||
-[[गुलज़ारीलाल नन्दा]] | |||
डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद [[भारत]] के प्रथम [[राष्ट्रपति]] थे। (जन्म- [[3 दिसम्बर]], [[1884]], [[जीरादेयू]], [[बिहार]], मृत्यु- [[28 फ़रवरी]], [[1963]], सदाकत आश्रम, [[पटना]])। राजेन्द्र प्रसाद प्रतिभाशाली और विद्वान व्यक्ति थे। राजेन्द्र प्रसाद प्रतिभाशाली और विद्वान थे और कलकत्ता के एक योग्य वकील के यहाँ काम सीख रहे थे। राजेन्द्र प्रसाद का भविष्य एक सुंदर सपने की तरह था। राजेन्द्र प्रसाद का परिवार उनसे कई आशायें लगाये बैठा था। वास्तव में राजेन्द्र प्रसाद के परिवार को उन पर गर्व था। लेकिन राजेन्द्र प्रसाद का मन इन सब में नहीं था। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[राजेन्द्र प्रसाद]] | |||
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09:25, 3 मई 2011 का अवतरण
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