"उत्तरमद्र": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
('{{पुनरीक्षण}} ऐतरेय ब्राह्मण में उत्तरमद्र के निवास...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
छोNo edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{पुनरीक्षण}} | {{पुनरीक्षण}} | ||
[[ऐतरेय ब्राह्मण]] में उत्तरमद्र के निवासियों का हिमवान् के पार के प्रदेश में वर्णन है और उन्हें | [[ऐतरेय ब्राह्मण]] में उत्तरमद्र के निवासियों का हिमवान् के पार के प्रदेश में वर्णन है और उन्हें [[उत्तर कुरु]] के पार्श्व में बसा हुआ बताया गया है। जिमर और मेकडॉनेल्ड के अनुसार उत्तर-मद्र का देश वर्तमान [[कश्मीर]] में सम्मिलित था। दक्षिण-मद्र रावी और चिनाब के बीच का प्रदेश था। ऐतरेय ब्राह्मण का उल्लेख इस प्रकार है- | ||
:'एतस्यामुदीच्यां दिशि ये के च परेण हिमवन्तं जनपदा उत्तरकुरब उत्तरमद्रा इति वैराज्यायैव तेऽभिषिच्यिन्ते'।<ref>ऐतरेय 8, 14</ref> | :'एतस्यामुदीच्यां दिशि ये के च परेण हिमवन्तं जनपदा उत्तरकुरब उत्तरमद्रा इति वैराज्यायैव तेऽभिषिच्यिन्ते'।<ref>ऐतरेय 8, 14</ref> | ||
इस उद्धरण से यह भी सूचित होता है कि उत्तर-मद्र देश में वैराज्यप्रथा थी जिसका अर्थ बिना राज्य की शासन-पद्धति अथवा गणराज्य का कोई प्रकार हो सकता है।<ref>(देखें उत्तरकुरु)</ref> नं. ला. डे<ref>Geographical Dictionary of Ancient India</ref> के अनुसार [[फ़ारस]] का मीडिया प्रान्त ही उत्तर-मद्र हैं। | इस उद्धरण से यह भी सूचित होता है कि उत्तर-मद्र देश में वैराज्यप्रथा थी जिसका अर्थ बिना राज्य की शासन-पद्धति अथवा गणराज्य का कोई प्रकार हो सकता है।<ref>(देखें उत्तरकुरु)</ref> नं. ला. डे<ref>Geographical Dictionary of Ancient India</ref> के अनुसार [[फ़ारस]] का मीडिया प्रान्त ही उत्तर-मद्र हैं। |
11:33, 29 जून 2011 का अवतरण
![]() |
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
ऐतरेय ब्राह्मण में उत्तरमद्र के निवासियों का हिमवान् के पार के प्रदेश में वर्णन है और उन्हें उत्तर कुरु के पार्श्व में बसा हुआ बताया गया है। जिमर और मेकडॉनेल्ड के अनुसार उत्तर-मद्र का देश वर्तमान कश्मीर में सम्मिलित था। दक्षिण-मद्र रावी और चिनाब के बीच का प्रदेश था। ऐतरेय ब्राह्मण का उल्लेख इस प्रकार है-
- 'एतस्यामुदीच्यां दिशि ये के च परेण हिमवन्तं जनपदा उत्तरकुरब उत्तरमद्रा इति वैराज्यायैव तेऽभिषिच्यिन्ते'।[1]
इस उद्धरण से यह भी सूचित होता है कि उत्तर-मद्र देश में वैराज्यप्रथा थी जिसका अर्थ बिना राज्य की शासन-पद्धति अथवा गणराज्य का कोई प्रकार हो सकता है।[2] नं. ला. डे[3] के अनुसार फ़ारस का मीडिया प्रान्त ही उत्तर-मद्र हैं।