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-द्विगु | -द्विगु | ||
+बहुब्रीहि | +बहुब्रीहि | ||
{'[[कुरुक्षेत्र]]' को क्या कहा जाता है। | {'[[कुरुक्षेत्र]]' को क्या कहा जाता है। | ||
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-यज्ञक्षेत्र | -यज्ञक्षेत्र | ||
{[[हिन्दी]] वर्णमाला में स्वरों की संख्या है? | {[[हिन्दी]] [[वर्णमाला (व्याकरण)|वर्णमाला]] में [[स्वर (व्याकरण)|स्वरों]] की संख्या कितनी है? | ||
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-आठ | -आठ | ||
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+[[मैथिली भाषा]] | +[[मैथिली भाषा]] | ||
-खड़ी बोली | -खड़ी बोली | ||
||मैथिली [[हिन्दी]] प्रदेश की उपभाषा '[[बिहारी भाषाएँ|बिहारी]]' की एक बोली है। | ||'मैथिली भाषा' [[हिन्दी]] प्रदेश की उपभाषा '[[बिहारी भाषाएँ|बिहारी]]' की एक बोली है। मैथिली नाम उस क्षेत्र के '[[मिथिला]]' से सम्बद्ध है। मिथिला शब्द भारतीय [[साहित्य]] में बहुत पहले से ही विद्यमान है। [[मैथिली भाषा]] मुख्य रूप से [[भारत]] में उत्तरी [[बिहार]] और [[नेपाल]] के तराई के ईलाक़ों में बोली जाने वाली [[भाषा]] है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मैथिली भाषा]] | ||
{[[भक्ति]] को [[रस]] रूप में प्रतिष्ठित करने वाले आचार्य कौन हैं? | {[[भक्ति]] को [[रस]] रूप में प्रतिष्ठित करने वाले आचार्य कौन हैं? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-मधुसूसन सरस्वती | -[[मधुसूसन सरस्वती]] | ||
-जीव गोस्वामी | -[[जीव गोस्वामी]] | ||
+[[वल्लभाचार्य]] | +[[वल्लभाचार्य]] | ||
-[[रूप गोस्वामी]] | -[[रूप गोस्वामी]] | ||
||श्री [[वल्लभाचार्य]] जी विष्णुस्वामी संप्रदाय की परंपरा में एक स्वतंत्र | ||श्री [[वल्लभाचार्य]] जी विष्णुस्वामी संप्रदाय की परंपरा में एक स्वतंत्र भक्तिपंथ के प्रतिष्ठाता, शुद्धाद्वैत दार्शनिक सिद्धांत के समर्थक, प्रचारक और भगवत-अनुग्रह प्रधान एवं [[भक्ति]] सेवा समन्वित 'पुष्टिमार्ग' के प्रवर्त्तक थे। वे जिस काल में उत्पन्न हुए थे, वह राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक सभी दृष्टियों से बड़े संकट का समय था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वल्लभाचार्य]] | ||
{[[ह्रदय]] की वह कौन-सी स्थायी दशा है, जो सदाचार को प्रेरित करती है? | {[[ह्रदय]] की वह कौन-सी स्थायी दशा है, जो सदाचार को प्रेरित करती है? | ||
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-ज्ञान दशा | -ज्ञान दशा | ||
+शील दशा | +शील दशा | ||
-भक्ति दशा | -[[भक्ति]] दशा | ||
{प्रयोगवाद को 'बैठे ठाले का धन्धा' किस अलोचक ने कहा? | {प्रयोगवाद को 'बैठे ठाले का धन्धा' किस अलोचक ने कहा? | ||
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-[[रामविलास शर्मा]] | -[[रामविलास शर्मा]] | ||
-शिवदानसिंह चौहान | -शिवदानसिंह चौहान | ||
-नामवर सिंह | -नामवर सिंह | ||
{[[चंदबरदाई]] किसके दरबारी कवि थे? | {[[चंदबरदाई]] किसके दरबारी कवि थे? | ||
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-[[महाराणा प्रताप]]के | -[[महाराणा प्रताप]] के | ||
-महाराज | -[[बीसलदेव|महाराज बीसलदेव]] के | ||
+[[पृथ्वीराज चौहान]] के | +[[पृथ्वीराज चौहान]] के | ||
-महाराज हम्मीर के | -महाराज हम्मीर के | ||
||[[चित्र:Prithvi-Raj-Chauhan-Statue-Ajmer.jpg|right|120px|पृथ्वीराज चौहान]][[कन्नौज]] के शासक [[जयचंद्र]] की पुत्री [[संयोगिता]] [[पृथ्वीराज चौहान]] से प्रेम करती थी, और पृथ्वीराज उसे भगा ले गए थे। इस घटना के कारण जयचंद्र क्रोध से भर गया था। पर अब अनेक इतिहासकार इस कथन को स्वीकार नहीं करते। यह कहानी बहुत बाद में कवि [[चंदबरदाई]] ने लिखी, जो कि पृथ्वीराज चौहान के दरबार के राजकवि थे। यथार्थ में इन दोनों राजाओं के बीच पुरानी दुश्मनी थी और इस कारण कोई आश्चर्य की बात नहीं कि, जयचंद्र ने पृथ्वीराज का साथ नहीं दिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पृथ्वीराज चौहान]] | |||
{'कलम | {'कलम का जादूगर' किसे कहा जाता है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[प्रेमचंद]] | -[[प्रेमचंद]] | ||
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|type="()"} | |type="()"} | ||
+ज्ञानमार्गी | +ज्ञानमार्गी | ||
-प्रेममार्गी | -[[प्रेमाश्रयी शाखा|प्रेममार्गी]] | ||
-कृष्णमार्गी | -[[कृष्णाश्रयी शाखा|कृष्णमार्गी]] | ||
-राममार्गी | -राममार्गी | ||
{'विपाशा' | {'विपाशा पत्रिका' का प्रकाशन किस प्रदेश से होता है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[उत्तर प्रदेश]] | +[[उत्तर प्रदेश]] | ||
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-[[हिमाचल प्रदेश]] | -[[हिमाचल प्रदेश]] | ||
-[[बिहार]] | -[[बिहार]] | ||
||[[चित्र:Tajmahal-1.jpg|ताजमहल, आगरा|100px|right]]उत्तर प्रदेश [[भारत]] का जनसंख्या के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। [[लखनऊ]] प्रदेश की प्रशासनिक राजधानी और [[इलाहाबाद]] न्यायिक राजधानी है। उत्तर प्रदेश के दूसरे महत्त्वपूर्ण नगर- [[आगरा]], [[अलीगढ़]], [[अयोध्या]], [[बरेली]], [[मेरठ]], [[वाराणसी]] (बनारस), [[गोरखपुर]], [[ग़ाज़ियाबाद]], [[मुरादाबाद]], [[सहारनपुर]], फ़ैज़ाबाद, [[कानपुर]] हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[उत्तर प्रदेश]] | ||[[चित्र:Tajmahal-1.jpg|ताजमहल, आगरा|100px|right]]उत्तर प्रदेश [[भारत]] का जनसंख्या के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। [[लखनऊ]] प्रदेश की प्रशासनिक राजधानी और [[इलाहाबाद]] न्यायिक राजधानी है। उत्तर प्रदेश के दूसरे महत्त्वपूर्ण नगर- [[आगरा]], [[अलीगढ़]], [[अयोध्या]], [[बरेली]], [[मेरठ]], [[वाराणसी]] ([[बनारस]]), [[गोरखपुर]], [[ग़ाज़ियाबाद]], [[मुरादाबाद]], [[सहारनपुर]], फ़ैज़ाबाद, [[कानपुर]] हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[उत्तर प्रदेश]] | ||
{साहित्य को क्या माना गया है? | {[[साहित्य]] को क्या माना गया है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-कठिन साधना और तपस्या | -कठिन साधना और तपस्या | ||
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-लेखन तपस्या और कठिन साधना | -लेखन तपस्या और कठिन साधना | ||
{' | {निम्न में से किन्हें 'राष्ट्रकवि' कहा जाता है? | ||
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+[[रामधारी सिंह दिनकर]] | +[[रामधारी सिंह दिनकर]] | ||
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-[[नागार्जुन]] | -[[नागार्जुन]] | ||
-[[सुमित्रानंदन पंत]] | -[[सुमित्रानंदन पंत]] | ||
||[[चित्र:Ramdhari-Singh-Dinkar-2.jpg|रामधारी सिंह दिनकर|100px|right]][[हिन्दी]] के सुविख्यात कवि [[रामधारी सिंह दिनकर]] का जन्म 23 सितंबर, 1908 ई. में सिमरिया, [[मुंगेर]] ज़िला ([[बिहार]]) में एक सामान्य किसान 'रविसिंह' तथा उनकी पत्नी 'मनरूप देवी' के पुत्र के रूप में हुआ था। रामधारी सिंह दिनकर एक ओजस्वी राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत कवि के रूप में जाने जाते थे। उनकी कविताओं में छायावादी युग का प्रभाव होने के कारण [[श्रृंगार रस]] के भी प्रमाण मिलते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रामधारी सिंह दिनकर]] | |||
||[[चित्र:Ramdhari-Singh-Dinkar-2.jpg|रामधारी सिंह दिनकर|100px|right]]हिन्दी के सुविख्यात कवि | |||
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05:51, 8 अगस्त 2011 का अवतरण
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