"सदस्य:लक्ष्मी गोस्वामी/अभ्यास6": अवतरणों में अंतर

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-खड़ी बोली
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{'[[जनमेजय]] का नागयज्ञ' किसकी कृति हैं?  
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-सेठ गोविन्द दास  
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-[[रामायण]]  
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-साकेत
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||[[चित्र:Kamayani.jpg|thumb|100px|right|कामायनी]]'कामायनी' की कथा पन्द्रह सगों में विभक्त है, जिनका नामकरण चिंता, आशा, श्रद्धा, काम, वासना, लज्जा आदि मनोविकारों के नाम पर हुआ है। 'कामायनी' आदि मानव की कथा तो है ही, पर इसके माध्यम से कवि ने अपने युग के महत्त्वपूर्ण प्रश्नों पर विचार भी किया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कामायनी]]
||[[चित्र:Kamayani.jpg|100px|right|कामायनी]]'कामायनी' की कथा पन्द्रह सगों में विभक्त है, जिनका नामकरण चिंता, आशा, श्रद्धा, काम, वासना, लज्जा आदि मनोविकारों के नाम पर हुआ है। 'कामायनी' आदि मानव की कथा तो है ही, पर इसके माध्यम से कवि ने अपने युग के महत्त्वपूर्ण प्रश्नों पर विचार भी किया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कामायनी]]


{[[हिन्दी]] नाटकों के मंचन में 'यक्षगान' का प्रयोग किसने किया है?  
{[[हिन्दी]] नाटकों के मंचन में 'यक्षगान' का प्रयोग किसने किया है?  
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-[[तमिल भाषा]]
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-[[उर्दू भाषा]]
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||[[चित्र:Mahatma Gandhi International Hindi University.jpg|thumb|100px|right|महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय ]][[भारत]] में सर्वाधिक प्रचलित लिपि जिसमें संस्कृत, हिन्दी और मराठी भाषाएँ लिखी जाती हैं। इस शब्द का सबसे पहला उल्लेख 453 ई. में जैन ग्रंथों में मिलता है। 'नागरी' नाम के संबंध में मतैक्य नहीं है। कुछ लोग इसका कारण नगरों में प्रयोग को बताते हैं। यह अपने आरंभिक रूप में [[ब्राह्मी लिपि]] के नाम से जानी जाती थी। इसका वर्तमान रूप नवी-दसवीं शताब्दी से मिलने लगता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हिन्दी भाषा]]  
||[[चित्र:Hindi-Alphabhet.jpg|100px|right|महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय ]][[भारत]] में सर्वाधिक प्रचलित लिपि जिसमें संस्कृत, हिन्दी और मराठी भाषाएँ लिखी जाती हैं। इस शब्द का सबसे पहला उल्लेख 453 ई. में जैन ग्रंथों में मिलता है। 'नागरी' नाम के संबंध में मतैक्य नहीं है। कुछ लोग इसका कारण नगरों में प्रयोग को बताते हैं। यह अपने आरंभिक रूप में [[ब्राह्मी लिपि]] के नाम से जानी जाती थी। इसका वर्तमान रूप नवी-दसवीं शताब्दी से मिलने लगता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हिन्दी भाषा]]  


{अधिकतर भारतीय भाषाओं का विकास किस लिपि से हुआ?
{अधिकतर भारतीय भाषाओं का विकास किस लिपि से हुआ?
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-ब्राचड़  
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{श्रृंगार रस का स्थायी भाव क्या है?
{श्रृंगार रस का स्थायी भाव क्या है?

14:39, 25 अगस्त 2011 का अवतरण

हिन्दी

1 कबीरदास की भाषा थी?

ब्रज भाषा
कन्नौजी बोली
सधुक्कड़ी बोली
खड़ी बोली

2 'जनमेजय का नागयज्ञ' किसकी कृति हैं?

सेठ गोविन्द दास
जयशंकर प्रसाद
लक्ष्मी नारायण लाल
गोविन्द वल्लभ पन्त

3 'श्रद्धा' किस कृति की नायिका है?

कामायनी
कुरुक्षेत्र
रामायण
साकेत

4 हिन्दी नाटकों के मंचन में 'यक्षगान' का प्रयोग किसने किया है?

गिरीश कर्नाड
इब्राहिम अल्काजी
सत्यदेव दुबे
कारंत

5 आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के निबन्ध संग्रह का नाम है?

चिंतामणि
झरना
आँसू
कामायनी

6 भारत में सर्वाधिक किस भाषा का प्रयोग किया जाता है?

हिन्दी भाषा
संस्कृत भाषा
तमिल भाषा
उर्दू भाषा

7 अधिकतर भारतीय भाषाओं का विकास किस लिपि से हुआ?

शारदा लिपि
खरोष्ठी लिपि
कुटिल लिपि
ब्राह्मी लिपि

8 हिन्दी खड़ी बोली किस अपभ्रंश से विकसित हुई है?

मागधी
अर्द्धमागधी
शौरसेनी
ब्राचड़

9 श्रृंगार रस का स्थायी भाव क्या है?

उत्साह
शांत
अद्भुत
बीभत्स

10 माधुर्य गुण का किस रस में प्रयोग होता है?

शांत रस
श्रृंगार
भयानक
रौद्र रस

11 नवल सुन्दर श्याम में कौन-सा अलंकार है?

रूपक अलंकार
उल्लेख अलंकार
उपमा अलंकार
यमक अलंकार

12 'कामायनी' किस प्रकार का ग्रंथ है?

खण्ड काव्य
मुक्तक काव्य
महाकाव्य
चम्पू काव्य

13 कालिदास की अन्तिम रचना 'अभिज्ञान शाकुन्तलम्' का हिन्दी अनुवाद किसने किया था?

सदासुख लाल
गोस्वामी विट्ठलनाथ
राजा लक्ष्मण सिंह
राजा शिवप्रसाद

14 तुलसीदास ने अपनी रचनाओं में किसका वर्णन किया है?

शिव
कृष्ण
राम
विष्णु