"नायब-ए-मुमालिकत": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "==संबंधित लेख==" to "==संबंधित लेख== {{सल्तनतकालीन प्रशासन}}") |
आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''नायब-ए-मुमालिकत''' पद दीवान-ए-रसालत विभाग के अंतर्गत आता था। | '''नायब-ए-मुमालिकत''' पद [[दीवान-ए-रसालत]] विभाग के अंतर्गत आता था। | ||
[[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में [[सल्तनत काल]] में इस पद की स्थापना [[इल्तुतमिश]] के पुत्र [[मुइज़ुद्दीन बहरामशाह]] के समय में उसके सरदारों द्वारा की गई। इस पद का महत्त्व अयोग्य [[सुल्तान|सुल्तानों]] के समय में अधिक रहा, ऐसी स्थिति में यह पद सुल्तान के बाद माना जाता था। नायब के पद पर आसीन होने वाला प्रथम व्यक्ति ऐतगीन था। नायब के पद का सर्वाधिक प्रयोग [[बलबन]] ने किया। | [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में [[सल्तनत काल]] में इस पद की स्थापना [[इल्तुतमिश]] के पुत्र [[मुइज़ुद्दीन बहरामशाह]] के समय में उसके सरदारों द्वारा की गई। इस पद का महत्त्व अयोग्य [[सुल्तान|सुल्तानों]] के समय में अधिक रहा, ऐसी स्थिति में यह पद सुल्तान के बाद माना जाता था। नायब के पद पर आसीन होने वाला प्रथम व्यक्ति ऐतगीन था। नायब के पद का सर्वाधिक प्रयोग [[बलबन]] ने किया। |
14:01, 8 सितम्बर 2011 का अवतरण
नायब-ए-मुमालिकत पद दीवान-ए-रसालत विभाग के अंतर्गत आता था।
भारत के इतिहास में सल्तनत काल में इस पद की स्थापना इल्तुतमिश के पुत्र मुइज़ुद्दीन बहरामशाह के समय में उसके सरदारों द्वारा की गई। इस पद का महत्त्व अयोग्य सुल्तानों के समय में अधिक रहा, ऐसी स्थिति में यह पद सुल्तान के बाद माना जाता था। नायब के पद पर आसीन होने वाला प्रथम व्यक्ति ऐतगीन था। नायब के पद का सर्वाधिक प्रयोग बलबन ने किया।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख